ये दौलत नाम शोहरत पैसा जायदाद किस काम का जब आपके जीवन में पल भर के लिए भी सुकून नहीं।सबने मनुष्य तन पा तो लिया हैं मगर इस मनुष्य तन को अपने बुरे विकारो से ग्रसित कर इसे अपवित्र कर लिया हैं।मनुष्य की इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती,मनुष्य के भीतर अनेको इच्छाएं जन्म लेती हैं जब वो पूर्ण नहीं हो पाती तो मनुष्य में अनेको बुरे विकारो का जन्म होता हैं जिससे ग्रसित हो कर मनुष्य अनेको गलत कर्म और अधर्म के मार्ग पर चलना शुरू कर देता हैं।
कभी-कभी धन-दौलत,पैसे होने के बावजूद भी मनुष्य सुखी नहीं रह पाता इसकी वजह हैं मनुष्यों के भीतर पल रही उसकी इच्छाएं जिसपे काबू करना सबके बस में नहीं होता।कुछ इच्छाएं अच्छी भी होती हैं तो कुछ इच्छाएं गलत भी होती हैं।
क्योकि मनुष्य इस कलयुग में जो भी अधर्म और पाप कर रहा हैं उसके पीछे की मुख्य वजह हैं मनुष्य की इच्छा।इस कलयुग में किसी पर विश्वास करना इतना आसान नहीं क्योकि इस धरा पर रहने वाले मनुष्यों में मानवता का वास कहां ? बहुत कम ही ऐसे लोग मौजूद हैं जिन्हे खुद से ज्यादा अपने परिवार की परवाह हैं, कुछ ही ऐसे लोग हैं जो आज भी इस युग में सदैव सत्य का और धर्म का साथ देते हैं। माता-पिता भाई-बंधू,पति-पत्नी,पुत्र-पुत्री,बहन ये सारे रिश्ते-नाते अब बस नाम मात्र ही रह गए हैं। आज के इस बदलते युग में कातिल और दुश्मन को पहचानना बहुत ही कठिन हो चूका हैं क्योकि आज आप सब देखते आ रहे हैं की कातिल घरों में ही अपनों के बीच,आपके नजदीक ही मौजूद होता हैं जिसे समझ पाना आसान नहीं होता।
जिसे प्यार का नाम दिया जाता था,आज वो प्यार खिलवाड़ बन कर रह गया हैं इस कलयुग में लोग किसी की मीठी बातों में आ कर उस पर यकीन कर लेते हैं अपना अतीत वर्तमान और भविष्य सब किसी से भी जाहिर कर देते हैं ये उसी का परिणाम हैं जो दुनिया में हर देश में युवाओं के साथ कोई ना कोई घटना घटित हो रही हैं।
इसलिए आज इस बदलते युग में भले ही आपके पास अधिक धन-दौलत और पैसे नहीं मगर यदि आपके जीवन में एक वफादार सच्चा हमसफर मौजूद हैं जो खुद से ज्यादा आपकी परवाह करता हैं,आपकी खुशियों को ही अपनी खुशियां समझ कर आपको सदैव खुश रखने का प्रयास करता हैं तो आपसे ज्यादा धनी और खुशनसीब कोई अन्य हो ही नहीं सकता। क्योकि जिंदगी बहुत अनमोल हैं इसकी कीमत पैसा नहीं लगा सकता और जो पैसो से अधिक अपने रिश्ते को महत्व देता हैं वही व्यक्ति संसार का सबसे धनी व्यक्ति कहलाता हैं।
एक बात मैं अवश्य कहना चाहूंगी जो लोग आज इस धरा पर अनेको बुरे कर्म और पाप कर रहे हैं अपने हर रिश्ते को पैसो से तोलने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें अपने प्रत्येक कुकर्मो का हिसाब यही देना होगा क्योकि जबतक मृत्यु नजदीक नहीं आती किसी को भी जिंदगी की कीमत का एहसास नहीं होता की ये जिंदगी कितनी अनमोल हैं आज यदि कोई मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए यदि किसी को धोखा दे रहा हैं या किसी की निर्मम हत्या कर रहा हैं वो अपने प्रत्येक कुकर्मो से स्वयं ही अपने मृत्यु को बुलावा दे रहा हैं क्योकि ईश्वर का न्याय जब भी होता हैं तो हर अधर्मियों और पापियों का संघार एक साथ ही होता हैं और न्याय पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाला भी कोई खड़ा नहीं होता हैं।

