पंडितों के कहने पर देवी देवता को बदलने का परिणाम।

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1. ऐसी पूजा का कोई लाभ नहीं। 


अक्सर हमारे समाज में कई ऐसे इंसान मौजूद हैं जो दुसरो के कहने पर अपने पूजा पाठ और दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयत्न करते हैं। कुछ लोगो की ऐसी मानसिकता होती हैं की वो अपने पूजा घर के देवी देवता की मूर्तियाँ भी हटा देते हैं। कई लोग तो ऐसा भी कहते हैं की इतने वर्षो से पूजा इतनी पूजा पाठ कर रहे मगर कोई फायदा नहीं।

जरा ध्यान दे इन शब्दों पर की कोई फायदा नहीं इसका मतलब अपने स्वार्थ के लिए तुमने ईश्वर की पूजा शुरू की ना की श्रद्धा से तो उसका फल कैसे मिल सकता हैं ? 


2. पंडित तांत्रिक की बात मानने वाले एक बात का अवश्य ध्यान दे।  


कई लोग अनेको मंदिरो में जा कर पंडितो के कथन को सही मान कर अपने घर के देवी देवता की पूजा करना छोड़ देते हैं क्योकि पंडित ने कहा की तुम गणेश की नहीं हनुमान जी की पूजा करो, किसी दूसरे पंडित ने कहा तुम देवी दुर्गा की नहीं महाकाली की पूजा करो, किसी ने कहा की तुम महादेव की नहीं साई बाबा की पूजा करो वही से कृपा रुकी हैं।कितनी अजीब बात हैं ना इतने असमंजस में डाल रखा हैं कुछ पंडितो ने हमारे देश में ईश्वर के कुछ भक्तो को। जो भक्तगण अपने देवता को किसी पंडित के कहने पर बदल देते हैं वो जरा संभल जाए क्योकि यह उनकी बहुत बड़ी भूल हैं। क्या आपने ध्यानपूर्वक विचार किया हैं की यदि आपके माता पिता आपको अपने घर से बेदखल कर दे और आपका स्थान किसी अन्य को प्रदान कर दे तो आप पर क्या गुज़रेगी ? 


आपको अत्यधिक दुःख होगा और क्रोध भी आएगा की आपके माता पिता अपने फायदे के लिए ऐसा गलत निर्णय कैसे ले सकते हैं ? तो सोचिए आपने किसी पंडित के कहने पर अपने ही पूज्य उस परमपिता का घोर अपमान किया और उन्हें अपने फायदे के लिए चुना उन पर क्या गुजरती होगी। क्या ऐसा करने से किसी को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं ? कुछ लोग कहते हैं तुम चर्च जाओ तुम ईसाई धर्म को अपना लो हिन्दू देवी देवता की शक्ति काम नहीं करती कलयुग में। मैं किसी अन्य धर्म का ना ही अनादर कर रही और ना ही अपमान कर रही। मैं किसी धर्म और देवता का विरोध नहीं कर रही।


आप पूजा करे और चर्च मस्जिद या गुरुद्वारा कहीं भी जाए मगर एक बार यदि आपने अपना इष्ट देवी देवता किसी को बना लिया तो भूल कर भी उनका परित्याग ना करे, क्योकि इसके परिणाम सकारात्मक नहीं बल्कि परिणाम विपरीत ही मिलते हैं। आप सम्मान सबको देते हैं मगर दिल में स्थान उसी को देते हैं जो उसके हक़दार होते हैं। 


3. क्या पंडित और तांत्रिक आपके भाग्य बदल सकते है ?


एक बात हमेशा याद रखे कोई तांत्रिक या पंडित आपके ना ही भाग्य बदल सकते हैं और ना वो किसी की मृत्यु को टाल सकते हैं। कुछ लोग लालच में अपने फायदे के लिए आपको आपके मार्ग से भटकाने का प्रयास करते हैं, यह तो आपके ऊपर निर्भर करता हैं की आप किसका चुनाव करते हैं। क्योकि सत्य तो सत्य ही रहता हैं इसे कोई बदल नहीं सकता। ठीक वैसे ईश्वर हैं और रहेंगे यदि ईश्वर विद्यमान हैं तो उनकी शक्ति भी विद्यमान हैं और सदा रहेगी। 


जो तांत्रिक और पंडित आपको भटकाने का प्रयास कर रहे वो भी ईश्वर के शक्ति के बदौलत ही दुनिया में जीवित हैं। ना जाने कितने घर तबाह हो गए इन्ही पंडितो और तांत्रिको के चक्कर में। ईश्वर के भक्तो सदा स्मरण रखे कलयुग हो या सतयुग हर युग ईश्वर द्वारा निर्धारित होती हैं प्रत्येक युग की नींव ईश्वर द्वारा ही रखी जाती हैं। ईश्वर तो कण-कण में हैं।  


प्रत्येक मनुष्यो का जीवन ईश्वर से ही हैं यदि ईश्वर नहीं यदि ईश्वर की कृपा नहीं तो किसी मनुष्य और जीव का जीवन नहीं। एकमात्र ईश्वर ही हैं जो आपको आपके जीवन पथ से नहीं भटकाते। ईश्वर कभी नहीं कहते की मेरे भक्त तुमने आज मुझे भोग नहीं लगाया, तुमने मुझे अनेको प्रकार के 56 भोग नहीं चढ़ाया। ईश्वर तो बस आपकी निर्मल भक्ति और भावना के भूखे हैं। ईश्वर तो बस आपकी निर्दोष भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। 



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