आज इस संसार की हालत को देख मेरे दिल में एक ही ख्याल आता हैं,कि संसार का हर प्राणी क्यों इस वहम में जीता हैं ? जो तुम आज लोगो से सुन रहे हो,जो तुम लोगो से आज तक सुनते आए हो ये जरुरी नहीं उनके द्वारा कही गई हर बात सच हो, मगर एक वहम का पर्दा आज इस संसार को चारो तरफ से ढक रखा हैं, लोग इस वहम के परदे को चाह कर भी हटाने में असमर्थ हैं।
धारावाहिक,और फिल्मो में जो दिखाया जा रहा हैं ये जरुरी नहीं वो सत्य हो,मगर तुम मानव उसे हकीकत समझने लगते हो। जैसे तुम कोई धार्मिक भक्ति धारावाहिक या फिल्म देखते हो उसमे जो तुम्हे दिखाया जाता हैं उन सबको तुम सच मान लेते हो, मगर उस नाट्यरूपांतरण में सब सही नहीं दिखाया जाता,उनमे कुछ सत्य और कुछ असत्य भी होता हैं जिसे एकमात्र ईश्वर जानते हैं।
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अब मैं उनकी बात करती हूँ जो वहम में जी कर अपनी जिंदगी तमाम खुशियों को एक पल में गवा देते हैं। तुम जब कोई धारावाहिक या किसी फिल्म को देखते हो तो उसमे जो किरदार की भूमिका होती हैं,तुम्हारा पूरा रुझान उस भूमिका पे ही होता हैं। क्योकि आज कल के फिल्मो में अभिनेता और अभिनेत्री जो अभिनय करते हैं,उन्हें देख कर आज मनुष्य अपनी जिंदगी को भी उसी किरदार के अभिनय की तरह बनाने की भूल कर रहे हैं।
1.क्या वाकई रिश्ते कागज के टुकड़े पर टिके होते है ?
जैसे पहले प्यार,फिर तकरार फिर ब्रेकअप। कहीं पर कुछ युवा प्यार के रिश्ते को दाम्पत्य रिश्ते में बदल देते हैं यहां तक तो ठीक हैं,मगर विवाह के कुछ महीने या साल बीतने के बाद उनकी आपस में ही नहीं बनती तो वो एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लेते हैं, उन्हें बस एक रास्ता दिखाया जाता हैं वो हैं तलाक। यही वहम हैं आज कल के युवा पीढ़ी का उन्हें लगता हैं तलाक बहुत आसान रास्ता हैं किसी से संबंध खत्म करने का, मगर उन्हें जरा भी एहसास नहीं यदि तुम्हारे रिश्ते एकमात्र कागज़ के टुकड़े पर टिका होता तो आज संसार अपना वजूद खो चुका होता।
यदि कोई तुमसे कहे कि एक कागज़ के टुकड़े पर मुहर लगा कर तुम अपनी जिंदगी गिरवी रख दो बदले में तुम्हे बहुत बड़ा रकम प्राप्त होगा तो क्या तुम उसे सत्य मानोगे ? क्या तुम्हारी जिंदगी चंद कागज़ के टुकड़े की मोहताज हैं ? क्या तुम्हारी जिंदगी इतनी सस्ती हैं ? क्या तुम्हारे लिए जिंदगी की कोई अहमियत नहीं ?
2. क्या वाकई तलाक लेने से तुम रिश्ते से आजाद हो जाते हो ?
ये तलाक़ जैसे वाहियात कानून भगवान ने नहीं बनाया, ये तो यहां के इंसानो द्वारा बनाया गया हैं, जिसका पालन तुम में से अधिकांश लोग कर रहे हैं,जिनके लिए विवाह एक फांसी का फंदा हैं,जिससे आजाद होने के लिए वो एक दूसरे से तलाक लेने का फैसला कर लेते हैं। ऐसे तलाकशुदा लोग कभी जिंदगी में खुश नहीं रह पाते,जानना नहीं चाहोगे इसकी वजह क्या हैं ?
इसकी वजह हैं ईश्वर द्वारा बनाई गई कानून व्यवस्था और नियमो से खेलवाड़ करना और उसके विरुद्ध जाना,अपना कानून बना कर अपनी मनमानी करना,ईश्वर के द्वारा बनाई सभ्यता,संस्कृति को खेल समझने की चेष्ठा करना।
एक प्लास्टिक के खिलौने को भी यदि तोड़ कर इधर-उधर फेक दिया जाए तो वो खिलौना भी पुनः नहीं जुड़ सकता,यदि तुम उस प्लास्टिक के खिलौने केआधे शरीर के हिस्से को दूसरे खिलौने से जोड़ने का प्रयास भी करोगे तो वो पहले की तरह ना ही खूबसूरत दिखेगा और ना ही मजबूत। तो यहाँ बात इंसान की हैं,उसके सबसे खास और उसके जीवन से जुड़े अहम रिश्ते की हैं।
अब मैं यदि एक सवाल करू तो तुम्हे थोड़ा बुरा लग सकता हैं मगर ये मेरी विवश्ता हैं जो स्वयं को कठोर बना कर ,मुझे आज ऐसा कहना पड़ेगा। मान लो तुम्हारे शरीर को दो भागो में बांट दिया जाए आधा हिस्सा अलग कर दिया जाए तो क्या तुम जी सकोगे ? असंभव ऐसा हो नहीं सकता यदि शरीर का आधा हिस्सा ही यदि विलग हो गया तो कोई और हिस्सा यदि उससे जोड़ा भी गया तो वो पुनः प्राणऊर्जा पहले की भाति ना ही रहेगी और ना ही वो शरीर पहले की भाति सुंदर और ऊर्जावान रह सकेगा, वो तो बस श्वास रहित एकमात्र मिट्टी का पुतला बन कर रह जाएगा। ठीक वैसे ही दाम्पत्य वैवाहिक रिश्ता होता हैं जिसे ईश्वर सुनिश्चित करते हैं,तुम्हे उससे मिलाते हैं,फिर तुम्हारा विवाह होता हैं।
मगर आज एक वहम का शिकार हो कर तुम स्वयं ही अपनी खुशियों का शत्रु बन बैठे हो। हमेशा याद रखना जो रिश्ता ऊपरवाले ने एक बार जोड़ दिया उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं तोड़ सकती हैं। अपने रिश्ते को सरे आम नीलाम करना,एक अपराध ही नहीं एक पाप भी कहलाता हैं। प्यार एक बार होता हैं,विवाह भी एक बार होता हैं।
जो रिश्ता एक बार जुड़ गया उसे तोड़ा नहीं जा सकता,और ना ही उस इंसान की जगह किसी अन्य को कभी दिया जाता हैं। दुनिया में आज स्त्री हो या पुरुष कोई किसी से कम नहीं वस्त्र की तरह लोग अपने प्यार को बदल रहे हैं, आज कोई और फिर कल कोई और। ऐसे युवाओ के लिए एक ही बात कहना चाहूंगी जल्द ही तुम्हारा ये दौर खत्म होने वाला हैं,जहां पर प्यार और किसी रिश्ते की कद्र नहीं,ऐसे संसार का परिवर्तन का एक नया अध्याय आरंभ होने वाला हैं।