तुम्हें बनाया मैंने इंसान,मगर तुम इंसानियत को ही भुला बैठे, तुम्हें दिया मैंने जीवन दान,मगर तुम दूसरों के जीवन को मिटाने का पाप कर बैठे,तुम्हें मैंने आँखे दी ताकि तुम अच्छा देखो,न की बुरा देखो,तुम्हें मैंने दो हाथ दिया ताकि तुम्हारा एक हाथ यदि किसी से कुछ ले तो तुम्हारा दूसरा हाथ सदैव दान के लिए किसी की सहायता उपकार के लिए आगे बढ़ सके,मगर इतने नादान है मानव कि बस लेना चाहते है किसी को कुछ देना नहीं चाहते। जो हाथ उपकार और बुजुर्गो के सेवा हेतु उठना चाहिए वो हाथ आज जुर्म और बुजुर्गो पर अत्याचार के लिए उठ रहे है,बन कर आज दानव, मानव अपनों पर ही अत्याचार कर रहे है।
कौन कहता है कि हर स्त्री में दुर्गा का वास है ?
यदि हर स्त्री में दुर्गा का वास होता तो आज कुछ अभद्र नारियों के वजह से विवाह जैसा पवित्र बंधन कलंकित न होता। यदि हर स्त्री में दुर्गा का वास होता तो माँ की ममता का तिरस्कार न होता, क्यों आज अपने स्वार्थ के लिए एक माँ अपनी संतान की हत्या करती जा रही ? क्यों एक बेटी अपने निजी स्वार्थ के लिए माता पिता को धोखा दे रही है ? क्यों एक बहन चंद पैसो के लिए अपनी बहन और भाई को अपना शत्रु मान रही है ?
क्यों बदनाम कर रहे हो तुम उस महाशक्ति को ? क्यों कहते फिर रहे हो हर स्त्री में दुर्गा का वास है ?
आज कि लड़कियाँ एक से ज्यादा लड़को से रिश्ता जोड़ रही है, कहीं पर स्वार्थ है,कहीं पर लालच,तो कहीं पर हवस। इसलिए धरती पाप के बोझ से त्राहिमाम कर रही है,इसलिए धरती,आकाश,बादल और प्रकृति अपना रौस दिखा रहे है।
हकीकत से सामना होगा तो सब कुछ भुला बैठोगे,आज जो ईश्वरीय ऊर्जा पर दोष लगा रहे हो,ईश्वर के नाम से ही काँप उठोगे। क्या बलिदान दिया है तुमने इस धरा पर आ कर कभी खुद से ये प्रश्न किया है ? यदि ईश्वर ना होते तो तुम यहाँ सही सलामत कैसे होते ?
तुम्हारी साँसे चल रही है,तुम्हारा अस्तित्व सही सलामत है, ये है मेरे होने का प्रमाण।तुम्हारे अंदर जो शक्ति बसी है,जिस शक्ति के दम पर तुम आज खड़े हो ये है मेरे होने का प्रमाण।सूरज की रौशनी सम्पूर्ण जगत में उजियारा कर रही ये है मेरे होने का प्रमाण,जिस चाँद की रौशनी और शीतलता से रात्रि जगमगा रही ये है मेरे होने का प्रमाण। ये जो तुम ऋतुओं में परिवर्तन देख रहे ये है मेरे होने का प्रमाण।
कुछ भी ईश्वर की इच्छा के बगैर नहीं होता,ईश्वर पर प्रश्नचिंह लगाने वाले यदि इस धरा पर इंसान है तो इस धरा पर भगवान भी है, यदि भगवान ना होते तो इस धरा पर कोई इंसान न होता।
कलयुग का शाश्वत मंत्र। The eternal mantra of Kaliyuga.
दुनिया का सबसे सर्वश्रेष्ठ मंत्र है तुम्हारा कर्म,यदि तुम्हारे कर्म अच्छे है तो तुम्हें किसी मंत्र,पूजा पाठ,हवन,व्रत,तीर्थ की कोई आवश्यकता ही नहीं। यदि तुम्हारे कर्म बुरे है तो दुनिया का कोई बड़े से बड़ा तीर्थ,मंत्र,पूजा पाठ,व्रत उपवास तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकते। माता पिता बड़े बुजुर्गो का सम्मान उनकी सेवा ही सबसे बड़ा तीर्थ धाम माना जाता है और अच्छा कर्म ही सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है। चाहे कितने भी युग बदल जाए मगर जो नहीं बदलता वो है ईश्वर का नियम और ईश्वर का कानून यदि अब भी नहीं समझे तो आजीवन अज्ञानता के अंधकार में फंसे रहोगे,ईश्वर को देखना तो दूर ईश्वर के होने के प्रमाण को भी महसूस न कर सकोगे।
तुम इंसान होने का प्रमाण दे कर देखो,इंसानियत को अपने भीतर जगा कर देखो तुम्हें ईश्वर के होने का प्रमाण स्वतः मिल जाएगा।
उम्मीद करती हूँ आज नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस लेख के माध्यम से संसार को एक नई सीख और ज्ञान की प्राप्ति होगी ताकि आने वाला समय उनके लिए समस्याओं से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त कर सके और दुख में घबराने और ईश्वर पर दोषारोपण लगाने के बजाय मानव स्वयं में सुधार लाने का प्रयास करें।


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