कलयुग अपनी आखिरी सांसें गिन रहा।

World Of Winner
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 एक पक्षी को यदि किसी पिंजरे में बंद कर के रख दिया जाए तो वो पक्षी उस पिंजरे के अंदर घूटने लगता है कभी वो अपनी चोंच से पिंजरे पर वार करता है, कभी वो अपने पंखो के द्वारा पिंजरे पर वार करता है मगर जब उसे पता चल जाता है कि वो उस मजबूत पिंजरे से लड़ नहीं सकता, तो वो शांत हो कर उसी पिंजरे में रह कर अपनी जिंदगी जीने की आदत डाल लेता है। पहले वो पक्षी आजाद हो कर खुले आकाश में अपने पंख फैला कर उड़ता था अब पंख हो कर भी वो उड़ नहीं सकता क्योकि वो एक बंद पिंजरे में कैद है। शुरुआत में भले ही उसे तकलीफ होती है मगर बाद में उस पक्षी को वही पिंजरा अच्छा लगने लगता है और वो उस पिंजरे में खुश रहने लगता है। 





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अब मैं आपसे जो बताने जा रही हूँ उस पर ध्यान दे '' जब एक पक्षी पंख होते हुए भी उस कैद में प्रसन्न है, फिर आप क्यों थोड़े पैसे अधिक हो जाने से अपने सामने आए हुए किसी भी इंसान का अपमान करने में जरा भी संकोच नहीं करते ? आप ये ना भूले आपकी बागडोर किसी और के हाथो में है आप एकमात्र कठपुतली है उस विधाता की जिसने आपको ये जीवन दिया है। आज मनुष्य इतना गिर चुका है कि वो धन दौलत पैसे के लिए किसी भी हद को पार कर जाता है, पैसे के सामने किसी के जीवन की अहमियत ही नहीं। 


आपको पता है वो पक्षी पिंजरे से अधिक मुकाबला क्यों नहीं करता क्योकि उसे पता है यदि वो पिंजरे से लड़ने का प्रयास करेगा तो चोट और पीड़ा उस पक्षी को ही पहुंचेगी ना कि पिंजरे को।आप मनुष्य हो कर भगवान से मुकाबला करने चले हो सोचो इसका परिणाम कितना भयावह होने वाला है। आज इस दुनिया में पति पत्नी का रिश्ता बिक चुका है, आज इस दुनिया में विवाह एक मजाक बन कर रह गया है।  जानते हो इसका परिणाम क्या होने वाला है ? अब उन तमाम मनुष्यों का अस्तित्व मिटने वाला है जो रिश्ते को महज एक खेल समझते है, जो विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम करने में लगे है, जो गलत रास्ते और बुरी लत के शिकार हो चुके है ऐसे तमाम मानव जाति का अस्तित्व जल्द मिटने वाला है।


ये तो बात थी पैसे की मगर लोग अपने विवाह को अब खुद अपने हाथो शर्मशार कर रहे है, चाहे पति हो या पत्नी दोनों का रिश्ता केवल तन का जुड़ाव नहीं होता बल्कि मन का जुड़ाव होता है इस बात को आज कुछ लोग भूल चुके है। कैसे कोई स्त्री अपने पति का स्थान किसी गैर पुरुष को दे सकती ? कैसे कोई पति अपनी पत्नी का स्थान किसी गैर स्त्री को दे सकता है ? यदि तुम्हें एकमात्र तन से रिश्ता जोड़ना है तो क्यों विवाह में जुड़ कर विवाह को कलंकित करने का पाप कर रहे हो ?


1. क्या कलयुग अपनी आखिरी सांसें गिन रहा ?


एक माँ तो अपनी संतान की जीवनदायिनी कहलाती है, एक माँ तो अपनी संतान की रक्षक कहलाती है जो हर बला, हर मुसीबत से अपनी संतान की रक्षा करती है मगर आज इस कलयुग में कुछ माताएं  कुमाता बन गई जो अपने फायदे के लिए अपनी संतान का जीवन तक समाप्त कर सकती है। इससे ज्यादा पाप और क्या हो सकता है ?इस कलयुग में अब पिता पुत्री का रिश्ता, भाई बहन का रिश्ता, माँ बेटे का रिश्ता सब कलंकित हो चुके है। अब कोई रिश्ता पवित्र नहीं रहा, किसी पर अब कोई विश्वास नहीं रहा। अब भी कुछ लोग समझ रहे है कि अभी तो कलयुग की शुरुआत हुई है, मैं कहना चाहूंगी ये शुरुआत नहीं, कलयुग के अंत का प्रमाण है। 


2. क्या है परिवर्तन का संकेत ?


याद रखो जब किसी पुराने मकान की सफाई की जाती है तो उस मकान में से सबसे पहले धरती में दबे कीड़े मकोड़े बाहर आना शुरू कर देते है जो छिप कर बैठे थे ठीक वैसे अब बुराई अपना शीश उठा रही, ये संकेत है एक बड़े परिवर्तन का। 


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