बेटियां बोझ नहीं बल्कि देश और घर की शान हैं।

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हमारे देश में ना जाने कितने ऐसे घर होंगे जहाँ पर आज भी लोग बेटे और बेटियों में भेदभाव करते हैं। कुछ लोग बेटे को ज्यादा महत्व देते हैं और बेटियों को वो प्यार और हक़ नहीं देते जिनकी वो हमेशा से हक़दार हैं। क्योकि कुछ लोगो की ऐसी मानसिकता हैं की बेटिया पराया धन होती हैं क्योकि विवाह उपरांत बेटिया ससुराल चली जाती हैं और उनका ससुराल ही उनका अपना घर कहलाता हैं। विवाह के बाद बेटियों का अपने मायके पर कोई हक़ और अधिकार नहीं होता हैं।


1. बेटे और बेटियों में भेदभाव करने वाले एक बात पर अवश्य ध्यान दे। 


जबकि ये सारी बाते बिल्कुल गलत हैं। बेटिया कभी पराई नहीं होती, जिन माता पिता को ऐसा लगता हैं की विवाह के बाद बेटिया पराई  हो जाती हैं, आज  मैं उनसे पूछती हूँ की क्या विवाह के बाद आपका बेटा पराया नहीं होता ?बेटे की भी शादी होती हैं उसके भी ससुरालवाले होते हैं उसका भी एक नया रिश्ता जुड़ता हैं,तो आप बस बेटियों को खुद से दूर कर वो सारे हक़ नहीं दे कर यह विचार क्यों करते हैं की बेटिया अपना सुख दुःख अपने माता पिता से ना बाँट सके। देश की हर माँ से मैं यही कहना चाहूँगी की बहुत भाग्यशाली होती हैं वो माँ जिनके घर बेटियों का जन्म होता हैं। इसलिए बेटियों के जन्म से ना घबराए, क्योकि जन्म तो माँ देती हैं मगर बेटिया अपना भाग्य स्वयं सुनिश्चित करती हैं।


2. जिस घर में होता है बेटियों का तिरस्कार वहां क्यों नहीं होता दिव्यता का वास ?


हर कन्या में देवी पराशक्ति भवानी पार्वती का अंश विद्यमान होता हैं इसलिए बेटिया अपमान की नहीं बल्कि सम्मान की हक़दार होती हैं। जिन घरो में बेटियों का तिरस्कार होता हैं ऐसे घरो से सुख सौभाग्य और शांति स्वतः दूर चली जाती हैं। ये कोई मजाक नहीं और ना ही असत्य हैं। यह एक अटल सत्य हैं जिससे हर किसी को वाकिफ होना पड़ेगा। 


जरा विचार करे कुछ घरो में अक्सर बेटे को अधिक सम्मान और प्यार दिया जाता हैं बदले में वही बेटे विवाह के बाद अपनी पत्नी की बातो में आ कर अपने माता पिता का अपमान कर देते हैं। यहां तक की कुछ बेटे अपने माता पिता को घर से बाहर निकाल देते हैं। मगर बेटियों का दिल कोमल और निर्मल होता हैं वो अपने माता पिता को कभी जानबूझ कर तकलीफ नहीं दे सकती। हर घर में कलह की वजह बस मनुष्यो की मानसिकता पर ही निर्धारित होती हैं। यदि हर व्यक्ति अपनी बुरी सोच और मंधारणा को बदल कर अपने जीवन में सही दिशा को चुनेगे तो कभी निराश नहीं होंगे। 


कुछ लोग अपनी बेटियों को अधिक पढ़ाना नहीं चाहते, क्योकि उन्हें लगता हैं की जो पैसे उनकी शिक्षा में खर्च करेंगे उससे अच्छा होगा उनकी विवाह के लिए बचा कर रखे। ये बहुत गलत सोच हैं हो सकता हैं की आपकी बेटिया पढ़ लिख कर इतनी कामयाब हो जाए  विवाह का कोई खर्च आपको उठाना ना पड़े बल्कि आपको अपनी बेटियों पर गर्व महसूस हो। 


ना जाने कितनी बेटियों का उज्जवल भविष्य कुछ खोखली सोच और विचारधारा ने बर्बाद कर डाला। कुछ लोग लोभ और लालच की वजह से अपनी बेटियों का विवाह गलत जगह कर देते हैं उन्हें लगता हैं की बहुत दौलतमंद परिवार में उनकी बेटी जा रही वहां सुख करेगी खुश रहेगी। जबकि हर जगह दौलत पैसे नहीं देखा जाता, इंसान के विचार और गुण को देख कर ही कोई निर्णय लेना श्रेयकर होता हैं।  


देश के हर माता पिता अपने बच्चो में भेदभाव उत्पन्न ना करे। अपनी बेटियों को प्यार और सम्मान का दर्जा दे। 


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