विवाह को खेल समझने वाले हो जाए सावधान।

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1. क्यों स्त्री त्याग की मूर्ति कहलाती है ?


चाहे वो बीमार हो, चाहे वो दुखी हो मगर कभी पीछे नहीं हटती वो अपनी जिम्मेदारियों से, निभाती वो पूरी वफादारी से, नहीं विमुख होती कभी वो अपने कर्तव्यों से फिर क्यों नहीं मिलता उन्हें सच्चा प्रेम और सम्मान, है वो शक्ति का ही अंश ये जानता है सारा संसार फिर क्यों हो रहा इस संसार में नारियों का अपमान।सपने सब देखते है, कौन नहीं चाहता इस दुनिया में खुश रहना दुःख तो इस बात की है जो अपनी खुशियों और इच्छाओं का बलिदान दे कर अपने परिवार को खुश रखती है उसी नारी की खुशियों की परवाह किसी को नहीं होती है। 


2. विवाह क्यों कहलाता है पवित्र ?


विवाह एक पवित्र बंधन कहलाता है जिसके साक्षी स्वयं अग्नि देवता होते है, ईश्वर को साक्षी मान कर आप विवाह सूत्र में बंधते है, हर पल, हर जन्म एक दूसरे का साथ निभाने का वचन देते है। मगर विवाह के कुछ दिन, महीने, साल बाद आप अपने जीवनसाथी के साथ रहना नहीं चाहते, क्योकि आपको कोई और पसंद आ जाता है, क्या ये एक मजाक है ? क्या आपकी नजरों में विवाह एक खेल है ?


जो पति अपनी पत्नी का नहीं हुआ जिसके साथ उसने ईश्वर को साक्षी मान कर उम्र भर साथ निभाने का वचन लिया वो किसी अन्य स्त्री का क्या होगा ?


3. वैवाहिक सुखी जीवन किसे प्राप्त होता है ?


आज मैं एक ही सवाल करती हूँ उन लड़कियों से और उन लड़कों से कि तुम किस वहेम में जी रहे हो ? एक शादीशुदा इंसान के खुशहाल गृहस्थ जीवन को तुम क्यों बर्बाद करने का प्रयास कर रहे हो ? कुछ हासिल नहीं होगा इससे बल्कि तुम्हें एक पाप का भागीदार बना देगा जिससे तुम्हें कभी मुक्ति नहीं मिलेगी ना तो जीतेजी और ना मरने के बाद। क्योकि तुमने ईश्वर के द्वारा बनाए गए दो पवित्र दाम्पत्य जोड़े को अलग करने का पाप किया है।तुम्हे क्या लगता है वो शख्स जो अपनी पत्नी को छोड़ कर तुम्हारे पास आ गया क्या भरोसा कल को वो तुम्हें छोड़ कर किसी और के पास भी जा सकता है ? फिर तुम क्या करोगे ? क्या तुम्हे कोई अच्छा और नेक इंसान अपनाएगा ? हरगिज नहीं अपनाएगा, क्योकि सच्चा प्रेम और सच्चा सुख केवल अच्छे गुण, अच्छे विचार,अच्छे व्यवहार और उचित संस्कारों से मिलता है ना की धोखे और फरेब से। 


एक बात हमेशा याद रखना '' किसी के भावनाओं के साथ खेल कर, किसी दूसरे का हक़ छिन  कर कभी कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता है, ना ही सच्चा प्रेम और साथ पा सकता है। 


आए दिन जो संसार में हत्याएं हो रही है उसकी जिम्मेदार हमारे समाज में रहने वाली संस्कारहीन युवा पीढ़ी है जो कहने के लिए बड़ी डिग्रीया और शिक्षा ग्रहण तो कर लेते है मगर उचित संस्कार ना होने के कारण वो सही दिशा से भटक जाते है उचित अनुचित भूल जाते है। 


अच्छा होगा उन पुरुषों के लिए समय रहते वो उचित अनुचित समझ जाए वरना अपने कुकर्मो का भुगतान उन्हें स्वयं भुगतना होगा क्योकि प्रकृति सबका हिसाब रखती है, प्रकृति के ही गोद में पल कर तुम बड़े हुए हो आज तुम प्रकृति को ही क्षति पहुंचाने का प्रयास कर रहे हो, याद रहे एक माँ ममता की मूर्ति भी है और दुष्टों के लिए प्रलयकारी रौद्र भी है। 



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  1. You are absolutely right, we should respect the sacred bond of marriage and should never cheat our spouse.👍

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