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1. आपकी चिंता का समाधान कहां है ?
तुम अपने जीवन को यदि चिंताओं से मुक्त करना चाहते हो, तो सर्वप्रथम तुम्हे अपने दिल से नफरत और घृणा जैसे विकारो को बाहर निकालना होगा तभी तुम अपने जीवन में सुकून पा सकते हो। नफरत एक ऐसा सैलाब हैं जो तुम्हे ही इस सैलाब में बहा ले जाता हैं,जहां ना ही कोई किनारा हैं और ना ही कोई सहारा। आखिर नफरत से तुम्हे क्या हासिल होगा ? किसी की बर्बादी बस, जिससे तुम्हे ऐसा महसूस होगा जैसे उसके जीवन को बर्बाद कर तुम्हारा मकसद पूरा हो गया, मगर ये तुम्हारी विडंबना हैं।
जब एक छोटा बच्चा कोई भूल करता हैं,तो लोग उसकी भूल को नासमझी कह कर टाल देते हैं,मगर जब कोई पढ़ा लिखा,समझदार व्यक्ति जानबूझ कर कोई भूल करता हैं तो उसे भूल नहीं अपराध कहते हैं।
2. कौन देता है नफरत को जन्म ?
नफरत भी भिन्न प्रकार के होते हैं,जिसे आज मैं दो पहलुओं में समझाने का प्रयास करती हूँ। एक वो नफरत जिसमे तुम किसी की खुशियों को देख उससे ईर्ष्यावश अपने दिल में उसके लिए नफरत पाल लेते हो,एक वो नफरत जिसमे किसी बुरे इंसान की आदतों को,उसकी हरकतों को बुरे कर्मो को देख तुम उससे नफरत करने लगते हो।
किसी बुरे व्यक्ति को देख कर कौन प्रसन्न हो सकता हैं भला ? जाहिर हैं उससे तो हर किसी को नफरत होगी,मगर जो इंसान गलत नहीं,जो इंसान अच्छे कर्म करता हैं,जो किसी का अहित नहीं सोचता यदि सब उस इंसान को पसंद करते हैं,उसे सम्मान देते हैं,तो उसकी प्रसंशा को देख यदि तुम उससे ईर्ष्यावश नफरत करते हो तो ये नफरत तुम्हे ही नुकसान पहुंचाने का कार्य करेगी।संसार की बर्बादी की वजह यदि कोई हैं तो ये नफरत ही हैं, जिसने सबके सुकून और खुशियों को बर्बाद कर दिया हैं।
आज देश और दुनिया में दंगे,लड़ाई,तानाशाही की वजह ये नफरत ही हैं,किसी की प्रगति को देख नहीं पाते लोग,यदि कोई अन्य देश अधिक विकसित हो रहा हैं,तो उसके विकास को देख कर दूसरे देश उससे ईर्ष्या और नफरत करने लगते हैं।
देश की सरकार भी क्या करेगी भला जब तुम अपने परिवार को संभाल नहीं पा रहे हो तो यहां सरकार पूरे देश को चला रही हैं,इतनी जनसंख्या में किस-किस को सरकार रोकेगी अपराध और दंगे करने से ?
अब इस संसार की स्थिति को नियंत्रण में रखना एकमात्र भगवान के हाथ में हैं,क्योकि मानव को किसी कानून और सजा से कोई खौफ नहीं रहा,अपनी नफरत की आड़ में वो स्वयं को ही सूली पर चढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं,जिसकी खबर उन्हें अभी नहीं समय आने पर पता चलेगा।
मेरे द्वारा लिखे और कहे गए एक-एक शब्द जनहित कल्याण के लिए हैं,यदि पेड़ की एक शाखा भी कमजोर हो कर टूट जाती हैं, तो पूरा पेड़ अपना अस्तित्व खोने लगता हैं,वीरान होने लगता हैं,ठीक वैसे संसार के हर मनुष्य को यदि हर मनुष्य से नफरत के स्थान पर स्नेह होता तो आज ये संसार कलयुग के स्थान पर सत्यकली होता।
3. मानवता का सबसे बड़ा शत्रु कौन है ?
जहां असत्य, घृणा, नफरत, लालच, स्वार्थ, ईर्ष्या का बोलबाला होता हैं,वहीं कलयुग के आतंक का भी विस्तार होता हैं,जो आज मानवता का सबसे बड़ा शत्रु बन बैठा हैं।
ये नफरत की आंधी तुम्हे ही अपने साथ बहा ले जाएगी, नफरत वो सैलाब हैं,जो तुम्हे ही खुद में समाहित कर तुम्हारा अस्तित्व मिटा जाएगा,ये नफरत वो आग हैं जो तुम्हे स्वयं में ही जला कर भस्म कर जाएगी।
आज तक नफरत से किसका भला हुआ हैं ? क्या तुमने रामायण,भगवतगीता का अध्यन नहीं किया ? क्या पुराणों में वर्णित कथाओ का तुमने श्रवण नहीं किया ? बड़े से बड़े प्रतापी राजा हो या कोई दानव जिसने भी गलत मनसा से किसी का अहित करने की भूल की हैं उसे उसका दंड अवश्य मिला हैं।