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1. अपनी कमजोरियों को उजागर करने की भूल न करें।
ये बात तो आप सब जानते है कि एक कमजोर और मजबूत दीवार में कितना फर्क होता है, एक कमजोर दीवार को तोड़ने के लिए ना तो अधिक श्रम की जरूरत है और ना ही अधिक बल की क्योकि जो पहले से ही कमजोर है, अपनी कमजोरी का परिचय जो पहले ही दे चुका है उसे तोड़ने में कितना समय लग सकता है ? वो तो एक प्रहार में ही टूट कर बिखर जाएगा।अर्थात अपने खोखले विचारों से यदि मनुष्य बाहर नहीं आएगा तो एक दिन उसके खोखले विचारों का घातक प्रहार उसके ही जीवन पर होगा, ये दीवार एक उदाहरण है, तमाम लोगों के लिए जो अपने खोखले और कमजोर विचारों और इरादों की वजह से अपना भेद बिना उजागर किए ही अपना वास्तविक परिचय लोगों के समक्ष प्रकट कर देते है, जिससे लोग उनकी कमजोरी का फायदा उठाने लग जाते है।
यदि कोई आपसे कहे एक मजबूत दीवार पर प्रहार करने को तो आप ऐसा करने से पूर्व कई बार सोचेंगे, कहीं आपको चोट ना पहुंचे, आपको कोई क्षति या नुकसान ना पहुंचे। क्योकि एक मजबूत दीवार पर यदि कोई अपना सिर मारने की मूर्खता करता है तो क्षति दीवार को नहीं बल्कि उस व्यक्ति को पहुँचती है। क्योकि दीवार तो अपने मजबूत इरादे और मजबूत बुनियाद पर अडिग है, जिसे कोई हिला भी नहीं सकता। उसे तोड़ने के लिए भी कोई बार-बार सोचेगा।
2. भगवान से आप क्या सीखते हैं ?
मेरे कहने का अर्थ यह है कि आप बाहर से इतने नरम दिल और अच्छे भी ना बने कि कोई आपकी अच्छाई और मासूमियत का गलत फायदा उठाने का प्रयास करें, लोग आपकी अच्छाई का दुरूपयोग करें। भगवान से आप क्या सीखते हैं ?जब भी कोई असुर ईश्वर के दिए गए वरदान का दुरूपयोग करने की भूल करता है, तो ईश्वर उस असुर को उसके वरदानों को नष्ट कर देते है अर्थात अपने कुकर्मो के द्वारा ही वो असुर अपने वरदान को खो देता है, और उसका विनाश हो जाता है। बुराई के लिए कभी भी आपको महान या अच्छे बनने की कोई आवश्यकता नहीं। ना तो अपनी शक्तियों का कभी बखान करने की कोई आवश्यकता है, क्योकि ईश्वर तो अत्यंत शक्तिशाली है, फिर भी वो अपनी शक्तियों का कभी बखान नहीं किया करते। ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं, फिर भी वो अपनी शक्तियों का दुरूपयोग नहीं करते। किसी में कोई भेदभाव नहीं करते। भेदभाव तो केवल मनुष्य करते है, कोई देवता नहीं।
स्वयं को बाहर से सख्त बनाए ताकि कोई आपसे कुछ कहने से पहले सौ बार सोचे, जो गलत है उसे अपने जीवन में कभी स्थान ना दे। ऐसा नहीं कि आपको बुरा बनना है, आप अच्छे है, अच्छे बने रहे मगर अपनी अच्छाई का किसी को दुरूपयोग ना करने दे।