क्या संकेत दे रहा ये महाकुंभ स्नान ?

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1. ये प्रमाण है कि ईश्वर हमारे अंदर मौजूद है। 


आपका प्राण ऊर्जा आपके शरीर में है या शरीर के बाहर ? आप सब यही सोच रहे होंगे कि मैं कैसा प्रश्न कर रही हूँ भला प्राण ऊर्जा किसी के शरीर के बाहर होता है या शरीर के अंदर ? फिर मैं आज ऐसा आप सब से क्यों कह रही हूँ ? तो मैं आप सबको बता देना चाहती हूँ कि पिछले कई दिनों से मैं बेहद दुखी हूँ संसार की हालत को देख कर कुछ लोगों की मानसिकता को देख कर।कहने का तात्पर्य यही है कि जब आपका प्राण ऊर्जा शरीर के अंदर मौजूद है तो इसका मतलब यही है कि ईश्वर हमारे अंदर ही मौजूद है यदि ये सत्य नहीं होता तो आपके शरीर में प्राण ऊर्जा का संचार नहीं हो रहा होता।


2. महाकुंभ में आपके भाग लेने का मकसद क्या है ? 


फिर आप भगवान को इधर उधर क्यों तलाश रहे ? आखिर महाकुंभ में आपके भाग लेने का मकसद क्या है ? शायद आप अपने द्वारा किए गए पापो से मुक्ति और पुण्य की अभिलाषा में महाकुंभ स्नान में सम्मिलित होना चाहते है। तो मैं आज एक बात साफ-साफ बता देना चाहती हूँ चाहे आपको यकीन हो या ना हो मगर महाकुंभ और तीर्थ धाम से बड़ा पुण्य है अच्छे कर्मो का चुनाव, यदि आपके कर्म अच्छे और नेक है फिर आपके लिए वही महाकुंभ का स्नान है और तीर्थ धाम है अन्यथा कुछ भी नहीं। 


जबसे महाकुंभ आया है कई लोग महाकुंभ के अमृत जल में डूबकी लगाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है यहां तक कि अपने प्राणो की भी चिंता नहीं। महाकुंभ का ऐसा जूनून और दीवानापन चढ़ा है लोगों के दिलों दिमाग पर कि वो महाकुंभ में पहुंचने के लिए हर जोखिम उठाने को तैयार है, ट्रैन में इतनी भीड़ एकत्रित हो रही है कि लोगों को खड़े रहने के लिए भी जगह नहीं मिल रही ऐसे में कुछ लोग असावधानी लापरवाही के कारण अपनी जान को जोखिम में डालने पर मजबूर हो गए कुछ महिलाएं ट्रैन की खिड़की से भीतर जाने की मूर्खता कर रही थी जिस कारण उनके छोटे मासूम बच्चे ट्रैन से गिर गए और उसी वक़्त ट्रैन से कट कर उनकी मृत्यु हो गई।


 ये कैसा महाकुंभ दर्शन और स्नान है ? ये केवल पाखंड है जो इंसान अपने जीवन के महत्व को नहीं समझता जो इंसान अपने उचित कर्म को नहीं समझता वो इंसान क्या समझेगा सच्ची भक्ति को ? 


ये दुखद घटना बिहार की राजधानी पटना की है जहां दो मासूम बच्चे की जान चली गई, इसे सुन कर जब मुझे इतनी पीड़ा का अनुभव हो रहा तो सोचो क्या गुजरती होगी उन बच्चों पर जिन्हे अपने माता पिता की असावधानी के कारण अपनी जान गवानी पड़ी। 


3. क्या संकेत दे रहा ये महाकुंभ स्नान ?


संसार किस वहम में जी रहा है ? क्यों सो रहे है आप ? अब भी आप ईश्वर के संकेत को नजरअंदाज करने की भूल कर रहे है। जब बार-बार कोई ना कोई दुखद घटना घटित हो रही है फिर भी इंसान लापरवाही बरतने का प्रयास कर रहा। जो महिलाएं घर पर अपने पति को सम्मान और प्यार नहीं देती वो तीर्थ धाम में महाकुंभ जा कर कौन सा पुण्य अर्जित कर लेंगी ? जो पुरुष अपनी पत्नी का सम्मान नहीं करता अपने उचित धर्म और कर्म का पालन नहीं करता वो तीर्थ धाम महाकुंभ में स्नान कर कौन सा पुण्य कमा लेगा ? अपने माता पिता बड़े बुजुर्गो की कद्र और सम्मान को भुला कर यदि तुम तीर्थ धाम पर निकलते हो तो यकीनन तुमसे बड़ा अज्ञानी कोई और हो नहीं सकता। 


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2Comments


  1. You said a very good thing, your teachings will help people get rid of superstition.👍

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