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1. क्षमा किसके लिए जरूरी है?
क्षमा और विनम्रता के पात्र वो होते हैं जो अपनी भूल स्वीकार करते हैं और अपनी की गई भूल का जो प्राश्चित करते हैं,ताकि दोबारा उनसे ऐसी कोई भूल या अपराध ना हो। मगर जो अनेको भूल करने के बाद भी यदि अपनी भूल के लिए शर्मिंदा नहीं होते उन्हें कोई ग्लानि नहीं होती तो ऐसे लोग कभी क्षमाप्रार्थी और विनम्रता के लायक नहीं होते।
अक्सर इंसान को पहचानने में धोखा क्यों हो जाता हैं ? क्यों लोग किसी की साजिशो को समझ नहीं पाते ? क्यों लोग किसी की गलतियों को देख कर भी उसे अनदेखा कर उसे क्षमा कर देते हैं ? क्यों कोई तुम्हारे भोलेपन का फायदा उठाता हैं ? क्यों आज ये समस्त संसार एक चक्रव्यूह में फंसा हैं ? जानना नहीं चाहोगे ? क्या हैं इसकी वजह ?
2. क्या है वो कारण जो आप मित्र और शत्रु को पहचान नहीं पाते ?
इसकी वजह हैं तुम्हारी भावनाएं जो तुम्हारे बस में नहीं, जिसपर तुम्हारा काबू नहीं। तुम भावनाओ में इतना बह जाते हो कि कौन तुम्हारा मित्र हैं और कौन शत्रु इसे पहचानने में तुमसे चूक हो जाती हैं।
क्यों भावनाओं में बह जाता हैं मनुष्य ? कुछ मनुष्य जो दिल के साफ होते हैं जिनके भीतर कोई छल-कपट नहीं होता वो अक्सर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते उन्हें ऐसा लगता हैं सामने वाला मनुष्य जो कह रहा सत्य कह रहा,कुछ लोग इसी कारण तुम्हारे भोलेपन और अच्छाई का फायदा उठाते हैं क्योकि उन्हें पता हैं वो कितनी भी भूल करे तुम उन्हें आसानी से क्षमा कर दोगे। तुम्हारी इस एक भूल से वो इंसान ना जाने कितनी गलतियां करेगा और उसे अपने किए पर कोई ग्लानि या शर्मिंदगी नहीं होगी। ऐसा कर तुम उस इंसान को और बढ़ावा दे रहे हो इसलिए समय रहते ही अपनी भूल को सुधारने का प्रयास करो।
किसी को क्षमा तभी करो जब उसे अपने किए पर सच में गलनि महसूस हो और वो अपनी गलतियों के लिए प्राश्चित करने के लिए तैयार हो।
चाहे घर हो या बाहर तुम्हे हर जगह सचेत रहना चाहिए, किसी के समक्ष स्वयं को भावनाओं में ना बहने दो जिससे तुम्हे आगे चल कर दुःख हो। यदि तुम किसी के भूल के लिए उसे इतनी जल्दी क्षमा कर दोगे तो कल को वो इंसान फिर कोई भूल करेगा और इस तरह वो अनेको गलतियों को दोहराता जाएगा,क्योकि उसे पता हैं अपनी गलती को कैसे छिपाना हैं ? माफ़ी कैसे पाना हैं। वो यही सोचता हैं क्या हुआ यदि फिर से गलती हो भी गई तो मुझे कौन सी बड़ी सजा मिलने वाली हैं ?
मुझे तो बस एक सॉरी कहना हैं, अपनी भूल के लिए क्षमा मांगना हैं,किसी के भावनाओ से खेलना हैं। इस तरह कभी किसी भी व्यक्ति को अपनी भूल का एहसास नहीं होता और बाद में यही भूल एक बड़े अपराध का रूप ले लेती हैं।
क्यों स्कूल में जब छात्र अपना होमवर्क पूरा नहीं करते तो उनके शिक्षक उन्हें दंडित करते हैं उन्हें माफ़ क्यों नहीं कर देते ? इसका कारण हैं कि यदि छात्र को उसकी इस भूल के लिए यदि क्षमा कर दिया गया तो कल वो यही भूल फिर से दोहराएगा जिसका सीधा असर उसकी शिक्षा और उसकी जिंदगी पर पड़ेगा।
3. क्या जीवन में सख्त होना भी जरूरी है ?
ऐसा नहीं कि तुम्हे किसी को क्षमा नहीं करना हैं,क्षमा अवश्य करो मगर उससे पहले उस व्यक्ति को परखने का प्रयास करो की उसके मन में क्या चल रहा हैं ? क्या वो अपनी भूल वाकई मान रहा ? या ये एकमात्र एक छलावा हैं ? चाहे देश का कानून हो या घर का कानून उसका सख्त होना अनिवार्य हैं, यदि कानून हर छोटे-बड़े अपराध को आसानी से माफ़ करने लगा तो मुजरिम को और बढ़ावा मिल सकता हैं और उसका अपराध और विस्तार ले सकता हैं।

