1. नकारात्मक सोच का प्रभाव।
नकारात्मक सोच व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु कहलाता है, जो उसके दिमाग में अनेको गलत विचारो को उत्पन्न कर उसके चित्त को हर लेता है।अक्सर कुछ लोग अनेकों गलतफहमियों के कारण अपनों से ही दूरी बना लेते है, उन्हें अपनों के बीच रह कर भी कोई अपनेपन का एहसास नहीं होता। कभी-कभी कुछ लोग अपनी नकारात्मक सोच के ही कारण अपने दाम्पत्य रिश्ते को दांव पर लगा देते है और एक दूसरे से विलग हो जाते है। मनुष्य इस बात को क्यों नहीं समझता कि एक नकारात्मक सोच कभी किसी के लिए बेहतर साबित ना हुई है और ना कभी हो सकती है, फिर भी लोग अपनी सोच को बदल नहीं पाते, अपनी जिंदगी में वो अनेकों दुखो से घिरे रहते है।
2. जीवन में बेहतर बदलाव कैसे लाएं ?
हमारी सोच का हमारे जीवन में क्या महत्व है इसका उल्लेख मैं अपने लेख में कर चुकी हूँ फिर भी आज मैं सभी मनुष्यों को यही कहना चाहूंगी कि यदि तुम्हे अपनी जिंदगी खुशहाल और कामयाब चाहिए तो सर्वप्रथम तुम्हे अपनी सोच को सुधारना होगा खुद में एक नया बदलाव लाना होगा क्योकि हमारा जीवन तभी बदल सकता है जब हम स्वयं को बदलना शुरू करते है, एक बेहतर बदलाव ही आपके जीवन को बेहतर दिशा प्रदान करता है।
3. जो प्रतिपल नकारात्मक सोच को हावी रखते है ध्यान दे।
यदि तुम अपनी नकारात्मक सोच और विचारों से बाहर नहीं निकल सकते तो मुझे ये बताओ तुम्हारी नकारात्मक सोच तुम्हे क्या एक बेहतर जिंदगी दे पाई है ? क्या नकारात्मक सोच तुम्हारे बिगड़े और टूटे रिश्ते को पुनः जोड़ पाने में क्या तुम्हारी सहायता कर पाई है ? क्या नकारात्मक सोच से तुम्हे जीवन की कोई भी खुशी प्राप्त हुई है ? कुछ लोगों को पता नहीं कि नकारात्मक सोच उन्हें बीमार बना देती है,हर पल वो गलत विचारों से खुद को घिरे पाते है, ना तो उनका करियर आगे बढ़ पाता है, ना ही उनका निजी जीवन सुकून और प्रसन्नतापूर्वक गुजर पाता है। तनाव,चिंता,क्रोध,अहंकार ये सब नकारात्मक सोच का ही परिणाम होता है, ऐसे नकारात्मक लोगों से कोई बात करना पसंद नहीं करता और ना ही उनके साथ कोई वक्त बिताना पसंद करता है। नकारात्मक सोच ही अक्सर मनुष्य को अपने जीवन में सबसे अकेला बना देती है।
4. आपकी सोच का प्रभाव।
तुम्हारा शरीर,तुम्हारा मन,तुम्हारा दिमाग और तुम्हारा स्वास्थ सब तुम्हारी सोच पर आश्रित रहते है, क्योकि सदैव दुखी रहने वाले लोग,क्रोध करने वाले लोग तथा सदैव नकारात्मक सोच रखने वाले लोग कभी दिमाग और स्वास्थ से स्वस्थ नहीं रहते। अधिक तनाव और नकारात्मक सोच मनुष्य पर ऐसा ऐसा प्रभाव डालती है जो ना सिर्फ उसके दिमाग को दुर्बल बनाती है बल्कि उसके शरीर को भी दुर्बल बना देती है।
एक बात बताओ क्या कोई गलत दवा आज तक किसी भी मरीज के लिए बेहतर साबित हुई है ? क्या गलत भोजन कभी तुम्हारे स्वास्थ को बेहतर रख सकता है ? फिर कैसे तुम्हारी नकारात्मक सोच तुम्हे जीवन में कोई बेहतर परिणाम दिला सकती है ?
इसलिए आज से ही अपनी सोच को सकारात्मक बनाओ,ऐसा कर तुम स्वयं को हर दुख और चिंताओं से मुक्त पाओगे जीवन के हर मोड़ पर कभी खुद को अकेला नहीं पाओगे,हर टूटे और बिखरे रिश्ते को पुनः जोड़ पाने में तथा उसे अटूट और प्रगाढ़ बना पाने में सफलता पाओगे।