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आप सब यही सोचते है कि आप हमेशा खुश रहे गम की परछाई भी आपके जीवन पर ना पड़े आपकी खुशियों को किसी की नजर ना लगे, क्यों सही कहा ना ? ऐसी सोच हर किसी की होती है दुनिया में ऐसा कौन है जो सदैव खुश नहीं रहना चाहेगा ?
1. दूसरों की खुशियों से ईर्ष्या करने वाले एक बात हमेशा याद रखे।
मगर अक्सर लोग अपनी खुशियों की चाहत में दूसरों की खुशियों को नजरअंदाज करने की भूल कर जाते है, किसी दूसरे की खुशियों को देख कर उससे ईर्ष्या करने लगते है और उन्हें नुकसान या क्षति पहुंचाने में जरा भी संकोच नहीं करते, ये सरासर गलत है।अपनी जिंदगी किसे प्यारी नहीं होती ?हर कोई अपनी जिंदगी से प्यार करता है, हर कोई सुरक्षित रहना चाहता है। मगर दुनिया में कुछ लोग बस अपनी परवाह करते है, किसी दूसरे कष्ट और पीड़ा से उन्हें कोई मतलब नहीं होता, ऐसी सोच और मानसिकता केवल गैरो के लिए ही नहीं बल्कि अपनों के लिए भी होती है। कुछ लोग अपने फायदे के लिए अपने परिवार के सदस्यों के लिए ही झूठ का सहारा ले लेते है, ऐसा करना उन्हें ना केवल परिवार की नजरों में गिरा देता है बल्कि वो खुद की नजरो में भी गिर जाते है।जीवन में एक बात हमेशा याद रखे भूल कर भी कोई ऐसा कार्य ना करे जिससे बाद में तमाम उम्र आपको शर्मिंदा होना पड़े, जिससे लोगों का विश्वास आपसे उठ जाए और अपनों का साथ आपसे छूट जाए।
* सर्वे स्वसुखार्थं जीवन्ति, परन्तु यः परसुखार्थं जीवति सः एव वस्तुतः ईश्वरस्य पुरस्कारं अर्हति।
अर्थात, अपनी खुशियों के लिए तो हर कोई जीता है, मगर जो दूसरों की खुशियों के लिए जीता है, असल में वही ईश्वर के पुरष्कार का हकदार होता है।
यदि आप भीड़ में खड़े होंगे तो आप भी उसी भीड़ का हिस्सा बनेंगे, यदि आप खुद को भीड़ से अलग करेंगे तो आप उस भीड़ से खुद को एक अलग और नई दिशा में पाएंगे, कहने का तात्पर्य है कि एक जैसी दिखने वाली कोई वस्तु एक समूह में रखी होती है तो लोगों का रुझान और ध्यान उन पर इतना नहीं जाता मगर यदि उस समूह से अलग हट कर कोई नई वस्तु होती है तो वो वस्तु सबका ध्यान अपनी ओर केंद्रित कर लेती है।
2. यदि ये संसार खत्म हो गया तो क्या कोई सुरक्षित बच सकेगा ?
जब कोई भयंकर तूफान या भूकंप आता है तो सब उस मंजर को देख विचलित हो कर किसी सुरक्षित स्थान की तलाश करते है ताकि उन्हें कोई क्षति ना पहुंचे उनकी जान को कोई खतरा ना हो, आप ये विचार क्यों नहीं करते ये संसार अलग नहीं भले ही देश अलग है, स्थान अलग है मगर सब इसी संसार से जुड़े है यदि ये संसार खत्म हो गया तो क्या कोई सुरक्षित बच सकेगा ? हरगिज नहीं
3. कलयुग से कैसे रहे सुरक्षित ?
आज मैं आप सभी लोगों से यही कहने का प्रयास कर रही हूँ कि ये जो आप सब एक दूसरे से अलग बटने का प्रयास कर रहे हो हकीकत में आप ईश्वर से खुद को अलग बांटने की भूल कर रहे हो, याद रहे बुराई का साम्राज्य में जो शामिल होता है भले ही वो कुछ दिनों तक ऐशो आराम की जिंदगी जीता है मगर उसका परिणाम बेहद भयावह होता है मगर जो अच्छाई के लिए अकेले लड़ता है अंत में वही जीत का जश्न मनाता है, यदि आज दुःख है तो कल सुख भी होगा मगर यदि तुम्हारे बुरे कर्मो के कारण कोई दुखी है तो एक दिन तुम्हें भी उसके दुःख से हो कर गुजरना होगा, क्षणिक सुख के लिए किसी के दुःख का कारण बनने की भूल ना करें अन्यथा आजीवन पश्चाताप की अग्नि में खुद को जलता पाओगे।
इंसान अलग बंट सकता है, मगर भगवान नहीं, इंसान न्याय और निति को भुला और बदल सकता है मगर भगवान नहीं। यदि चाहते हो कलयुग से बचना,तो मेरी बात को सदैव स्मरण रखना।
ReplyDeleteYou said the right thing, there is a spark of truth in every word you said.
Thank you
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