कुछ लोगो के बड़े-बड़े पद होने के बाद भी क्यों हैं दुःखी उनके माता पिता ?

World Of Winner
0




(toc) #title=(Table Of Content)



आजकल बड़े पदों पर लोग बड़े-बड़े अधिकारी बन जाते हैं मगर अपने बड़े पद की गरिमा को नहीं समझते। आए दिन न्यूज़ में और अखबारों में आप सब ने कई खबरों में ऐसा पढ़ा और सुना होगा की आईएएस और आईपीएस होने के बावजूद लोग अपने ही बुजुर्ग माता पिता का उचित प्रकार से देखभाल नहीं कर पाते। 


1. किसी बड़े पद को ग्रहण से पूर्व एक विचार अवश्य करें। 


कुछ ऐसे बड़े पदों पर पहुँचने वाले आईएएस जो अपने माता पिता को दो वक़्त की रोटी भी नहीं देते ना ही उनसे आदर और सम्मान के साथ व्यवहार करते हैं। हमेशा याद रखे चाहे कोई कितने भी बड़े पद को ग्रहण कर ले मगर वो तब तक बड़ा नहीं कहलाता जबतक वो अपने अंदर मानवता को जागृत नहीं करता तथा अपने माता पिता के महत्त्व को नहीं समझता। जो बड़े पदों पर पहुँच कर यह समझने लगते हैं की अब उन्हें जीवन में किसी की कोई आवश्यकता नहीं एवं उन्हें किसी की भी परामर्श की कोई जरूरत नहीं। 


2. अपने दंभ और महानता में चूर रहने वालों के साथ क्या होता है ?


मगर यह उनकी भूल हैं जो समय रहते सुधार लेना अति आवश्यक हैं। जो युवा आईएएस और आईपीएस के पद को ग्रहण कर यह गलती करते हैं उन्हें अब संभल जाने की जरूरत हैं क्योकि आप आजीवन युवा नहीं रहेंगे बुढ़ापा आपका भी आएगा। अकसर जो युवा अपने बुजुर्ग माता पिता को उचित प्रकार भोजन नहीं देते तथा उनकी सही प्रकार देखभाल नहीं करते उन्हें उस वक़्त तो अपने किए पर कोई शर्मिंदगी और पछतावा नहीं होता मगर जब युवा से अपनी वृद्धावस्था में आते हैं तो जब उनकी संताने भी उनके साथ वही व्यवहार करने लगती हैं जो उन्होंने अपने माता पिता के साथ किया था तब उन्हें अपने भूल का एहसास होता हैं तथा वो ये विचार करते हैं की काश समय रहते वो अपने भूल को सुधार लेते तो आज इतने बुरे दिन नहीं देखना पड़ता। क्योकि युवा अवस्था में अक्सर कुछ लोग खुद को महान समझने की भूल कर जाते हैं खुद पर दंभ और महानता का श्रेष्ठतम प्राणी होने का जूनून सवार होने लग जाते हैं। 


3. क्या आपके बुरे कर्म का असर आपकी संतान पर भी पड़ता है ?


 कुछ युवा बड़े पदों को पा कर यही भूल अक्सर करते हैं की अपने ही बुजुर्ग माता पिता को कष्ट पहुँचाना उन्हें सदा कटु वचनो से दुःखी करना अपनी आदत बना लेते हैं। जरा विचार करे जो युवा अपने माता पिता को सदा अपमानित करते हैं वो कभी संसार में सम्मानित नहीं हो सकते। जो युवा अपने घर में अपने बच्चो के सामने बड़े बुजुर्गो पर शोषण करते हैं अपने ही माता पिता को भूखा रखते हैं, बड़े होने जाने पर उन्ही की संतान उनके साथ वही इतिहास दोहराती हैं जो उन्होंने अपने माता पिता के साथ किया था। आज देश के कोने-कोने में ना जाने कितने बुजुर्ग माता पिता अपनी औलाद होते हुए भी कष्टभरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 


उन युवाओ तक यह खास सन्देश पहुँचाना मेरा फ़र्ज़ हैं की जब आपका जन्म हुआ था तो आपके जन्म से ले कर अब तक आपके माता पिता ने ना जाने कितनी राते आपको चैन की नींद सुलाने को जाग कर बिताई होगी, जब आप भूखे रहते होंगे तो आपको आपके पसंद का भोजन पका कर उस माँ ने अपने हाथो से खिला कर ही खुद खाया होगा। जब आप चलना सिख रहे होंगे तो आपके माता पिता ने आपके हाथो को थाम कर आपको चलना सिखाया होगाकी कही आप गिर ना जाओ आपको कोई चोट और खराश ना आए तो आज जब आप बड़े हो कर क्या अपने फ़र्ज़ को भुला देंगे ? 


क्या जिन माता पिता ने आपका हाथ थाम कर आपको चलना सिखाया उन्हें ही हाथ पकड़ कर अपने ही घर से निकाल देंगे ? संसार में कोई भी बड़ा अधिकारी आईएएस और आईपीएस एक मात्र अपने बड़े पद से बड़ा नहीं नहीं होता बड़े पद बड़ी जिम्मेदारियां ले कर आती हैं अर्थात जिम्मेदारियां वो जो अपने कर्मपथ पर सदैव एक कुशल और विवेकशील व्यक्तित्व का परिचय दे। कोई भी बड़ा पद माता पिता से बड़ा नहीं होता ना ही माता पिता के आशीर्वाद के  बिना इसका कोई महत्त्व होता हैं।

 

युवाओ से मैं एक बात आज बेखौफ कहना चाहूँगी की कर्म ऐसा करो की तुम्हारा नाम हो, अपने बुजुर्ग माता पिता की सेवा ऐसे करो की जिससे तुम्हारी पहचान हो।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Accepted !)

Our Website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!