दिल कहता हैं तू क्या नहीं कर सकता ? मगर दिमाग कहता हैं ये तेरे बस की बात नहीं तू नहीं कर सकता।
* इसी उलझन में खोए रहते हैं इंसान, दिल में हैं आस मगर खुद पर ही नहीं विश्वास, फिर कैसे चल कर आएगी तुम्हारी मंज़िल तुम्हारे पास।।
''जीतने से पहले हारने की चिंता'' आपकी ये सोच आपकी कायरता का प्रमाण देती हैं। जब आपने प्रयास ही नहीं किया तो आपको कैसे पता चल सकता हैं आप सफल होंगे या असफल ? जैसे भोजन को खाए बगैर आपको कैसे पता चलेगा भोजन में नमक कम हैं या ज्यादा ? भोजन अच्छा हैं या खराब ? अर्थात बिना खाए आप किसी भी भोजन का स्वाद का अनुमान नहीं लगा सकते। क्योकि भोजन का स्वाद दिमाग नहीं बताता बल्कि आप स्वयं उसे चख कर बताते हैं फिर आप दिमाग की सुनेगे या खुद की ?
* माना की आज नाम मेरा मशहूर नहीं, इसमें किसी का कसूर नहीं, जो उठा रहे आज मुझपे उंगलियाँ, अभी परिचय उनका मेरे वास्तविक स्वरुप से हुआ ही नहीं।।
इंसान क्या नहीं कर सकता ? चाँद पर जाने वाला भी एक इंसान ही हैं अंतरिक्ष की यात्रा करने वाला भी एक इंसान ही हैं यहां तक की बड़े से बड़े जो शोधकर्ता, वैज्ञानिक बने वो भी एक इंसान ही हैं। वो सफल तभी हुए जब उन्होंने स्वयं पर विश्वास किया। हर नामुमकिन में ही मुमकिन छुपा होता हैं जब नामुमकिन में से ना को हटा दिया जाए यानी की इंसान स्वयं को ना कहना छोड़ दे तब। अर्थात जब इंसान स्वयं पर यकीन करने लगता हैं तो उसके लिए हर असंभव कार्य भी संभव हो जाता हैं। सदैव नकारात्मकता से स्वयं को दूर रखे तभी आप किसी भी कार्य में सफल हो सकते हैं क्योकि ये नकारात्मक विचार ही मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता हैं और यही नकारात्मक विचार आपकी सफलता का विरोधी भी होता हैं।
ये नकारात्मक विचार मनुष्य के रास्ते का काँटा होता हैं इसलिए बेहतर यही होगा आप इस कांटे को हमेशा-हमेशा के लिए अपने जीवन से निकाल कर फेंक दे। यदि आपके सपने बड़े हैं तो उसे सच करने में आपको बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना भी करना होगा इसका मतलब ये नहीं आप अपने कदम पीछे कर ले और आगे ना बढ़े। बहुत से ऐसे लोग भी मिलेंगे जो आपको भयभीत करने का प्रयास करेंगे आपको प्रोत्साहित करने के स्थान पर वो लोग आपके हौसले और हिम्मत को तोड़ने का प्रयास करेंगे मगर वो उनमें से होंगे जिन्हें इस बात का भय होगा कही आप वाकई में सफल ना हो जाओ और वो लोग आपसे पीछे ना रह जाए। मगर आपको किसी की नहीं सुनना हैं एकमात्र अपने दिल की पुकार को सुन कर आगे बढ़ते जाना हैं फिर जो लोग आपको छोटा और नाकाम समझने की भूल कर रहे थे बाद में वही लोग आपके हिम्मत और हुनर की प्रशंसा करते फिरेंगे।
* मिट जाएगी उनकी हस्तियां, डूब जाएगी दुश्मन की कश्तियाँ जब करोगे तुम अपने हौसलों पर यक़ीन, तो हर तरफ गूँज उठेगी तुम्हारे नाम की तालियां।।
एक बात हमेशा याद रखे अपनी मंज़िल और अपने सपनो को सच करने के लिए उस तक पहुँचने के लिए इंसान को ज़िद्दी बनना पड़ता हैं क्योकि एक ज़िद्दी इंसान ही हारी हुई बाज़ी को जीत में तब्दील कर सकता हैं। जब किसी इंसान को शुरुआत में सब कुछ असंभव लगता हैं मगर फिर भी जब वो हिम्मत रख कर स्वयं पर विश्वास कर जब अपने प्रयास जारी रखता हैं और उसका प्रयास जब सफल हो जाता हैं तब वो खुद से यही कहता हैं यदि मैंने पहले ही हार मान ली होती और प्रयास ना करता तो आज मैं इतने बड़े मक़ाम तक पहुँच ना पाता। इसलिए कुछ लोग अपने भय को पीछे रख कर अपनी नकारात्मक विचारो से मुक्त हो कर जब जीवन में आगे बढ़ते हैं तो वही इंसान अपनी मंज़िल का पता हासिल कर पाते हैं और जो लोग शुरुआत में ही नाउम्मीदी को गले लगा लेते हैं वो आजीवन अफ़सोस और नाकामी भरा जीवन जीने पर मजबूर हो जाते हैं।
* अभी समय हैं जागने का अपने हौसलों को जगाने का अपने दिल की पुकार को सुनने का, इससे पहले की बहुत देर हो जाए तुम्हारी मंज़िल का पता तुमसे ही गुम हो जाए।।

