क्यों हो रहे तुम असफल ?

World Of Winner
0





(toc) #title=(Table Of Content)

 


1. क्यों हो रहे तुम असफल ?


यदि कोई कार्य सिद्ध नहीं हो रहा,यदि तुम्हारी मंजिल कठिन प्रयासों के बाद भी तुम्हे निराश कर रही है, तो इससे कभी हार मत मानना ना ही अपरोत्साहित होना क्योकि ऐसा इसलिए हो रहा है,ताकि तुम्हारे भीतर छुपी शक्तियों का तुम्हे एहसास हो सके।तुम कुछ बड़ा कर सकते हो मगर तुम्हे अपनी क्षमताओं का ज्ञात ही नहीं इसलिए बार-बार उस कार्य में बाधा उत्पन्न हो रहा इसका मतलब ये नहीं कि तुम्हे सफलता नहीं मिलेगी। 


तुम्हे अनेको बाधाओं को खत्म कर अपनी मंजिल को हासिल करना है, और ऐसा तभी होगा जब तुम हिम्मत नहीं हारोगे और पुनः प्रयास करोगे। इंसान यदि ठान ले तो असंभव को भी संभव बना सकता है,पत्थर को भी पिघला सकता है,भगवान से भी साक्षात्कार कर सकता है। 


तुम कैसे इतनी जल्दी हार मान गए ? तुम कैसे भूल गए कि उसी परमपिता परमात्मा की संतान हो जिस परमपिता परमात्मा से ये समस्त संसार है ? 


2. ईश्वर क्यों आपकी इतनी परीक्षाएं लेते है ?


उसी परमपिता परमात्मा के द्वारा इस संसार की रचना हुई है,संसार में जो भी वो उस परमपिता परमात्मा से ही है, सबका निर्माण उसी परमपिता परमात्मा से हुआ है, अपनी संतानो को कभी वो निराश नहीं कर सकते, ना ही अपनी संतानो का कभी अहित कर सकते है। इसी बात का तुम्हे वो एहसास कराना चाहते है कि मेरी प्रिय संतान मैंने ही तुम्हे ये जीवन प्रदान किया है, मैं तुम्हे कैसे निराश कर सकता हूँ, मैं तो तुम्हारी मदद कर दूंगा,मगर मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी शक्तियों और अपनी क्षमताओं से वाकिफ हो सको जिससे तुम मजबूत बन सको, तुम कभी किसी पर निर्भर ना रहो इसलिए मैंने तुम्हारी परीक्षा ली है। 


आसानी से यदि तुम्हे कोई भी वस्तु या कामयाबी प्राप्त हो जाएगी तो तुम्हे उसकी अहमियत कैसे पता चलेगी  ?


कोई भी मंजिल प्राप्त करना कठिन नहीं होता, मनुष्य की सोच ही उसे कठिन बनाती है।जब तुम अपने विद्यालय जाते थे,तो तुम्हारे ज्ञान को जानने और परखने के लिए तुम्हारे शिक्षक तुम्हारी परीक्षा लेते थे, क्या बिना पढ़े कोई भी परीक्षा पास किया जा सकता है ? नहीं किया जा सकता,क्योकि जब तक हमे हर सवालों का जवाब पता नहीं होगा तब तक हमारा कोई इम्तिहान पास नहीं होगा।  


कुछ लोग कहते है कि सबका दिमाग तेज नहीं होता, मगर दिमाग का आकार  तो सभी मनुष्यो का एक समान ही होता है, फिर ये भेद क्यों ? 


दिमाग सबका तेज ही होता है,मगर दिमाग तेज तभी होता है जब तुम अपनी सकारात्मक सोच को तथा अपने धैर्य को बनाए रखते हो। अपने दिमाग को चिंताओं के बोझ से मुक्त रखने से ही दिमाग सही से कार्य करता है, दिमाग को शांत रखने से ही दिमाग तेज होता है। 


3. हमारा कार्य कैसे सफल होता है ?


कोई भी कार्य तभी सफल होता है, जब हम अपनी सहनशीलता  को बनाए रखते है। परेशान होने से, हिम्मत खोने से कोई भी कार्य या समस्या का समाधान नहीं होता। इस दुनिया में खाई में धकेलने वाले अधिक मिलेंगे और खाई से बाहर निकालने वाले लोग बहुत कम मिलेंगे। मैं आज तक समझ नहीं पाई कैसे लोग किसी को असफल होते देख खुश हो सकते है ? कुछ लोग जानबूझ कर तुम्हे गलत सलाह देते है, ताकि तुम हिम्मत खो कर आगे ना बढ़ो और तुम्हे कामयाबी हासिल ना हो सके। 


जब बिना मन लगाए हम कोई कार्य करते है,तो वो कार्य कभी हमे बेहतर परिणाम नहीं दे सकता। इसलिए सच्चे दिल से पूरी शिद्दत से प्रत्येक मनुष्य को कोई भी कार्य करना चाहिए, यकीन मानो तुम्हे ऐसा करने से अवश्य सफलता मिलेगी और तुम जीवन में कभी निराश नहीं होंगे।  


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)