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1. जीवन में ऐसे लोगों से सदैव दूर रहे।
इस दुनिया में कुछ लोगों की एक बुरी आदत होती है, चाहे उनमें कितनी भी कमी हो मगर वो दूसरो में हमेशा कोई ना कोई खामियां ढूंढने का प्रयास करते रहते है। ऐसे लोगों को अपने निजी जीवन से जितना मतलब नहीं होता उतना मतलब उन्हें दूसरो के जीवन में ताक झांक करने में होता है। क्या आपको पता है बाद में ऐसे लोगों का क्या होता है ?
2. जो दूसरों के जीवन में ताक झांक करते निंदा या मजाक बनाते उनके साथ क्या होता है ?
हमारे देश में पढ़ लिख कर भी लोगों में सही अकल नहीं आई यही वजह है, कि कुछ लोगों को अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अनेकों कष्ट और पीड़ा से हो कर गुजरना पड़ता है क्योकि जीवन के उसी अंतिम क्षणों में उसे अपना प्रत्येक कुकृत्य स्मरण हो आता है, कि कैसे अपनी युवावस्था में उसने कई अच्छे निर्दोष मनुष्यों को सताया था, कभी किसी का मजाक बनाने का प्रयास किया, कभी किसी की बेवजह निंदा करने की भूल की, इस तरह अपना तमाम जीवन उसने दूसरो को कष्ट और पीड़ा पहुंचाने में बर्बाद कर दिया और अपने जीवन के परिणाम के विषय में कभी सोचा भी नहीं, कि जो कष्ट और पीड़ा वो किसी दूसरे को दे रहा है, बाद में कहीं वो कष्ट,पीड़ा और दुख लौट कर उसके जीवन में आ जाए तो उस कष्ट से उसकी रक्षा कैसे होगी ? क्योकि ना तो उसने कभी अपने मन को साफ और पवित्र रखा और ना ही कभी किसी का आज तक भला सोचा।
3. ईश्वर किसे संरक्षण प्रदान करते है ?
ईश्वर भी उसी की मदद या रक्षा करते है, जो सदैव अपने मन और दिल को साफ रखता है, जो सदैव बुरे कृत्य और बुरी आदतों से स्वयं को दूर रखता है, जो सदैव दूसरो की मदद करता है, मगर जो सदैव दूसरो पर हंसता है, उनका मजाक बनाता है, जो सदैव दूसरो की निंदा करते रहता है, ऐसे दुष्ट जन की मदद ईश्वर कभी नहीं करते, बल्कि वो ईश्वर के कोप का भाजन बनता है तथा ईश्वर से अपने प्रत्येक कुकृत्यों का दंड पाता है।
ऐसे लोगों से आपको खास सावधानी और दूरी बरतने की आवश्यकता है, क्योकि ऐसे लोग कभी किसी के मित्र या विश्वास के पात्र नहीं हो सकते, क्योकि आज वो आपके साथ बैठ कर किसी और पर हँस रहा है, या किसी की निंदा कर रहा है, कल को आपकी गैर मौजूदगी में वो किसी और के सामने आपकी भी निंदा कर सकता है, आपका भी मजाक बना सकता है, इसलिए ऐसे लोगों से भूल कर भी अपना कोई राज जाहिर करने की भूल ना करें, ना ही ऐसे लोगों के साथ अपना ज्यादा वक्त बर्बाद करें। क्योकि बुरे के संग रह कर उसकी संगत का बुरा असर आपके जीवन पर भी पड़ता है, आप भी उसके कुकृत्यों में भागीदार बनने लगते है और आपके जीवन से भी ईश्वर की छत्रछाया और दिव्यता दूर होने लगती है।
एक सड़ा फल यदि किसी टोकरी में रख दिया जाए तो वो अपने साथ-साथ सभी अच्छे फलों को खराब कर देता है एक सड़े फल की संगती के वजह से सभी अच्छे फलों को भी उसका ऋण चूकाना पड़ता है। इसलिए अपनी सोच अपनी आदतों में बदलाव लाए वरना आपके पढ़े लिखे होने का कोई लाभ नहीं।