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इस दुनिया में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है, क्योकि एक सुंदर चेहरा किसी का भी ध्यान अपनी तरफ केंद्रित कर देता है।
1. क्या चेहरे की ही खूबसूरती असली सुंदरता कहलाती है ?
मन ही सुंदरता का द्वार है,एक साफ और निष्कपट मन से अधिक सुंदर कोई अन्य नहीं हो सकता।आपका अंतर्मन जितना निर्मल और साफ होगा आपके चेहरे की सुंदरता उतनी ही बढ़ती जाएगी। बाहर से यदि कोई सुंदर दिख रहा मगर यदि उसका मन छल कपट और बुरे विचारों से दूषित है फिर ऐसी सुंदरता किसी काम की नहीं।चेहरे की चमक केवल मेकअप और महंगी क्रीम से नहीं बढ़ता बल्कि अच्छे विचारों और गुणों से हमारे अंदर खूबसूरती का विस्तार होता है, ये महंगी क्रीम, मेकअप कब तक तुम्हारे चेहरे को जवां और खूबसूरत रख सकता है ?
बढ़ती उम्र के बाद महंगी क्रीम और मेकअप भी किसी काम नहीं आता, मगर जिसका मन निर्दोष और साफ है, वो हर पल खूबसूरत ही कहलाएगा हर कोई उसकी प्रशंसा करेंगे। आज के दौर में हमारे युवा जितना ध्यान अपनी खूबसूरती पर देते है यदि इतना ध्यान वो अच्छी आदतों और अच्छे संस्कारो पर देते तो आज की युवा पीढ़ी कम उम्र में ही डिप्रेशन और तनाव के शिकार ना होते।
चाहे कोई कितना भी खूबसूरत हो मगर यदि उसकी आदतें अच्छी नहीं, उसके व्यवहार और विचार सही नहीं फिर क्या लाभ तुम्हारी इस खूबसूरती का ?
2. असली सुंदरता का परिचय।
असली सुंदरता का परिचय व्यक्ति के अच्छे गुण, अच्छे कर्म,अच्छे विचार और उचित संस्कारों से होता है। यदि किसी व्यक्ति में ये सब खूबियां नहीं तो फिर वो चाहे कितना भी खूबसूरत हो उसकी खूबसूरती किसी काम की नहीं उसकी खूबसूरती ना तो सराहनीय है और ना ही प्रशंसनीय।
मान लो तुम्हारे जीवन में एक खूबसूरत इंसान आ गया, मगर यदि बस चेहरे से उसकी खूबसूरती का तुमने अनुमान लगाया है, उसके मन और उसके विचारों से नहीं तो ये तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल है, क्योकि यदि वो इंसान खूबसूरत हो कर भी तुम्हे खुश ना रख सके,ना वो तुम्हारी कद्र करें और ना ही सम्मान फिर क्या लाभ तुम्हे उसकी खूबसूरती का जो मन और दिल से ही बदसूरत हो।
मैं हर किसी की सुंदरता पर सवाल नहीं उठा रही, मैं सत्य से सबको अवगत कराने का प्रयास कर रही, मैं यही समझाने का प्रयास कर रही हूँ कि तुम चेहरे से सुंदर हो तो तुम्हारी यही असली सुंदरता नहीं जिसका तुम्हे अभिमान है, यदि तुम्हारा मन, और दिल साफ है तभी तुम्हारी खूबसूरती का लाभ है।