किस पर मेहरबान होती है जिंदगी ?

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 जिंदगी को व्यर्थ ही बर्बाद करने से बेहतर होगा कि जिंदगी हमसे क्या कहना चाहती है सर्वप्रथम इसे जानने का प्रयास करे। कल की बीती बातो को सोच कर अपने आज को खराब करने से बेहतर होगा की अपने भविष्य को कैसे बेहतर दिशा में ले जाना हैं हम इस बात पर ध्यान दे। 




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जो इंसान तुम्हे नहीं समझते उन्हें समझाने में अपना कीमती समय बर्बाद करना तुम्हारी सबसे बड़ी मूर्खता हैं,जब समय आएगा जिन्हे समझना होगा वो तुम्हारे बिना कुछ कहे खुद ही समझ जाएंगे क्योकि ये समय का करिश्मा हैं जो आज तुम्हे नामुमकिन लग रहा वो कल मुमकिन हो जाएगा।  


तुमने यदि जानबूझ कर किसी का दिल नहीं दुखाया,तो कोई चाह कर भी तुम्हारा अहित नहीं कर पाएगा,क्यों व्यर्थ की सोच में अपना जीवन बर्बाद करते हो, तुम्हारा कर्म तुम्हे एक दिन ऊंचाई तक ले जाएगा। माना कि आज तुम्हारे पास अच्छे कपड़े, बड़ा घर,गाड़िया नहीं,माना कि आज कोई भी तुम्हारा हमदर्द नहीं,मगर ये पैसा किसी के पास कहां टिकता हैं ? आज तुम्हारे पास ,कल किसी दूसरे के पास,फिर ना जाने क्यों व्यर्थ ही मनुष्य पैसे से इतना मोह करता हैं। 


1. इस दुनिया में स्थायी और टिकाऊ किसे रखा जा सकता है ?


जो हैं स्थाई,जो हैं टिकाऊ वो हैं एकमात्र तुम्हारे रिश्ते,मगर इस जहान में कोई कहां किसी भी रिश्ते की कद्र करते,नफरत,अहंकार,स्वार्थ और ईर्ष्या में उलझ कर ही मनुष्य अपने जीवन में समस्याओ से हैं घिरते,क्या मिलेगा तुम्हे किसी का बुरा सोच कर ? क्या मिलेगा तुम्हे अपनों से दूर रह कर ? क्या मिलेगा तुम्हे पैसे से मोह रख कर ? क्या मिलेगा तुम्हे अपनी मानवता को भुला कर ?


मेरे कहने का तात्पर्य है, कि कुछ लोग अपनी जिंदगी को खुद ही दांव पर लगाते है,हर वक्त बेमतलब की बातो को अपने दिमाग में रख कर दिन रात सोचते रहते है, जब तुम्हे पता है कि वो व्यक्ति कैसा है ? उसकी सोच कैसी है ? तुम ये जान कर भी खुद को उसके द्वारा कही गई कठोर बातो को अब तक सोच रहे हो,वो तो कब का तुम्हे बोल कर चला गया,उसने तो नहीं सोचा कि उसकी कठोर बाते तुम्हे कष्ट पंहुचा सकती हैं,और वो तो सोचेगा भी नहीं कि तुम दुखी हो या परेशान,क्योकि उसे पता है कि तुम दिल से सोचते हो सभी के लिए,तुम हर फैसले दिल से करते हो दिमाग से नहीं इसलिए ही अक्सर कुछ लोग तुम्हारा फायदा उठाने का प्रयास करते हैं। 


2. व्यर्थ की बातों से स्वयं को दूर रखना क्यों है जरूरी ?


लोग चाहते नहीं तुम अच्छे बनो,कामयाबी के शिखर तक पहुंचो इसलिए तुम्हे मार्ग से भटकाने के लिए वो तुम्हे खुद की तरह बनने पर मजबूर कर देते है,अपने फैसले को जबरदस्ती तुम्हारे ऊपर थोपने का प्रयास करते है,उन्हें पता है,तुम ना कहना नहीं जानते,तुम्हे ऐसा लगता है यदि किसी को ना कह दिया तो उसे बुरा लगेगा मगर यही सोच और विचारधारा आज ज्यादातर मनुष्यो के जीवन को बर्बाद करने का कारण बना हैं। 


इसलिए स्वयं ही सूली पर चढ़ने का प्रयास मत करो,जो बात गलत है उसे किसी की खुशी के लिए स्वीकार मत करो,गलत फैसले को तथा गलत लोगो को ना कहना सीखो फिर देखो कैसे तुम्हारी जिंदगी बदलने लगती है,तुम पर जिंदगी मेहरबान होने लगती है।  






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