संस्कार की परिभाषा ?(Definition of Rites?)

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संस्कार का महत्व इस संसार से ना जाने क्यों लुप्त होते जा रहा इसका मुख्य कारण हैं ये बदलता युग जिसने सभी मानवो को उसके संस्कारो से वंचित कर रखा हैं।अपने संस्कार को रखे बरकरार,करे सबसे उचित व्यवहार,क्योकि संस्कारो से ही हो सकता हैं आपका ईश्वर से साक्षात्कार। 


क्यों हैं संस्कार का आपके जीवन में अहम भूमिका ?


एक सर्वगुण संपन्न व्यक्ति वही कहलाता हैं,जिसके भीतर उचित संस्कारों का समावेश होता हैं। व्यक्ति के संस्कार से ही समाज में उसे सम्मान प्राप्त होता हैं, क्योकि समाज  हमसे  होता हैं और हम समाज से, ऐसा इसलिए हैं क्योकि एक सामाजिक व्यक्ति कभी अपनी मर्यादा का उलंघन नहीं करता हैं और समाज भी मर्यादा और संस्कारो में पलने वाले इंसान को सदैव सम्मान भरी नजरों से ही देखता हैं। एकमात्र आपके घर में रहने वाले आपके घर के सदस्यों से ही आपका रिश्ता नहीं बल्कि समाज से भी आपका एक रिश्ता हैं और जो व्यक्ति समाज को सम्मान भरी नजरों से देखता हैं वही व्यक्ति जिंदगी में बड़े मकाम को हासिल करता हैं।


 एकमात्र सिर्फ शिक्षा ही व्यक्ति को शिक्षित होने का दर्जा नहीं देती बल्कि व्यक्ति के भीतर बसे संस्कार भी उसे एक शिक्षित और सभ्य व्यक्ति होने का दर्जा दिलाते हैं। क्या लगता हैं आप मनुष्यों को  केवल आपकी बड़ी डिग्रीयां ही आपके शिक्षित होने का प्रमाण हैं ? यदि आप ऐसे विचारधारा रखते हैं तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल हैं।मान लो तुमने बहुत बड़े कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की तुम्हारे पास काफी अच्छी डिग्री भी मौजूद हैं और तुमने किसी बड़ी कंपनी में अपना इंटरव्यू देने का फैसला किया मगर संस्कार क्या होता हैं तुम्हे इसका ज्ञान नहीं यदि तुम अपने अहंकार में अपने से बड़े अधिकारी या बॉस से ऊँची आवाज़ में बात किया तो क्या एकमात्र तुम्हारी ये डिग्री तुम्हे उस नौकरी को हासिल करने में तुम्हारी सहायता कर पाएगी ? हरगिज़ नहीं क्योकि चाहे कोई भी जॉब हो कोई भी बड़ा इंटरव्यू  वहां सर्वप्रथम व्यक्ति के संस्कार और उसके व्यवहार को परखने का कार्य किया जाता हैं।


 चाहे कोई देश का राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री सबमे संस्कार की एक अहम भूमिका होती हैं क्योकि कोई भी बड़ा पद आपको तभी सम्मान दिला सकता हैं जब आपके अंदर उचित संस्कारो का वास होता हैं। यदि आप अपने घर के मुख्य सदस्य हैं तो ये आपकी जिम्मेदारी हैं की आप अपने घर के सदस्यों के साथ उचित व्यवहार करे सभी को उचित संस्कार प्रदान करे। क्योकि जिस घर में संस्कार का वास होता हैं उस घर में ही सुख समृद्धि धन और वैभव का भी वास होता हैं और ऐसे घर की शांति कभी भंग नहीं होती।पति-पत्नी का प्यार ये रिश्ता आज इस कलयुग में क्यों बस नाम का रह गया हैं क्योकि इस बदलते युग में स्त्रियाँ अपने पति को वो सम्मान नहीं देती ना ही पुरुष पत्नी को वो सम्मान देते हैं।


वजह हैं संस्कारों में कमी जो स्त्री या पुरुष संस्कारी होंगे वो कभी अपने दाम्पत्य रिश्ते को बर्बाद नहीं करेंगे क्योकि संस्कार से ही हर इंसान में रिश्ते को परखने का हुनर आता हैं संस्कार से ही इंसान हर रिश्ते को अटूट और प्रगाढ़ बना पाने में सफल होता हैं। संस्कार से ही एक दाम्पत्य रिश्ता मजबूत होता हैं। क्योकि संस्कार इंसान को उसके मर्यादा में रहना सिखाता हैं। जो अपनी मर्यादा में रहना सीख जाता हैं वही इंसान अपने जीवन में सुख सौभाग्य को प्राप्त करने का हकदार होता हैं।  


संस्कार ही व्यक्ति के जीवन का वो मार्गदर्शक हैं जो उसे जिंदगी जीने के सही मायने को बतलाता हैं।आप जिसके साथ जैसा व्यवहार करेंगे वो आपके साथ भी ठीक वैसा ही व्यवहार करेंगे मेरे कहने का तात्पर्य हैं यदि आप अपने संस्कारो से सुसज्जित विचारो को अपनाएंगे सबको सम्मान भरी नजरों से देखेंगे और सबको सम्मान देंगे तो सभी लोग आपको भी सदा सम्मान भरी नजरों से ही देखेंगे। एक उचित संस्कार वही कहलाता हैं जो अपने अंदर अहंकार,क्रोध ईर्ष्या, नफरत लोभ-लालच और बदले जैसी भावना नहीं रखता हैं। 


होने ना दे जो अपनी मर्यादा को भंग,रखता जो उचित संस्कारों को अपने संग।

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