अपने ईमान से कभी समझौता ना करना।

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1. जिंदगी में ईमान का महत्व। 


चाहे आपके पास कितने भी पैसे हो चाहे आप दुनिया के सबसे दौलतमंद इंसान क्यों ना हो मगर यदि आपने अपने ईमान को ही गिरवी रख डाला तो ये मान लेना आपका नाम, शोहरत, धन-दौलत और पैसा किसी काम का नहीं। क्योकि आपने अपना सबसे कीमती और अहम दौलत को अपने हाथो से अपनी भूल वश गवा दिया, क्योकि इस दुनिया में ईमान से बड़ा कोई दौलत नहीं होता।इस दुनिया में यदि किसी को मान सम्मान और ख्याति मिलती है तो केवल अपने ईमान के बदौलत इसलिए सदैव मेरी एक बात याद रखना बिना ईमान के तुम्हारे जीवन का कोई महत्व नहीं क्योकि जिस व्यक्ति ने चंद पैसो के लिए अपना सबसे कीमती दौलत अपने ईमान को ही बेच डाला उस व्यक्ति से बड़ा मुर्ख और कोई नहीं हो सकता जिसे इस बात का एहसास ही नहीं कि जिस ईमान को वो बेच रहा जिस ईमान का वो सौदा कर रहा वो एक बार यदि चला गया तो उसके पास पुनः लौट कर नहीं आ सकता क्योकि पैसा कमाना बहुत आसान होता है,मगर ईमान कमाना बहुत कठिन यदि पैसा तुम्हारे पास से चला गया तो वो लौट कर एक ना एक दिन अवश्य आ जाएगा,मगर यदि तुमने अपना ईमान खो दिया तो वो ना ही दोबारा लौट कर आ सकता है,और ना ही तुम उसे पहले की भाति प्राप्त कर सकते हो। 


2. कैसे प्राप्त होता है नाम शोहरत और ख्याति ?


इस दुनिया में यदि ख्याति और नाम कमाना है तो सर्वप्रथम अपने व्यवहार को बेहतर बनाना सीखो तथा अपनी सोच को बड़ा करना सीखो कभी अपने मन में लालच,ईर्ष्या, स्वार्थ,अहंकार को हावी ना होने दो तथा अपने ईमान को बरकरार रखना सीखो कभी भी जीवन में अपने ईमान के साथ समझौता ना करना क्योकि ईमान के साथ कोई भी समझौता तुम्हे सही निष्कर्ष तक नहीं ले जा सकता,यहां पर बात जीवन के सबसे अहम और मुख्य किरदार की हो रही है जिसका नाम है ईमानदारी। 


जब तुमने किसी का भरोसा ही खो दिया फिर जीवन में तुम लाख पैसे धन-दौलत कमा लो मगर वो किसी काम का नहीं क्योकि लोग सबसे पहले तुम्हारे ईमान को परखते है जिसका ईमान ही नहीं उस व्यक्ति का धन-दौलत और पैसा किसी काम का नहीं। क्योकि अपने ईमान को खोना यानि अपने सम्मान को अपने नाम को मिट्टी में मिला देना। 


एक झोपड़ी में भी रहने वाला शान से रहता है,और शान से अपना शीश उठा कर चलता है,क्योकि उसके पास सबसे अनमोल और कीमती उसका ईमान होता है, जिसका उसने कभी सौदा नहीं किया क्योकि उसे पता है जिंदगी में यदि सम्मान से जीना है तो सर्वप्रथम सबको सम्मान भरी नजरो से देखना होगा,जिंदगी में यदि सबका सम्मान पाना है,तो सबसे पहले अपने ईमान को संभाल कर रखना होगा, ये वो धन है जो यदि नष्ट हो गया तो दोबारा लौट कर नहीं आएगा, जिस पैसे की वजह से लोग अपना ईमान भूल जाते है,वो पैसा तो एक ना एक दिन अपनी मेहनत और सच्ची लगन से कमाया जा सकता है मगर ईमान को कमाना इतना आसान नहीं। 


जब कोई व्यक्ति अपना ईमान खो देता है,तो लोग उसे देख यही कहते है कि इसका क्या भरोसा करना जिसका खुद का अपना कोई ईमान ही नहीं जिसका कोई सम्मान ही नहीं,इसने तो चंद पैसो के लिए अपने ईमान को ही गिरवी रख दी,ये भला किसी के विश्वास के काबिल कहां ? इससे दूर ही रहना बेहतर है। 


3. आपके जीवन में समाज की महत्ता। 


जैसे आपका परिवार आपसे होता है,ठीक वैसे आपका समाज भी एक परिवार का ही समूह माना जाता है,जहां हमारा रोज का आना जाना,उठना बैठना होता है, मगर अपनी एक भूल से यदि आप उस परिवार में अपना सम्मान ही गवा देंगे तो फिर आप अपनी जिंदगी को कैसे सही दिशा में ले जा सकते है ? कुछ लोग समाज को कहते है कि '' समाज की छोड़ो उनका तो काम ही है दुसरो की जिंदगी में ताक झांक करने का उनसे क्या लेना देना ? मगर ये आपकी भूल है क्योकि समाज बेवजह किसी को दोषी नहीं ठहराता जब तक व्यक्ति खुद कोई प्रतिक्रिया नहीं देता तब तक समाज किसी को सही गलत नहीं कहता। 


यदि आप समाज में सबका सम्मान करेंगे,यदि आप अच्छे व्यवहार और कर्मो का चुनाव करेंगे तो यही समाज आपकी प्रसंशा करेगा,आपको सदैव सम्मान भरी नजरो से देखेगा। चाहे आपकी उपस्थिति हो या अनुपस्थिति कोई भी आपकी निंदा नहीं करेगा जब तक आप खुद कोई भूल नहीं करते, कोई आपको बेवजह दोषी नहीं ठहरा सकता है। 


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