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अक्सर भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने कामो में अपनी जॉब,पढ़ाई,कारोबार को ले कर इतने उलझ जाते हैं कि उन्हें अनेको चिंताए घेर लेती हैं।किसी को एक अच्छी जॉब चाहिए तो किसी को एक सुकून भरी जिंदगी। किसी के पास सही जॉब और कारोबार होने के बावजूद भी उन्हें ऐसा लगता हैं कि अभी भी कोई कमी रह गई हैं काश इससे भी बड़ी जॉब होती और इससे भी बड़ा कारोबार होता। अधिक के लोभ में लोग अक्सर बहुत सी तनाव और चिंताओं को जन्म दे देते हैं। ऐसे में लोगो की जिंदगी खुशहाल नहीं रह पाती बल्कि हर दिन एक समस्या के साथ उनके दिन की शुरुआत होती हैं।
1. कैसे आता है जिंदगी में सुकून ?
आप सपने बेशक देखिए आपको कोई सपने देखने के लिए मना नहीं कर रहा मगर दिन-रात उन्ही सपनो के पीछे भागना और अपने परिवार को समय ना दे पाना ना ही चैन की नींद, ना ही चैन का खाना और ना ही सुकून भरी जिंदगी जीना कोई महान और नेक कार्य नहीं कहलाता। जो लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने परिवार, जीवनसाथी और बच्चो को ठीक से समय नहीं दे पाते अक्सर उनकी जिंदगी अनेको समस्या और उलझनों से भरा रहता हैं। आप इतने पैसे किसके लिए कमा रहे हैं ?बेशक अपने परिवार के लिए मगर अपने ही परिवार को यदि आप ठीक प्रकार समय और प्यार नहीं देंगे तो आप इतने पैसो का क्या करेंगे ?
2. कौन रहता है तनाव और चिंता से मुक्त ?
जो हैं जितना हैं उसमे ही संतुष्ट रहकर जो मनुष्य ख़ुशी से अपनी जिंदगी बिताते हैं अपने प्रिय जनो को महत्व देते हैं तथा अपने जीवनसाथी को अपना सही वक़्त देते हैं वो सदैव तनाव और चिंताओं से मुक्त रहते हैं। आप यह विचार क्यों नहीं करते जो लोग सड़को पर सोते हैं जिन्हे चैन का अच्छा खाना भी नसीब नहीं होता हैं ना ही अच्छा घर ना ही अच्छा वस्त्र वो कैसे जीवन यापन करते होंगे ?आपके पास तो अपना घर हैं अपना परिवार और अच्छा भोजन मगर उसके बावजूद भी आप अधिक की लालशा में जो हैं उसमे भी आनंदित नहीं रहते ना ही चैन की नींद सो पाते हैं। आपकी जिंदगी बहुत कीमती हैं और आपके प्रिय जन भी बहुत अनमोल हैं, क्योकि ये जिंदगी किसी को भी बार-बार नहीं मिलती ना ही आपके प्रिय जन आपको बार-बार मिलेंगे इसलिए जो हैं जितना हैं उसमे संतुष्ट रहे और अपने कीमती जिंदगी को खुद से बर्बाद ना करे,कल किसने देखा हैं ?
इसलिए आज में जीना सीखे अपनों के साथ खुश रहना सीखे यकीन माने जो मनुष्य संतोष भरा जीवन जीता हैं उससे ज्यादा खुशहाल और धनवान कोई अन्य नहीं होता। क्योकि मनुष्य की इच्छाओ की कोई सीमा नहीं होती। जब आपके मन में कोई ईच्छा उत्पन्न होगी तो उसकी पूर्ति ना होने पर आपको अनेको चिंता और दुःख होगा ततपश्चात उन्ही चिंताओं से ग्रसित मनुष्य आजीवन असंतोष और तनाव में घिरा रहने लगता हैं उसे किसी की सही बात भी बुरी लगने लगती हैं ऐसे में वो अपने प्रिय जन से दुरी बना लेता हैं जिससे उसका पूरा जीवन दुःख और चिंता के अंधकार में डूब जाता हैं।
3. चिंतामुक्त कैसे रहे ?
जिन मनुष्यो में संतोष होता हैं वो सदा ही अपने प्रिय जन के साथ खुश रहते हैं वो अनेको इच्छाओ से निजात पा जाते हैं। क्योकि उनमे ये खूबी होती हैं कि ईश्वर ने जो दिया कुछ सोच समझ कर ही दिया होगा यदि ईश्वर ने ज्यादा धन दौलत नहीं दिया तो क्या हुआ ? मेरा परिवार ही मेरा सब कुछ हैं। अंततः एक दिन ईश्वर ऐसे संतुष्ट मनुष्यो को बिना मांगे ही सब कुछ दे देते हैं। सदैव इस मूलमंत्र को याद रखे जो मनुष्य अपने परिवार को महत्व देता हैं तथा सदैव संतोष भरा जीवन जीता हैं वही सदा चिंतामुक्त और खुशहाल जिंदगी जीता हैं।