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कोई कहता है कल्कि का जन्म हो चुका है, कोई कहता है एक ब्राह्मण कुल में संभल नगर गांव में कल्कि का जन्म होगा। कुछ लोगों का मानना है कलयुग अभी समाप्त नहीं होगा कलयुग का काल चक्र 432,000 years साल का है और अभी केवल 5532 का ही सफर कलयुग ने तय किया है फिर इतनी जल्दी कलयुग का अंत कैसे संभव है ?
1. किसके बगैर कलयुग का अंत संभव नहीं ? (Without whom the end of Kaliyuga is not possible?)
यदि मैं कहूं संभव और असंभव का आकलन करने वाले आप और मैं कौन होते है ये तो ईश्वर पर निर्भर करता है कि कब क्या करना है और संसार में बदलाव कब और कैसे लाना है क्योकि ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं, आप खुद विचार करें जब ईश्वर इस संसार को बनाने के लिए इतना बड़ा त्याग और समर्पण कर सकते है फिर ईश्वर इस संसार को अधर्म और पाप की कालिमा से बचाने के लिए क्या नहीं कर सकते ? सृजन और विनाश है जिसके हाथ एकमात्र वही बदल सकता है संसार के हालात।शक्ति के बिना एक पत्ता भी अपने स्थान से नहीं हिल सकता फिर शक्ति के बिना कल्कि कैसे धर्म की नींव रख सकते है ? शक्ति अपना स्वरूप धारण तभी कर सकती है जब शिव और शक्ति साथ हो। इस कलयुग का अंत बिना शक्ति के संभव नहीं।
2. कलयुग के अंत का प्रमाण। (Evidence of the end of Kalyug.)
इस कलयुग में इतने अधर्म और पाप बढ़ गए है इसका अंत वही करेंगी जिसका अपमान आज तक कलयुग में होता रहा। नारियों पर कुदृष्टि रखना, छोटी मासूम बच्चियों को अपने शोषण का शिकार बनाना, माता पिता पर हाथ उठाना उन्हें बेघर करना, पति पत्नी के पवित्र रिश्ते को कलंकित करना,भाई बहन के रिश्ते, पिता और पुत्री के रिश्ते को शर्मशार करना, हर रिश्ते की मर्यादा को भंग करना ये इस बात का प्रमाण है कि अब कलयुग ज्यादा दिन शेष नहीं।
3. कल्कि का परिचय। (Introduction to Kalki.)
कल्कि एक ऊर्जा है वो ऊर्जा प्रतिपल सभी को देख रही है आपके प्रत्येक कर्मो से वो वाकिफ है। कल्कि कलयुग का काल है क्योकि कल्कि महाकाल और महाकाली की ऊर्जा है। ये जो आप घोड़े पर सवार हाथ में तलवार लेते कल्कि अवतार को देख रहे है जो विष्णु के अवतार है, वो बहुत पहले ही इस धरा पर पाँव रख चुके है,क्योकि ईश्वर का कोई भी अवतार बता कर नहीं आता, ईश्वर का कोई भी अवतार पहले से ही अपना परिचय नहीं देता, प्रमाण की जरूरत उन्हें होती है जिनके दिलों में झूठ और फरेब होते है, मगर जो स्वयं सत्य है उसे प्रमाण की क्या जरूरत ?
हरि-नारायण जो जगत का पालन पोषण करते है, हर-महाकाल जो अधर्म की वृद्धि होने पर संसार में संतुलन बनाएं रखने के लिए विनाश करते है। हरि-हर एक दूसरे से भिन्न नहीं है। इस बार आप कलयुग में नारायण अर्थात कल्कि को रौद्र स्वरूप को धारण करते पाएंगे क्योंकि संसार में अधर्म और पाप अपनी सीमाओं को पार कर चुका है और आप अब भी ईश्वर से शांति धारण करने की अपेक्षा करते है ? इतने अधर्म और पाप को बढ़ावा मिला है जो इस संसार को बर्बाद कर देगा इसलिए इसका एकमात्र विकल्प है विनाश।
4. कैसे दूर होगा तुम्हारे जीवन से अंधकार ? (How will Darkness go away from Your Life?)
आप भगवान के मंदिर जाते है उनकी पूजा करते है उनसे अपनी मनोकामना बताते है, फिर जब आपकी मनोकामना पूर्ण नहीं होती फिर आप पूजा करना छोड़ देते है, फिर आप ईश्वर पर दोषारोपण करने लगते है, ये कैसा रिश्ता है एक भक्त का अपने भगवान से ? स्वार्थ का रिश्ता,प्रलोभन का रिश्ता, क्या आपने कभी खुद के अंदर झांकने का प्रयास किया है ? आपको स्वयं उत्तर मिल जाएगा आखिर आपकी इच्छाएं पूर्ण क्यों नहीं होती। आप जब स्वयं को भीतर से पवित्र नहीं करेंगे फिर आप किसी भी ईश्वर के अवतार या कल्कि को कैसे पहचान पाएंगे ? ये तो एकमात्र उदाहरण था आपके लिए ताकि भटके हुए मनुष्य सही राह पर आ जाए ताकि कलयुग के अंत में उनका सामना कल्कि से हो सके अन्यथा आप कलयुग के इस अंधकार में ही खो जाएंगे सत्य को कभी समझ नहीं पाएंगे।
कल्कि को ढूंढ़ने की जरूरत नहीं आप केवल अपने कर्म को सुधार ले कल्कि खुद आपको ढूंढ़ते हुए आपके समीप आ जाएंगे।
Very good information, what you say is true..👍
ReplyDeleteThank you
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