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ये मत सोचना तुम्हारे आतंक और जुल्म से ये दुनिया भयभीत हैं, ये मत सोचना की हर अधर्म और पाप को देख ईश्वर चुप हैं, ये मत सोचना तुम्हारे अपराधों से तुमने कोई महानता हासिल कर ली,ये ना सोचना पूरी दुनिया को नहीं पता किसने कब कहां किसके साथ एक जघन अपराध और जुर्म को अंजाम दिया ?
दुनिया तुमसे अनजान हैं देश की कानून तुमसे अनजान हैं मगर कोई ऐसा तो हैं जिसके सामने कानून भी अपना शीश उठा कर खड़ा नहीं हो सकता वो हैं बस कुदरत का कानून। कब तक छुपोगे तुम ? कब तक बचोगे तुम ? नियति ने तुम अधर्मियों और पापियों के लिए भी एक समय तय किया हैं जिसका पता तुम्हे नहीं मगर ये नियति तो सब जानती हैं सबकी काली करतूतों को पहचानती हैं।
1.कलयुगी राजसिंहासन क्यों है निरर्थक ?
बड़े से बड़े महाराजाओं की राजगद्दिया छिन्न गई उनकी एक भूल से उनका सम्मान मिट्टी में मिल गया ये तो कलयुगी राजसिंहासन हैं जो पाप और अधर्म के बोझ तले दब कर कब मिट्टी में मिल जाएगा इसका किसी को पता नहीं। मेरी बातें आज वही समझ पाएगा जिसने स्वयं को कलयुग के बुराई से सुरक्षित रखा हैं मगर जो मनुष्य इस कलयुग के मायाजाल में फंस चुके हैं उन्हें मेरी बाते आज कड़वी लग सकती हैं।
पहले मैंने अपने लेख के माध्यम से समझाने का प्रयास किया अब भी वक्त हैं संभल जाओ मगर आज मैं कहती हूँ अब वक्त नहीं संभलने का अब वक्त हैं नियति के हस्तछेप करने का हर अधर्मियों के कुकर्मो की सजा देने का क्योकि जो अन्याय और पाप दुष्टो से हुआ हैं वो किसी माफ़ी के काबिल नहीं ऐसे पापियों की बस एक ही सजा हैं वो हैं मृत्यु उनका सर्वनाश।
* भूल हुई हैं ईश्वर से जो उन्होंने तुम्हे मनुष्य बनाया, बन कर भी मनुष्य तुम्हारे भीतर इंसानियत ना समा पाया, आज रो-रो अपना इंसाफ मांग रही वो मासूम जिनकी कर दी तुमने बड़ी बेरहमी से निर्मम हत्या।।
जिस दिन देश का कानून जाग जाएगा, उस दिन से देश में आतंक मिट जाएगा, क्या फायदा देश में ऐसे सरकार का जो सत्य जान कर भी उस सत्य पर पर्दा डालने का प्रयास करे ? मंदिर तो सब जाते हैं मंदिर जाने से पूर्व स्वयं को पवित्र करने के लिए स्नान अवश्य करते हैं मगर अपने मन को यदि पवित्र किया होता तो आयोध्या का राम मंदिर हो ,हरिद्वार का तीर्थ धाम और काशी का विश्वनाथ मंदिर भी तुम्हे अपने घरो में नजर आता।
* मरकर भी उस मासूम की आत्मा मुक्ति नहीं पाई हैं,सिसक-सिसक कर जो मांग रही इंसाफ की दुहाई हैं,मगर देश में कानून की व्यवस्था किसी मासूम के दर्द को कहां जान पाई हैं ?
2. कोई भी इंसान चुप्पी धारण कब करता हैं ?
जब उसे सच के अंजाम का पता होता हैं या जब कोई किसी अपराध को छुपाने का प्रयास करता हैं। आज देश की सरकार ने जिस तरह चुप्पी धारण कर रखी हैं इससे साफ जाहिर होता हैं की जल्द ही देश की सरकार खतरे में पड़ सकती हैं।
जब किसी को कोई पद सौपा जाता हैं तो इस विश्वास के साथ सौपा जाता हैं, की वो इस पद की गरिमा बनाए रखे अपने कर्तव्यों का दायित्वों का सही तरीके से पालन करे मगर जब कोई अपने पद का दुरूपयोग करने लगे तो क्या फायदा उसके इस पद का ? बहुत जल्द देश में कुछ बड़ा होने वाला हैं क्योकि जो परिस्थिति आज आप सबके सामने आ कर खड़ी हैं वो काफी दयनीय हैं जो की बहुत बड़ी तबाही की ओर संकेत कर रहा इस तबाही की चपेट में एकमात्र देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आने वाली हैं।