तुम्हारी समस्या में छिपा है उसका हल।

World Of Winner
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 इस दुनिया में ऐसे कई अनगिनत लोग हैं जिनकी सोच हमेशा नकारात्मक रहती हैं,वो हमेशा नकारात्मक सोचते रहते हैं,उन्हें ना तो खुद पर विश्वास होता हैं ना ही दूसरो पर,यही वजह हैं कि ऐसे लोग अपनी जिंदगी में खुश नहीं रह पाते,ना तो वो किसी के जज़्बात को समझ पाते हैं और ना ही कोई उनके जज़्बात की कद्र करता हैं,क्योकि नकारात्मक सोच वाले लोगो को कोई पसंद नहीं करता और ना ही कोई उनके साथ वक्त बिताना पसंद करता हैं,ऐसा इसलिए हैं क्योकि जिनकी सोच सदैव गलत दिशा में जाती हैं,जो जानबूझ कर स्वयं को अंधकार में रखते हैं ऐसे लोगो के पास कौन रहना चाहेगा भला ?





सब कुछ सबको नहीं मिलता,क्योकि कुछ पाने के लिए हमे भी प्रयास करना पड़ता हैं। दुनिया में ऐसा कौन हैं जिसकी जिंदगी में कोई कमी नहीं ? सबकी जिंदगी में कोई ना कोई कमी अवश्य रहती हैं चाहे वो कितना भी दौलतमंद इंसान हो मगर जिंदगी उसके लिए भी आसान नहीं होती। 


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जरा गंभीरता से सोचना और विचार करना, ऐसा क्यों नहीं कि गुजरा हुआ कल दोबारा लौट कर नहीं आता ? समय का चक्र सीधे के जगह उल्टा क्यों नहीं घूम सकता ? क्यों समय तेज रफ़्तार से बढ़ रहा हैं ? कभी इस बात पर गौर किया हैं ?


1. क्या हम बुरे समय को बदल सकते है ?


क्योकि ये ईश्वर द्वारा निर्धारित हैं जिसे कोई नहीं बदल सकता, परिवर्तन ही संसार का नियम हैं,जिसे कोई चाह कर भी बदल नहीं सकता। जो आया हैं वो जाएगा चाहे इंसान हो,कोई जीव हो या वक्त। वक्त अच्छा हो या बुरा आता ही आता हैं और वो भी अपने सिमित समय तक ही रहता हैं असीमित नहीं रहता। तुम समय के चक्र को बढ़ने से नहीं रोक सकते मगर तुम अपना बुरा समय अवश्य बदल सकते हो अपने प्रयासों से अपनी ढृढ़ता से अपने संकल्प से। 


मनुष्य यदि ठान ले तो वो क्या नहीं कर सकता ? जो क्षमताएं तुम्हे प्रदान की गई हैं तुम उसका प्रयोग तो कर सकते हो, स्वयं की शक्तियों को पहचानने का प्रयास करो,जो तुम्हे ईश्वर से प्राप्त हुआ हैं। मगर तुम तो बैठे हो भगवान भरोसे कि भगवान तुम्हे एक ना एक दिन सब कुछ अवश्य प्रदान करेंगे अब ये बताओ तुम्हे भूख सता रही हैं, तो क्या खाने का निवाला भी तुम्हे भगवान ही प्रदान करेंगे या तुम स्वयं प्रयास करोगे ? 


यदि सब कुछ भगवान ही प्रदान कर देते तो आज जिस मोबाइल फ़ोन से तुम दूर रह कर भी अपने प्रिय जनो से बात कर रहे हो उस मोबाइल फ़ोन का अविष्कार करने वाला भी यदि भगवान के भरोसे बैठा होता तो आज इस दुनिया में क्या इतनी प्रगति हो पाती ?


2. किसे कोई हरा नहीं सकता ?


चाहे कोई भी इंसान हो यदि उसके इरादे नेक और मजबूत हैं फिर उसे कोई हरा नहीं सकता। बात बस तुम्हारे जज़्बे की हैं, यदि तुम्हारे जज़्बे मजबूत हैं तो हर हाल में तुम्हारी ही जीत होगी चाहे जीवन में कितनी भी समस्याएं आए मगर वो तुम्हारे जज़्बे को देख तुमसे हार मान लेगी। क्या तुम्हे पता हैं जब भी तुम नकारात्मक विचारो से घिरे रहते हो तो उस पल तुम्हारी आंतरिक शक्तियां छिन्न होने लगती हैं जिसका असर सीधा तुम्हारे दिमाग पर पड़ता हैं जिस दिमाग से तुम्हे सब कुछ प्राप्त हो सकता यदि तुम उसे ही नुकसान पहुँचाओगे फिर कोई लाख चाहे तुम्हारी मदद करना सब व्यर्थ हो जाएगा जब तक तुम्हारा दिमाग सही स्थान पर एकाग्रता नहीं पाएगा। 


तुमने देखा हैं कभी जो व्यक्ति दिमाग से दुर्बल होते हैं,उन्हें क्या अच्छा हैं और क्या बुरा ? इसे समझने तक की शक्ति नहीं होती। दिमाग की दुर्बलता तभी बढ़ने लगती हैं जब मनुष्य अपने दिमाग में अनेको अनावश्यक बाते,नकारात्मक बाते या चिंताओं को रखता हैं। एक गुब्बारे में भी यदि अनावश्यक हवा भर कर उसे फुलाने का यदि प्रयास किया जाता हैं तो वो भी तुरंत फट जाता हैं क्योकि प्रत्येक चीज की अपनी सीमा होती हैं,चाहे मनुष्य का पेट ही क्यों ना हो आवश्यकता से अधिक भोजन भी मनुष्य को नुकसान पंहुचा जाता हैं। 


कहने का तात्पर्य हैं सब कुछ मनुष्य के दिमाग पर ही निर्भर करता हैं। अपने दिमाग का अनुचित प्रयोग करने के स्थान पर उसका उचित प्रयोग करो फिर देखो तुम्हे कुछ भी असंभव प्रतीत नहीं होगा। 


3. दिमाग का आकार छोटा क्यों बनाया गया ?


दिमाग का आकार छोटा क्यों बनाया गया ? ताकि तुम जरूरत की बाते ही अपने दिमाग में रख सको अनावश्यक बातो से कभी अपने दिमाग को कोई क्षति पहुंचाने का प्रयास ना कर सको मगर मनुष्य को चैन कहां उसे तो अपने दिमाग में दुनिया भर की अनावश्यक बातो को अपने दिमाग में रखना हैं और इल्जाम दूसरो पर लगाना हैं।  तुम किसी अन्य व्यक्ति पर या भगवान पर स्वयं को आश्रित क्यों बना रहे हो ? तुम क्या नहीं कर सकते ? 


रहा सवाल भगवान का तो एक बात मैं आज बता दूँ भगवान ने भी अपने प्रयासों से ही इस समस्त संसार को बनाया हैं,क्योकि उन्हें पता था ये उनका कार्य हैं जिसे एकमात्र वही कर सकते हैं। अब जो कार्य मनुष्यो का हैं वो तो उन्हें ही करना होगा ना की भगवान करेंगे।  


अपने दिमाग से सभी नकारात्मक विचारों को निकाल दो, क्योकि शांत दिमाग ही कुछ कर पाने में सफल हो सकता हैं क्योकि अशांत और विचलित दिमाग केवल अशांति को ही जन्म देता हैं जिसका सीधा असर तुम्हारी जिंदगी पे पड़ता हैं, और तुम्हारे प्रयासों का उचित फल तुम्हे उचित समय पर नहीं मिल पाता हैं। 



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