जीवन भर की निराशा से छुटकारा पाने का रहस्य

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जीवन में अक्सर विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य विचलित और परेशान हो जाते हैं। क्योकि अक्सर दुःख और परेशानी हमारे धैर्य और हमारे हौशले को कमजोर बना देती हैं।आप खुद ही विचार करे और जरा सोचे की जब आपके दिमाग में कोई बात सदैव आपको विचलित करेगी तो क्या आप कोई भी सही फैसला ले पाने में सक्षम होंगे ? 


1. कोई भी फैसला लेने से पूर्व एक बात पर विशेष ध्यान दे।


आप सक्षम नहीं होंगे क्योकि शांत चित्त ही किसी को भी शांति दे सकता हैं अशांत चित्त एकमात्र अशांति ही प्रदान करता हैं। जब आपके आस पास बहुत तीव्र आवाज़ में कोई गाने का या कोई अन्य शोर होता हैं, तो आपको बेशक सुकून महसूस नहीं होगा और ये अगर ज्यादा देर तक शोर होता रहे तो ज़ाहिर हैं सर दर्द जैसी समस्या ही उत्पन्न करेगा। तो सोचिए यदि आप पुरे समय दुःखी रहेंगे या नकारात्मक विचारो को खुद पर हावी करेंगे तो आपको इसका सकारात्मक परिणाम कैसे मिल सकता हैं ? 


2. मन और मस्तिष्क का शांत रहना क्यों है बेहद जरूरी ?


हर समस्या का समाधान होता हैं और हर दुःख का अंत भी अवश्य होता हैं। जैसे वक़्त किसी के मुट्ठी में कैद नहीं रह सकता ठीक वैसे कोई भी बुरा वक़्त अधिक समय तक नहीं टिक सकता। समय का चक्र बदलता रहता हैं। क्योकि अगर समय तेजी से आगे नहीं बढ़ेगा, तो संसार का कार्यकल्प रुक जाएगा।  आसान भाषा में समझाने का प्रयास करती हूँ। जब आपसे खाने में यदि नमक अधिक तेज हो जाए तो क्या आप खाना खा सकेंगे ? नहीं खा सकेंगे। ठीक वैसे उदास मन  विचलित तथा अशांत मन कभी मनुष्य को सही राह नहीं दिखा सकता हैं। क्योकि अधिक चिंता मनुष्य के चित्त को हर लेती हैं, जिसे संत कबीरदास ने भी अपने दोहे में सभी को समझाने का प्रयास किया हैं-


चिंता से चतुराई घटे, दु:ख से घटे शरीर। लोभ किये धन घटे, कह गये दास कबीर।।


अर्थात चिंता से आपकी चतुराई घट जाती हैं, और अधिक दुःखी रहने से आपका शरीर कमजोर होने लगता हैं, और अधिक लालच करने से आपका धन कम होने लगता हैं। बड़े-बड़े महाज्ञानी महापुरुषों ने भी सबको यही समझाने का प्रयास किया हैं की असंभव कुछ भी नहीं। संसार के हर मनुष्य में इतनी क्षमता हैं की वो अपना भाग्य स्वयं सुनिश्चित कर सकता हैं और अपना भाग्य भी बदल सकता हैं।


 3. सकारात्मक सोच का लाभ। 


आप मनुष्य बस अपने जीवन में कुछ सीख को अमल करे और निरंतर प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास करे। क्योकि आपकी सोच शक्ति ही इतनी प्रबल होती हैं जो आपके सकारात्मक विचारो के  माध्यम से आपसे कई बड़े से बड़े और कठिन से कठिन कार्यो को करा पाने में सक्षम हैं। आप अपनी दिनचर्या का एक सही समय निश्चित करे। प्रातः काल उठने का प्रयास करे और एक कागज़ पर अपनी कोई भी इच्छा या मनोकामना लिखने की आदत डाले, और सुबह उठ कर इसे कई बार अपने मन में बोले तथा रात्रि सोने से पहले इसे कई बार बोल कर सोए। 


4. जीवन भर की निराशा से छुटकारा पाने का रहस्य


आप अपने इष्ट देवी या देवता जिसे भी मानते हैं उनका एक मंत्र प्रतिदिन 108 बार जाप अवश्य करे। अपने घर में या घर से बाहर किसी भी बड़े और बुजुर्गो का भूल कर भी अपमान ना करे। क्योकि आपके इष्ट और देवी-देवता तभी आपसे प्रसन्न होते हैं जब आपका ह्रदय  निर्मल होता हैं, और आप सबको एक समान आदर और सम्मान देते हो। बस आप अपने जीवन में इन सीखो को अपना कर देखिए, आप जीवन के किसी भी मोड़ पर ना ही खुद को अकेला पाएंगे और ना ही कभी हार मानेगे।


 संसार में आपके हाथ थामने वाले बहुत कम मिलेंगे, और मुसीबत में हाथ छुड़ाने वाले बहुत अधिक मिलेंगे, मगर जो सच्चा होगा उसका हाथ थामने स्वयं ईश्वर आएंगे ये कोई मजाक और किताबी बाते नहीं ना ही कोई झूठी उम्मीदे हैं। यह मेरा पूर्णतः विश्वास हैं जो आज मैं उन लोगो को समझाने का प्रयास कर रही जो मुसीबत में हौशला खो देते हैं और दुसरो के पास अपनी समस्या के हल के लिए जाते हैं। ये जरूरी नहीं आपको सब सही रास्ता दिखाएंगे या सही रास्ते तक ले जाएंगे क्योकि आपकी मंज़िल का पता केवल आपके पास मौजूद हैं क्योकि ये जीवन आपका हैं किसी और का नहीं। 


आपकी हर समस्या का समाधान आपके पास हैं, जरुरत हैं तो बस सही निर्णय और दिशा की तरफ रुख मोड़ने की। 



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