अतीत से निजात पाएं।

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 वर्तमान,अतीत और भविष्य सबका होता है,जो आज है वो वर्तमान है,जो बीत गया वो अतीत है, और जो आने वाला कल होगा वो कहलाता है भविष्य।इस दुनिया में हर इंसान को अपना गुजरा हुआ कल याद रहता है,कुछ लोगो का अतीत अच्छा होता है,और कुछ लोगो का अतीत दर्द और दुख से भरा होता है। हर इंसान के जीवन की कहानी एक जैसी नहीं होती। कुछ लोगो का जीवन संघर्षो से भरा होता है, तो कुछ लोगो का जीवन चिंतामुक्त और खुशहाल होता है। 


आप फिल्म और धारावाहिक देखते है, उसमे जो आपको दिखाया जाता है, आप उसको सच मान लेते है, किसी फिल्म या धारावाहिक में यदि किसी कलाकार को कष्ट या दुख मिलता है तो आपको दुख पहुंचने लगता है, जैसे सब कुछ एक नाटक नहीं सत्य है,आप में से कुछ लोग अपनी-अपनी सलाह देना शुरू कर देते है, कि वो क्यों चुपचाप तमाशा देख रहा कुछ करता क्यों नहीं ? क्यों सच जान कर भी सच से दूर है ? क्यों अपने गुजरे कल को याद कर वो अपने आज को खराब कर रहा ?


तो इस तकनीक को आप खुद अपनी जिंदगी में क्यों नहीं अपनाते ? दूसरो को सलाह देना आसान है,मगर खुद उसको अमल करना कठिन होता है। यदि दुनिया का हर इंसान आसानी से किसी बात को समझ जाए तो दुनिया में कोई इंसान किसी भी दुख या तकलीफ से स्वयं को मुक्त पाएगा।  


1. मृत इंसान को बार-बार याद कर आंसू बहाना क्या मरने वाले को कष्ट पहुंचाता है ?


अब मेरे एक सवाल का जवाब दो '' इस दुनिया में जो भी आया है, वो अपने कर्तव्यों को पूर्ण कर एक दिन अपनी निश्चित आयु पर मृत्यु को प्राप्त होगा या नहीं ? यही तो नियति है ईश्वर का बनाया कानून और नियम के विरूद्ध कोई नहीं जा सकता। जो इस दुनिया से चला गया क्या वो लौट कर दोबारा आ सकता है ? ये असंभव है, इंसान बस अपनी यादों को छोड़ जाता है, उन यादों के सिवा कुछ भी शेष नहीं रहता। इसलिए किसी भी मनुष्य को अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए, इंसान को धीरज से काम लेना चाहिए।यदि तुम उस इंसान को बारंबार याद कर दुखी हो रहे हो,आंशु बहा रहे हो,तो ये अवश्य याद रखना तुम उस मृत इंसान को और कष्ट पहुंचाने का कार्य कर रहे हो। इससे उसकी आत्मा को शांति और मुक्ति नहीं मिल पाती और वो मृत इंसान की आत्मा इधर-उधर भटकते रहती है। इसलिए स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण करना सीखो,ये जीवन का सत्य है, और सत्य को हर हाल में सबको स्वीकारना ही पड़ता है। 


कुछ लोग किसी से बेहद प्यार करते है,मगर प्यार के बदले उन्हें धोखा मिलता है,जिससे वो अंदर से टूट जाते है, और उस इंसान के साथ बिताए हर दिन को वो याद कर दुखी रहते है,जिसका पूरा असर उनके जीवन,करियर और स्वास्थ पर पड़ता है। क्योकि सबके लिए आसान नहीं होता बीते कल को भुला देना। 


2. अतीत से निजात कैसे पाएं? 


ऐसे लोगो को मैं यही कहना चाहूंगी, जीवन में संघर्ष और दुख आते जाते रहते है, जीवन में कई ऐसे लोग मिलते है जिनसे मिल कर हमे एक सीख प्राप्त होती है, चाहे वो इंसान अच्छा हो या बुरा वो हमे कोई ना कोई सीख अवश्य दे जाता है, जिससे हम अपने जीवन में कोई भी फैसला सोच समझ कर लेना शुरू कर देते है,ताकि जो अतीत में घटित हुआ वो दोबारा घटित ना हो। इसलिए ऐसे बुरे इंसान के अतीत को भुला देना ही बेहतर होता है,जिसने तुम्हारी परवाह नहीं की,जिसने तुम्हारे लिए नहीं सोचा,फिर तुम यदि उस मतलबी इंसान के बारे में यदि बार-बार सोच कर खुद को दुखी करते हो तो तुमसे बड़ा मुर्ख और अज्ञानी कोई अन्य नहीं हो सकता। 


कुछ लोग मेरी बातो को सुन कर,मेरे लेख को पढ़ कर यही कहेगे जिसपे दुख बीतती है,वही जान सकता है,बड़ी-बड़ी बाते और उपदेश तो हर कोई दे सकता है। हाँ मैं जानती हूँ तुम पर क्या गुजर रही है,मैं ये भी जानती हूँ कि ये सब इतना आसान नहीं कि कोई किसी के साथ बिताए वक्त को तुरंत भुला दे, मगर एक बात बताओ यदि तुम्हे गुजरे समय में रह कर,वो इंसान वापस मिल जाए या तुम्हारे दुखी रहने से वो इंसान भी दुखी रहने लगे और तुमसे अपनी भूल के लिए माफी मांगे तो क्या फिर से तुम उस इंसान पर यकीन कर सकोगे ? 


क्या तुम्हे बीते कल के दुख में रह कर अपने वर्तमान को भी खराब करना है ? क्या तुम्हे अपने अतीत में रह कर, तुम्हे एक अच्छा भविष्य दीखता है ? यदि ऐसा है तो उचित है तुम अपने अतीत के शोक में अपना वर्तमान और भविष्य भी गुजार दो। 


3. बेवजह तुम अपनी उदासी के लिए दूसरो को जिम्मेदार ठहराते हो। 


एक बात हमेशा याद रखना अपने जीवन में आए हर दुख के हम खुद ही दोषी होते है, क्योकि हम मोहमाया की जाल में उलझ कर अपने जीवन के सही दायित्व की पूर्ति करना भूल जाते है। इसलिए यदि अपने जीवन को सही दिशा तक तुम्हे ले जाना है तो सबसे पहले तुम्हे खुद पर विश्वास करना होगा, जो विश्वास तुम बहुत शीघ्रता से दूसरो पर कर लेते हो,अपनी उस भूल को तुम्हे ही सुधारना होगा, किसने रोका है तुम्हे खुश रहने से ? किसने रोका है तुम्हे मुस्कुराने से ? तुम तो खुद अपनी खुशियों के मर्जी के मालिक हो तुम खुद को ही रोक रहे मुस्कुराने से,तुम खुद से ही खुद को खुश रहने की इजाजत नहीं देते, और बेवजह तुम अपनी उदासी के लिए दूसरो को जिम्मेदार ठहराते हो।


 नजरअंदाज करो उन्हें जो तुम्हे आज नजरअंदाज कर रहे, भुला दो उन्हें जो तुम्हे एक पल में भूल गए, एक बार खुद से प्यार कर के तो देखो तुम्हे अपने जीवन से खुद ही प्यार हो जाएगा, तुम्हे जीवन का हर लम्हा खूबसूरत  नजर आएगा। 



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