(toc) #title=(Table Of Content)
जैसा मैं हमेशा से कहते आई हूँ और आज भी कह रही हूँ कि ये संसार एक ऐसा मायाजाल है, जिससे बाहर निकलना इतना सरल नहीं क्योकि इस मायाजाल में जो एक बार उलझ गया उसका स्वयं पर भी वश नहीं चलता अर्थात वो माया के चक्र में बंध जाता है।
1. कलयुग का मायाजाल।
ये भोग विलास,ऐशो आराम, धन दौलत और पैसा ही सभी मनुष्यो के लिए एक माया का जाल है, क्योकि इस धरा पर ऐसा कोई नहीं जिसे किसी भी वस्तु की आकांक्षा नहीं। बहुत कम ही ऐसे मनुष्य होंगे इस धरा पर जो इस माया से दूर है।
मगर आज मैं एक विशेष मुद्दे पर चर्चा करने जा रही हूँ,जो है कलियुग की माया - कलियुग की माया एक ऐसी माया है जो तुम्हे अपनी माया में उलझा कर केवल अंधकार की ओर ले जा रही है जिसका अनुमान तुम्हे अभी नहीं है समय आने पर होने वाला है।
2. गलत रास्ते का परिणाम।
आज यदि तुम कलियुग की माया में फंस कर सही को गलत और गलत को सही दर्शाने की चेष्ठा कर रहे तो समय आने पर तुम्हे अपने प्रत्येक भूल का उत्तर अवश्य मिलेगा क्योकि जो गलत है वो कभी सही नहीं हो सकता चाहे वो तुम्हारे कर्म हो या रास्ता यदि तुमने जल्दबाजी में सबसे पहले आगे निकलने के लिए कोई गलत रास्ता चुना है, तो वो गलत रास्ता तुम्हे सही स्थान की जगह गलत रास्ते पर ही ले कर जाएगा।
आज इस कलियुग में लोग अपने माता पिता, दादा दादी को एक पुराना सामान समझ कर उनका हर दिन अपमान करते है, उन्हें दो वक्त की रोटी भी प्यार से नहीं देते तो क्यों ना संसार अपनी आखरी सांसे गिने जब पाप और अधर्म की बोझ तले ये पृथ्वी दबे ?
भाई अपने भाई का शत्रु बन बैठा है, भाई बहन का रिश्ता भी अपनी मर्यादा को भूल बैठा है, पुत्र अपने ही माता पिता का हत्यारा बन बैठा है, पति पत्नी के पवित्र रिश्ते की गरिमा और विश्वास भी मिट चुका है, स्त्रियां अपने संस्कार शर्म लिहाज सब भुला चुकी है, मानव एक पशु की भांति व्यवहार करने लगा है, आज ये सब इस धरा पर क्यों हो रहा ? कभी किसी ने जानने का प्रयास किया है ?
3. कलयुग का इम्तिहान।
ये सब कलियुग की ही माया है, यदि तुम समय रहते इस आसुरी प्रभाव से बाहर नहीं आए तो आगे चल कर तुम्हे भयंकर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।जैसा कि आप सबको पता है जब आप किसी परीक्षा के लिए बैठते है तो आपके सामने कई प्रश्न आते है, जिसका सही उत्तर आपको देना होता है, यदि आपने गलत उत्तर दिया तो आप अपनी परीक्षा में अनुतीर्ण हो सकते है, मगर परीक्षा के बाद आप सबको उस परीक्षा के नतीजे का इंतेजार रहता है,कि आप सफल हुए या असफल। ठीक वैसे आज इस कलियुग में समस्त मनुष्य जाति की परीक्षा ली जा रही मगर कुछ परीक्षार्थी तो इम्तेहान को पास कर लिए और कुछ अपनी परीक्षा में असफल हो गए।
जानना चाहते हो तुम असफल क्यों हुए ? क्योकि तुमने कलियुग की माया में फंस कर अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा मान लिया, चंद पैसो के लिए अपना ईमान बेच दिया, अपने कर्तव्यों का पालन करने के स्थान पर अपने कर्तव्यों से ही मुख मोड़ लिया, भोग विलास, ऐशो आराम भरी जिंदगी जीने के लिए तुमने ईश्वर द्वारा बनाए गए नियमो को ही तोड़ डाला।
यदि दिन को कोई रात्रि कहने का प्रयास करे तो उसके कहने से दिन रात्रि नहीं माना जाएगा,ठीक वैसे कोई अधर्मी और दुराचारी के कर्मो को यदि कोई छुपाने के लिए उसे एक अनजाने में की गई भूल में यदि बदलने का प्रयास करेंगे तो वो भूल नहीं कहलाएगी, क्योकि सत्य को कोई झुठला नहीं सकता और झूठ को कोई सत्य से बचा नहीं सकता, ईश्वर सत्य है, जिसे तुम ना ही झुठला सकते हो और ना ही बदल सकते हो और इस सत्य से तुम स्वयं को और अपने प्रत्येक बुरे कर्मो को बचा नहीं सकते हो।
4. क्यों कहा जाता है अंत भला तो सब भला ?
ये जो लोग कहते है अंत भला तो सब भला, इसका सही मूल्यांकन क्या तुमने जानने का प्रयास किया है ? कहने का तात्पर्य है जब कुछ खत्म होता है, तो पुनः नया अवश्य अवतरित होता है, अर्थात जब इस सृष्टि का अंत समय आएगा सबको ईश्वर के समक्ष प्रस्तुत होना ही होगा फिर से नई सृष्टि के आरंभ में भाग लेने के लिए मगर यदि तुमने अपनी जिंदगी की शुरुआत ही बुराई से किया है तो तुम्हारा अंत कैसे अच्छा हो सकता है ? कैसे तुम्हे अच्छा परिणाम मिल सकता है।
परिवर्तन संसार का नियम है जिसे बदला नहीं जा सकता जैसे तुम कोई पुराना सामान खराब हो जाने पर नया लाते हो ठीक वैसे अपना पुराना शरीर त्याग कर नया शरीर प्राप्त करते हो यदि तुमने जानबूझ कर कोई गलत कर्म किया है तो यकीनन तुम्हे एक अच्छा शरीर प्राप्त नहीं हो सकता क्योकि तुमने ईश्वर द्वारा मिले शरीर और जीवन का दुरूपयोग करने की चेष्ठा की है जिसका भयंकर परिणाम तो मिलना ही मिलना है।
सत्य कब किस रूप में प्रकट हो जाए इसका अनुमान किसी को नहीं,'' एक अटल सत्य समय आने पर सबके प्रत्यक्ष प्रस्तुत होगा, इसे जानना और प्रत्यक्ष देखना चाहते हो तो सर्वप्रथम कलियुग की माया से बाहर आओ अन्यथा तुम्हे इस कलियुग के अंधकार से कोई बाहर नहीं निकाल पाएगा और उसी अंधकार में तुम्हरा अस्तित्व मिट जाएगा।