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1. कौन आपके भविष्य को बदल सकता है ?
भविष्यवाणियां तो सब कर देते है मगर हकीकत में कौन आपके भविष्य को बदल सकता है ? कोई ज्योतिष, कोई पंडित, कोई ज्ञानी, कोई तांत्रिक, या कोई अन्य। जरा बताओ मुझे है कोई ऐसा जो आपके भविष्य को बदल सके, है कोई ऐसा जो आपके दुःख को अपने ऊपर ले सके ? नहीं है कोई ऐसा और ना ही कभी होगा क्योकि आपके जीवन को बदलना आपके हाथ में है, आपके भविष्य को निखारना आपके हाथ में है।
2. क्या आप भी बेबुनियाद की बातों से परेशान है ?
आप ये मत सोचिए कल क्या होगा ? आप ये मत सोचिए कोई क्या कहेगा ? आप अपनी जिंदगी को किस तरफ ले कर जाना चाहते है ये फैसला बस आपके हाथ में है ना की दूसरो के हाथ में। लोग क्या कहेगे ? लोग क्या सोचेंगे यदि आप इतना सोचने लगे तो आप कभी जीवन में खुश नहीं रह पाएंगे। लोगों का काम है बोलना, लोग तो भगवान को भी कुछ ना कुछ बोलते रहते है फिर आप तो एक मनुष्य है, लोग तो भगवान की भी निंदा करना नहीं छोड़ते फिर आप कैसे उम्मीद कर सकते है कि कोई आपकी निंदा नहीं करेगा ? एक ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति कभी ये नहीं सोचते कि कौन उनको गाली दे रहा या कौन उनका मजाक बना रहा क्योकि यदि वो ऐसा सोचते तो उन्हें ज्ञानी की उपाधि प्राप्त नहीं होती। जन्म और मृत्यु का चक्र कोई नहीं बदल सकता क्योकि यही नियति है जिसका जन्म हुआ उसे एक ना एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर जाना ही जाना है फिर क्यों बेवजह इस बात का चिंतन करें जो हमारे हाथ में ही नहीं मगर जो हमारे बस में है हम उसे तो अवश्य बदल सकते है।
3. भोलेभाले लोग अवश्य ध्यान दे।
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें सही लहजे में बात करने नहीं आती इसलिए जो जैसा है हमें उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिए यदि कोई आपको मधुर वाणी में कठोर और कटु वचन कहने का प्रयास कर रहा है तो जरुरी नहीं आप आपे से बाहर आ जाए और उससे बहस करने लगे बल्कि आप भी ऐसे व्यक्ति को उसी के लहजे में जवाब देने की आदत डाल ले वरना आप सदैव उद्विग्न रहेंगे। आप इतने भोले और सीधे ना बने की कोई आपका फायदा उठा कर चला जाए। ये कलयुग है इस युग में यदि आपको प्रसन्न रहना है तो शुरुआत आपको ही करनी होगी क्योकि ये मतलबी दुनिया है लोग यहां सहारा देते नहीं बल्कि आपके भोलेपन का फायदा उठाते है।
क्यों आप अपनी जिंदगी की खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हो ? क्यों आप अपने भविष्य की चिंता में किसी ज्योतिष, पंडित और तांत्रिको के पास भटकते रहते हो ? क्यों आप दूसरो से अपनी परवाह की उम्मीद करते हो ? उठो जागो अपने कदम को आगे बढ़ाओ क्योकि तुम्हें रास्ता खुद तय करना है क्योकि सही रास्ते पर चल कर तुम्हें खुद जाना है, जब भगवान ने तुम्हें आँखे, हाथ, पैर दिया है फिर तुम दूसरो के बताएं और दिखाए रास्ते पर क्यों चलना चाहते हो ?
हमेशा याद रखना इस दुनिया में सही रास्ते दिखाने वाले बहुत कम मिलेंगे मगर सही रास्ते से भटकाने वाले ज्यादा मिलेंगे।