तुम्हारा व्यक्तित्व ही तुम्हारी छवि को दर्शाता हैं,इसलिए सर्वप्रथम तुम्हे अपने व्यक्तित्व को निखारने की जरूरत हैं। माना कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी को इतनी फुर्सत नहीं कि वो खुद पर ध्यान दे सके,मगर यदि जब तुम्हे ही खुद के लिए समय नहीं तो तुम औरों के लिए क्या समय निकालोगे ?
व्यर्थ की बातो के लिए और व्यर्थ के कामो के लिए तुम अपना समय बर्बाद कर देते हो मगर जो सबसे अहम बात हैं जिसका जुड़ाव तुम्हारी जिंदगी से हैं तुम उसी महत्वपूर्ण काम के लिए समय नहीं निकाल सकते तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी भूल हैं।
(toc) #title=(Table Of Content)
इस दुनिया में हर इंसान तुम्हारा शत्रु नहीं और ना है हर इंसान तुम्हारा हमदर्द हो सकता हैं, जब तक तुम स्वयं कोई प्रतिक्रिया नहीं देते कोई तुम्हे उस प्रतिक्रिया का उत्तर नहीं दे सकता।
1. आपके व्यक्तित्व को निखारने में सबसे अहम भूमिका कौन निभाता है ?
सबसे मुख्य बात तो ये हैं तुम्हारे व्यक्तित्व को जो उजागर करता हैं, उसमे सबसे मुख्य भूमिका तुम्हारा व्यवहार निभाता हैं,क्योकि तुम्हारे व्यवहार से ही तुम्हारे संस्कार का पता चलता हैं।
यदि तुम्हारा व्यवहार किसी के लिए अच्छा नहीं तो कोई भी तुमसे प्रभावित या प्रसन्न नहीं हो सकता,भले ही तुम्हारे सामने कोई कुछ ना कहे मगर तुम्हारे पीठ पीछे लोग तुम्हारी आलोचना अवश्य करते हैं। जिससे तुम्हारा व्यक्तित्व लोगो के समक्ष खराब होने लगता हैं। अच्छी आदते, अच्छे संस्कार और अच्छे व्यवहार का ज्ञान यदि सबमे समाहित होता तो आज इस संसार की दशा ही कुछ और होती,कोई भी व्यक्ति किसी का शत्रु ना होता कोई भी अपराध करने वाला इस धरा पर पैदा ना होता।
जैसे तुम्हारे नाम के द्वारा ही तुम जाने जाते हो,ठीक वैसे ही अच्छा व्यक्तित्व तुम्हारे नाम की शोभा बढ़ाने का कार्य करता हैं, जिससे तुम्हारे नाम की कीर्ति चारो ओर फैलती हैं और लोग तुम्हारे नाम का मिशाल देते हैं।
एकमात्र किताबों को रटने से और बड़ी डिग्री हासिल करने से तुम्हारा व्यक्तित्व नहीं निखरता जब तक तुम्हे सही-गलत का बोध नहीं होता,जब तक तुम्हे सामाजिक ज्ञान की अनुभूति नहीं होती तब तक तुम्हारा व्यक्तित्व अधूरा कहलाता हैं।
2. अपने व्यक्तित्व को कैसे निखारे ?
एक अच्छा व्यक्तित्व तभी उभर सकता हैं जब तुम अपनी सोच में परिवर्तन लाने का प्रयास करते हो,जब तुम्हारे विचार सही दिशा में जाने लगते हैं,जब तुम्हारे दिल में किसी के प्रति कोई ईर्ष्या, अहंकार,और नफरत जैसी भावनाएं जन्म नहीं लेती तब तुम सारे बुरे विकारो से मुक्त होने लगते हो, तुम्हे ना तो किसी की कोई बात परेशान कर सकती हैं,और ना ही किसी को तुम्हारी बाते तकलीफ पहुंचा सकती हैं,इस तरह तुम्हारी एक अच्छी छवि लोगो के समक्ष उभर कर बाहर आने लगती हैं,जिसे देख हर कोई तुमसे प्रभावित होने लगता हैं,तुम सबके लिए खास बनने लगते हो,क्योकि तुम्हारा व्यक्तित्व निखरने लगता हैं।
खुद से प्यार करना सीखो,अपनी जिंदगी को महत्व देना सीखो फिर देखो कैसे तुम्हारी जिंदगी बदलने लगती हैं,और तुम्हारी जिंदगी सही दिशा की ओर बढ़ने लगती हैं। किसी की कामयाबी को देख ईर्ष्या करना, किसी को खुश देख कर उसकी खुशियों से जलना ये सब तुम्हारे व्यक्तित्व को शोभा नहीं देता,इन्ही वजहों से तुम्हारा व्यक्तित्व खराब होने लगता हैं,और कोई भी तुम्हे पसंद नहीं करता। फिर ऐसा क्यों बनना जिससे कोई तुम्हे नापसंद करे,कोई तुम्हारी आलोचना करे।
हमेशा याद रखना जैसे ये जिंदगी एक बार मिलती हैं,जैसे ये जिंदगी किसी को एक बार मौका देती हैं, ठीक वैसे ही ''तुम्हारा व्यक्तित्व भी एक बार निखर सकता हैं,यदि तुम पहले से अपना व्यक्तित्व और अपनी छवि नहीं सुधारते तो बाद में यदि तुम उसे सुधारने का प्रयास भी करोगे तो भी लोग तुम पर यकीन नहीं करेंगे ना ही तुम्हे वो सम्मान प्राप्त हो सकता हैं,इसलिए अपनी छवि को भूल कर भी खराब करने का प्रयास ना करे,अन्यथा ये तुम्हारे पूरे भविष्य को बर्बाद कर सकता हैं।
जैसे वस्त्र से मनुष्य का व्यक्तित्व सामने आता हैं,यदि कोई अभद्र पोशाक धारण करता हैं तो लोग उसकी निंदा करते हैं ठीक वैसे तुम्हारी छवि,तुम्हारा व्यवहार तुम्हारे व्यक्तित्व का सबसे अहम पोशाक होता हैं,जिसे तुम्हे कभी मैला और खराब नहीं करना चाहिए।
3. वाणी पर नियंत्रण रखना क्यों है आवश्यक ?
अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना,किसी से ऊँची आवाज़ में बात ना करना ये सारे गुण जिसके भीतर समाहित होता हैं, उसका व्यक्तित्व स्वतः निखरने लगता हैं। ऊँची आवाज़ में बात करने से या बोलने से कोई तुमसे भयभीत नहीं होता बल्कि वो तुमसे दूर होने लगता हैं और तुम्हे नापसंद करने लगता हैं, जैसे शोर वाली जगह तुम्हे विचलित करती हैं ठीक तुम्हारी ऊँची आवाज़ किसी को भी विचलित कर सकती हैं, एक पढ़े-लिखे समझदार व्यक्ति की ऐसी पहचान नहीं हो सकती,ये एक असभ्य व्यक्तित्व को दर्शाती हैं,इसलिए मेरे द्वारा कहे गए इन मुख्य बातो पर गौर करे और अपने व्यक्तित्व को निखारने का प्रयास करे।