क्यों सही मार्ग से भटक रहे आजकल के युवा पीढ़ी ? Why are Today's Young Generation straying from the right path?

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 हमारे परिवार से ही हमारा समाज है और हमारे परिवार से ही हमारा मान सम्मान है।यदि आप मेरी बातों से सहमत नहीं यदि आपको मेरी बाते समझ नहीं आई तो मैं आपको विस्तारपूर्वक समझाती हूँ। 


जिस घर में आप और आपके सभी सदस्य रहते है ये बहुत जरूरी है कि आपके सभी सदस्यों में एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान की भावना हो, जहाँ पर माता पिता, बड़े भाई के प्रति आपके दिल में सम्मान और निश्छल प्रेम बसा हो तभी आप अपने जीवन में सही दिशा प्राप्त कर सकते है। क्योकि जो तजुर्बा आपके माता पिता, दादा दादी और बड़े भाई के पास मौजूद है वो आपके पास नहीं क्योकि आपसे पहले वो इस दुनिया में आए, सही और गलत क्या है उनसे बेहतर आपको पता नहीं चल सकता। इसलिए हमेशा खुद को उनसे श्रेष्ठ समझने की भूल ना करे, उनके सुझाव को अनसुना ना करें अन्यथा आपका भविष्य कभी सही दिशा तक आपको नहीं ले जा सकता ना तो आप जीवन के विपरीत परिस्थितियों में कभी कोई समाधान ढूंढ़ पाएंगे। 






आज कल क्यों युवाओं की जिंदगी दांव पर लगी है ? (Why are the lives of youth at stake these days?)


पहले ना कोई स्मार्ट फोन था और ना ही इंटरनेट मगर आज कल स्मार्ट फोन और इंटरनेट को हमारे देश के कुछ युवा पीढ़ी गलत तरीके से प्रयोग कर रहे है यही वजह है कि आज कल क्रिमिनल ना हो कर भी पढ़े लिखे युवा बड़े से बड़े क्राइम को अंजाम दे रहे है। आज कल फेसबुक,इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर युवाओं को प्यार हो जाता है फिर बिना सोचे समझे तमाम उम्र साथ बिताने का फैसला कर लेते है ये भी विचार नहीं करते कि क्या वो इंसान उनका जीवनसाथी बनने के लिए सही है भी या नहीं ?


लड़कियों को फेमस होने के लिए रील्स बनाना है, उन्हें रील्स और सोशल मीडिया से फुर्सत ही नहीं तो वो क्या संस्कार और परिवार के महत्व को समझेगी ?


आज कल के युवा रील्स देख कर चेहरे पर आकर्षित हो जाते है गुण और अवगुण को नहीं देखते यही कारण है हमारे देश में विवाह जैसे पवित्र रिश्ते शर्मसार हो रहे, लोग अपनी मर्यादा और संस्कार भूल गए है। 


प्रेमानंद की बातें बहुत से युवाओं को बुरी लगी मगर बुरी लगनी नहीं चाहिए क्योकि प्रेमानंद जी ने सबको गलत नहीं कहा 100 में 4 या 5 लड़कियों को सही कहा यदि तुम खुद को उन 4 या 5 में मानते तो तुम्हें बुरा लगता ही नहीं अर्थात तुम खुद जानते हो तुम गलत हो इसलिए सही और अच्छी बात तुम्हें पसंद नहीं आई। मगर यही सच है तुम मानो अथवा ना मानो। यदि सब सही होते तो आज देश में युवाओं का वैवाहिक रिश्ता टूट कर नहीं बिखरता कोई एक दूसरे को धोखा नहीं देता। 


आज कल के युवा अपने बड़े बुजुर्गो के वश में नहीं रहे बहुत कम ऐसे घर होंगे जहां पर छोटे भाई बहनों में या बेटे या बेटियों में संस्कार का वास होगा। बहुत कम ऐसे घर होंगे जहाँ बड़े भाई को पिता तुल्य समझा जाता होगा उनके दिए सीख और उपदेश का पालन होता होगा अन्यथा आज तो बस रिश्ते सोशल मीडिया का मोहताज बन गया है। जहां पर लोग वस्त्रो की भाति जीवनसाथी बदल रहे है। 


देश के युवाओं अब भी थोड़ा वक्त है समझ जाओ अपने मूल कर्तव्य को ये जिंदगी बहुत अनमोल है अपनी जिंदगी में उसे ही शामिल करो जो तुम्हारी जिंदगी को बेहतर दिशा तक ले जाए चाहे वो तुम्हारी आदते हो या तुम्हारी पसंद वो हमेशा उचित होना चाहिए जो तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे परिवार के मान सम्मान को उनकी खुशियों को बनाए रखे। 



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