आपका वास्तविक परिचय। (Your real introduction.)

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कौन हैं आप ? क्या हैं आपका असली परिचय ? आज इन्हीं चर्चाओं पे हम बात करेंगे क्योकि सत्यता से आपका परिचय कराने का आपको हक़ीकत से रूबरू कराने का यही वो वक़्त हैं क्योकि इस विश्व में प्रतिपल लोगो की बन रही मानसिकता एक चिंता का विषय हैं। 


माना की आपका जन्म किसी भी स्थान पर हुआ चाहे आप किसी भी जाति या मज़हब में तालुक रखते हो चाहे आपका कोई भी नाम हो ये आपकी असली पहचान नहीं बल्कि आपका व्यक्तित्व क्या हैं ? आपकी खासियत क्या हैं ? आपमें कौन से गुण और अवगुण हैं ?


 ये बात कहीं ज्यादा मायने रखता हैं। हर व्यक्ति का परिचय उसका नाम नहीं देता बल्कि उसका काम देता हैं वो नाम जो आपको अपने माता-पिता से मिला वो पहचान जो आपको अपने परिवार से मिला ये बस आपके शिक्षा जगत में ही काम आते हैं मगर समाज में दुनिया में आप अपनी योग्यता और कुशलता से ही जाने जाते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को अपने विवेक से काम लेना चाहिए जिसका विवेक स्थिर रहता हैं जो सदैव सही का साथ देता हैं उसी को इस जग में सम्मान मिलता हैं। वैसे तो आप सबको पता हैं एक नाम के कई इंसान होते हैं मगर हर इंसान में अलग-अलग संस्कार होते हैं क्योकि नाम एक जैसे होने से कोई इंसान एक समान नहीं होता, सबका अपना एक अलग विचार होता हैं।


* सबका अपना एक अलग किरदार होता हैं, इस दुनिया में हर कोई कहां वफ़ादार होता हैं, इंसान का परिचय तो उसके संस्कार से होता हैं।।


इस कलयुग में तो लोग भगवान का नाम भी अपने नाम से जोड़ लेते हैं खुद तो बदनाम होते ही हैं साथ ही साथ भगवान का नाम भी बदनाम करते हैं। अर्थात जिस व्यक्ति में ऊँच कोटि के संस्कार समाहित होंगे वो आजीवन सही मार्ग पर चल कर इस दुनिया को अपना एक अलग परिचय देता हैं। अपने संस्कारों से ही वो जग में नाम और प्रसिद्धि पाता हैं ऐसे लोग चाहे इस दुनिया में रहे ना रहे उनका नाम सदा के लिए अमर हो जाता हैं। चाहे आप कितने भी रईस परिवार से ताल्लुक रखते हो मगर यदि आप किसी का सम्मान करना नहीं जानते तो आपका ये शानो शौकत किसी काम का नहीं। 


एकमात्र बड़े घर में रहने से और बड़ी गाड़ियों में घूमने से आपकी शान नहीं बढ़ती बल्कि उसके साथ-साथ आपके सोचने-समझने का नजरिया कैसा हैं ये बात भी अधिक मायने रखता हैं।मेरे दृष्टिकोण से कोई गरीब और अमीर नहीं इस संसार में  क्योकि एकमात्र धन दौलत और पैसा किसी को अमीर नहीं बनाता बल्कि व्यक्ति के संस्कार और मर्यादा ही उसे ईश्वर की नजरों में महान बनाते  हैं एक झोपड़ी में रहने के बावजूद भी वो इंसान दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान कहलाता हैं क्योकि अपने अच्छे संस्कारो को अपना कर एक झोपड़ी में रहने वाला भी एक अमीर इंसान कहलाता हैं फर्क बस इतना हैं की वो दिल से अमीर कहलाता हैं और बाकि अन्य बड़े घर और बड़ी गाड़ियों में घूमने से अमीर कहलाते हैं मगर इसमें ज्यादा महत्त्व दिल का होता हैं क्योकि दिल से अमीर होना सबके बस में कहां होता हैं ?


 दुनिया का सबसे बड़ा सत्य जो प्रमाण हैं चाहे राजा हो या रंक जिंदगी के आखरी समय में मृत्युपरांत सबको जाना हैं एक ही स्थान पर वो हैं शमशान फिर किस बात का इंसान करता हैं घमंड ? अभी भी वक़्त हैं संभलने का अपने संस्कारो को गले लगाने का अपने असली परिचय से वाकिफ़ होने का। 


आप स्वयं ही गहन विचार करें जब आपके समक्ष कोई आ कर आपसे ऊँची आवाज़ में बात करता हैं तो उस वक़्त आप ये विचार करते हैं की वो कितना रईस हैं ? या ये विचार करते हैं उसके अंदर उचित संस्कार नहीं हैं ? उसकी कठोर वाणी आपको उसके भीतर बसे अहंकार का परिचय देता हैं यही तो प्रमाण हैं कि व्यक्ति का परिचय उसका नाम और पहचान नहीं देता बल्कि उसका संस्कार देता हैं। 


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