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1. विवाह की गरिमा।
वैवाहिक संबंध एक ऐसा अटूट बंधन होता है जो दो अजनबियों को एक दूसरे के करीब ला कर दोनों को एक दूसरे से अटूट पवित्र बंधन में जोड़ देता है। दो शरीर एक आत्मा ऐसा संबंध होता है पति पत्नी का। दोनों एक दूसरे से भिन्न नहीं रहते सदा के लिए जन्मो के लिए एक हो जाते है।चाहे कैसे भी हालात हो सुख हो या दुख पति पत्नी कभी एक दूसरे का साथ किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ते।एक पतिव्रता नारी की यही पहचान होती है कि वो अपने पति की हर बला को स्वयं पर ले लेती है,यदि उसका पतिव्रत धर्म पवित्र है, तो वो अपने पति के जीवन से हर संकट को दूर कर सकती है।
सिर्फ एक दिन के लिए करवा चौथ का व्रत पूजा करने से ईश्वर आपसे प्रसन्न नहीं होते जब तक आपके विचारो में अच्छे बदलाव नहीं आते, मान लो तुम एक दिन अपने पति को सम्मान दे रही हो क्योकि आज तुमने अपने पति के मंगल कामना और दीर्घायु हेतु व्रत रखा है,मगर हर दिन तुम अपने पति का अपमान करती हो, अपने पति से असत्य वचन कहती हो तो मात्र एक दिन की पूजा और व्रत तुम्हे कोई फल प्रदान नहीं कर सकता जब तक तुम्हारे अंदर पूर्ण समर्पण भाव और निष्ठा नहीं आती।
2. एक निष्ठावान स्त्री की पहचान क्या होती है ?
एक निष्ठावंत स्त्री कभी अपने पति का अपमान नहीं करती ना ही कभी अपने पति से असत्य वचन कहती है। माना कि समय बदल चुका है,आपकी सोच काफी नई और मॉडर्न हो गई है मगर जो कभी नहीं बदलता वो है तुम्हारा संस्कार। समय कितना भी बदल जाए यदि तुम किसी को सम्मान नहीं दोगे तो कोई भी तुम्हे सम्मान भरी नजरो से नहीं देखेगा और ना ही कोई तुम्हारे साथ रहना चाहेगा।
हर रिश्ते की एक मर्यादा एक गरिमा होती है,इसलिए हमे अपने रिश्ते की गरिमा को नहीं भूलना चाहिए और ना ही अपनी मर्यादा का उलंघन करनी चाहिए।चाहे आप कितने भी मॉडर्न हो जाओ मगर अपनी सभ्यता संस्कार और व्यवहार को मॉडर्न बनाने का प्रयास मत करो।
3. वैवाहिक रिश्ते में मधुरता कब आती है ?
आपके वैवाहिक रिश्ते में मधुरता तभी आ सकती है जब आप अपने स्वभाव में मधुरता लाते है,जब आप अपने जीवनसाथी का कभी अपमान नहीं करते,सदा अपने जीवनसाथी का सम्मान करते है तो आपका दाम्पत्य रिश्ता अटूट और पवित्र बनने लगता है,क्योकि पति पत्नी दोनों ही एक दूसरे की ताकत कहलाते है, यदि आप दोनों में से कोई भी एक परेशान या दुखी होता तो, तो उसका एहसास आपको बिना बताए होने लगता है,ये हैं सच्चे प्यार की शक्ति।यदि आप दोनों के रिश्ते में अच्छी समझदारी है,आप दोनों कभी एक दूसरे से कोई बात नहीं छिपाते तो मान लेना आपने अपने जीवन को धन्य बना दिया है, अपने रिश्ते को आपने पवित्र और मजबूत बना लिया है जिसे कोई भी नहीं तोड़ सकता और ना ही कोई आप दोनों को अलग कर सकता है।
पति पत्नी के बीच कोई राज नहीं होता क्योकि दोनों एक दूसरे के हमराज होते है,जो पति अपनी पत्नी से कोई राज नहीं रखता वो अपने दाम्पत्य रिश्ते को कभी कलंकित नहीं कर सकता,जो पत्नी अपने पति से कोई राज नहीं रखती, हर परस्थिति में अपने पति का साथ देती है वो कभी अपने दाम्पत्य रिश्ते को बिखरने नहीं दे सकती, वो सदैव अपने पति की ढ़ाल बन कर उसका साथ देती है और अपनी पूजा व्रत तथा पतिव्रत धर्म का पालन कर सदैव हर मुसीबत से अपने पति की रक्षा करती है।
दुनिया की बड़ी से बड़ी दौलत भी सच्चे प्यार को खरीद नहीं सकती, जिस दाम्पत्य रिश्ते में सच्चा प्यार और समर्पण भाव होता है, वो दाम्पत्य रिश्ता हर पल,हर जन्म के लिए अमर हो जाता है।

