क्यों है उन्नति तुमसे दूर ? Why is progress away from you?

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आपका जीवन बहुत अनमोल हैं और उससे कहीं ज्यादा अनमोल हैं आप ईश्वर के लिए,यदि ऐसा ना होता तो ईश्वर ने आपको मनुष्य रूप में ना भेजा होता। जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं मगर हमे किसी भी हाल में स्वयं पर विश्वास रखना चाहिए क्योकि आपका विश्वास ही आपकी शक्ति हैं। माता-पिता,गुरुजन रिश्तेदार या मित्र सभी रिश्ते विश्वास के आधार पर ही टिका होता हैं जहां पर विश्वास की कमी होती हैं वहां किसी भी रिश्ते में दरार उत्पन्न होने लगती हैं। 


यदि कोई भी आपको आज सही नहीं कहता तो इस बात का शोक ना करें क्योकि यदि आप सही रास्ते पर हैं आपके कर्म अच्छे और नेक हैं तो आपको तनिक भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं क्योकि आपका अच्छा कर्म ही आपका ढ़ाल हैं जो किसी भी परिस्थिति में आपको कोई हानि नहीं पहुंचने देगा और ईश्वर को सब पता रहता हैं किसने कैसे कर्म किए सबका लेखा-जोखा ईश्वर के पास हैं फिर आपको लेश मात्र भी सोचने की जरुरत नहीं। 


क्यों है उन्नति तुमसे दूर ?


कुछ लोग परिवार में या समाज में ऐसे होते हैं जिन्हें खुद से ज्यादा दुसरो की जिंदगी में ताक-झांक करना अच्छा लगता हैं क्योकि उन्हें दुसरो की कामयाबी और खुशी हजम नहीं होती कहने का अर्थ हैं जो लोग आपसे ईर्ष्या करते हैं या नहीं चाहते कोई उनसे ज्यादा कामयाब हो तो वो उसे मार्ग से भटकाने का प्रयास करते हैं ताकि उनका ध्यान अपने लक्ष्य से भटक जाए और वो नाकाम हो जाए। 


कुछ लोग दूसरों की बातों को सच मान लेते हैं और दिन-रात चिंता और शोक में डूबे रहते हैं यही उनकी सबसे बड़ी भूल कहलाती हैं, जो आजीवन उन्हें अपनी उन्नति से दूर रखती हैं क्योकि मनुष्य के दिमाग का आकार इतना अधिक नहीं की उसमे हर बात,हर चिंता रखी जाए आपने देखा होगा जब किसी छोटे आकार के डिब्बे में या किसी पात्र में आप जब उसके आकार से अधिक पानी रखने का प्रयास करते हैं तो वो छलक कर बाहर गिरने लगता हैं इसका अर्थ यही हैं की भगवान ने आपको दिमाग दिया हैं उसका सही जगह इस्तेमाल करने के लिए ना की व्यर्थ की बातों से अपने दिमाग को क्षति पहुंचाने के लिए यदि आप अपने दिमाग का सही प्रकार से प्रयोग करेंगे यकीनन आप हर उन्नति को अपने करीब पाएंगे। आपको सफाई क्यों पेश करनी हैं जब आप सही हैं तो ?


क्योकि सफाई की पेशकश वो करता हैं जिसे पता हैं की वो गलत हैं एक ना एक दिन सच सामने आ ही जाता हैं यदि आप सही हैं तो लोगो को जो कहना हैं कहने दो उनका यही काम हैं मगर आपका काम कुछ और हैं। 


*इसलिए कहा जाता हैं लोगों की बेतुकी बातों को जो करते हैं नजरअंदाज वही पहन पाते हैं अपने सिर पर कामयाबी का ताज।


परिश्रम और अच्छे कर्म ही हर कामयाबी का मूल मंत्र होता हैं जिसे समझना हर किसी के बस में कहां ये तो वही जान और समझ सकता हैं जिसके दिल में सदैव सबके कल्याण की भावना बसी होती हैं जो परिश्रम से कभी पीछे नहीं हटता जो कभी किसी का अपमान नहीं करता वही इंसान एक दिन सबके सम्मान का अधिकारी बनता हैं। 


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