1. एक मनुष्य हो कर भी उसके प्रेम ने कैसे असंभव को संभव बनाया ?
2. कैसे उसके बलिदान ने उसके प्रेम को अमर कर डाला ?
3. ऐसे प्रेम में होता है ईश्वर का वास।
जहाँ पर सच्चे प्रेम का वास होता हैं, वही ईश्वर का निवास होता हैं। सच्चा प्यार करना,हर किसी के बस की नहीं। क्योकि सच्चे प्यार में त्याग और समर्पण का भाव जागृत होना आवश्यक हैं। सच्चे प्यार में सम्मान का और विश्वास का अत्यधिक महत्त्व होता हैं। जब आप किसी से सच्चे दिल से प्रेम करते हो तो आप अपनी हर ख़ुशी और अपना पूरा जीवन अपने जीवनसाथी को समर्पित कर देते हो। अपने जीवनसाथी के प्रति पूरी वफ़ादारी और उसकी परवाह करना आपकी एक खास जिम्मेदारी होती हैं तभी आपका प्यार सफल हो सकता हैं।
4. देश के युवा पीढ़ियों के लिए एक खास संदेश।
दुनिया में आज भी कई ऐसे इंसान होंगे जो प्यार की कदर करते होंगे सच्चे प्यार की अहमियत को उचित प्रकार समझते होंगे। मगर कुछ ऐसे भी युवा मौजूद हैं जो प्यार को एक मजाक और खेल समझने की भूल करते हैं ऐसे इंसान आजीवन सच्चे प्यार के लिए तरसते हैं जो प्यार जैसी पवित्र रिश्ते की मर्यादा को भंग करते हैं। इस कलयुग में तो आए दिन लोगो का ब्रेकअप होते रहता हैं। कुछ युवा तो कपड़ो की तरह अपने पार्टनर बदलते रहते हैं।चाहे लड़के हो या लड़कियाँ यहाँ पर बात किसी एक नहीं हो रही हैं, यहाँ पर उन युवा पीढ़ी बात हो रही जो ज्यादातर सोशल मीडिया पर ना जाने कितने लोगो को लव प्रपोजल भेजते रहते हैं।ये सरासर गलत और पाप हैं किसी के जज़्बातो के साथ खेलना या किसी की जिंदगी बर्बाद करना। जो लोग ऐसा कर रहे वो ये बात आज से सदैव स्मरण रखे ईश्वर की नज़रो से कुछ नहीं छिपता हैं। इंसान के हर अच्छे और बुरे कार्यो पर ईश्वर की नज़रे होती हैं। जो युवा पीढ़ी ऐसा कर रहे उन्हें यही सन्देश देना चाहूंगी की कोई भी मनुष्य जवां नहीं रहता क्योकि वृद्धावस्था तो सबका आता हैं जब आप अपने युवा समय में गलत संपर्क और बुरी आदतों को अपनाएंगे तो आपके वृद्धावस्था के समय में आपका क्या हश्र होगा इसका अनुमान हैं ?
पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं, इसलिए अपने जीवनसाथी के साथ धोखा करने से पूर्व यह विचार अवश्य कर ले आप अपने ही शरीर के आधे हिस्से को कष्ट पंहुचा रहे हैं। परिणाम तो दोनों को भुगतना पड़ेगा। सच्चे प्रेम में इतनी शक्ति होती हैं की वो देश के किसी भी स्थान में हो चाहे वो कितना भी दूर हो मगर उसकी किस्मत उसे उसके सच्चे प्यार और हमसफर से मिलवा ही देती हैं। यह पवित्र रिश्ता केवल एक जन्म का नहीं बल्कि कई जन्मो का होता हैं। जो आपको आपके बिछड़े प्यार से मिला देता हैं जिन्हे अपने प्यार पर विश्वास होता हैं।
केवल तन से और किसी की खूबसूरत सक्ल से प्यार करना प्यार नहीं कहलाता। आत्मा से आत्मा के मिलन को प्रेम कहते हैं। जो एक ही शरीर के दो हिस्से होते हैं एक के बिना एक अधूरा होता हैं और उन दोनों के मिलन से उनका प्रेम सम्पूर्ण होता हैं।