मन की चंचलता को वश में करें।

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1. क्यों नहीं मिलता जीवन में सुकून ?


मनुष्य का मन कभी स्थिर नहीं रहता कोई ना कोई बात हर घड़ी मनुष्य के मन को अशांत करते रहती है,यही कारण है कि मनुष्य कभी सुकून महसूस नहीं कर पाते, कोई ना कोई बात या कोई ना कोई चिंता उन्हें सताते रहती है। 


2. चंचल मन को शांत कैसे करें ?


अपने चंचल मन को यदि शांत करना है तो सबसे पहले तुम्हे अपनी ख्वाईशो की दुनिया से बाहर निकलना पड़ेगा अर्थात अपनी इच्छाओ पर अंकुश लगाना होगा। तभी तुम अपने चंचल अशांत मन को सुकून और आराम दे सकते हो अन्यथा नहीं। 


क्या हुआ जो तुम्हारी इच्छा पूरी नहीं हुई ? क्या हुआ जो लोग तुम्हे नहीं समझ पा रहे ? क्या हुआ जो आज कुछ लोगो की तुलना में तुम्हारे पास अधिक पैसा,धन दौलत और जायदाद नहीं ? यदि तुम सब कुछ ठीक करना चाहते हो तो सबसे पहले नकारात्मक विचारो का सदा के लिए त्याग करो,अपने जीवन को यदि खुशहाल बनाना चाहते हो तो सबसे पहले तुम खुश रहना सीखो,यदि अपनी इच्छाओ को पूर्ण करना चाहते हो तो सबसे पहले खुद की मेहनत पर विश्वास करना सीखो। 


क्योकि सिवाय तुम्हारे तुम्हारी इच्छाओ को कोई अन्य पूरा नहीं कर सकता है, ये जिंदगी तुम्हारी है,सपने तुम्हारे है,फैसले भी तुम्हारे होने चाहिए ना की दूसरो के। 


क्या हुआ जो लोग तुम्हे नहीं समझ रहे,लोग तो भगवान को भी नहीं समझते फिर तुम्हे क्या समझेंगे ? किस बात का शोक है तुम्हे यदि तुम अपने मन को विश्राम नहीं दोगे तो तुम्हारा मन तुम्हे कैसे आराम दे सकता है ? 


दुख और सुख से तो सब बंधे है चाहे मनुष्य हो या देवता दुख तो सबको होता है,मगर क्या तुम तमाम जीवन सोचने में बिता दोगे ? या कुछ बड़ा करने का निर्णय करोगे ?


अच्छे लोगों की तलाश करते-करते उम्र यूं ही गुजर जाएगी, समय भी निकल जाएगा मगर तुम्हे तुम्हारी इच्छानुसार कोई भी बेहतर नहीं मिल पाएगा, बेहतर इंसान की तलाश में तुम जिंदगी के बेहतर मौके को गवा दोगे बाद में लोग तुम्हे ही नाकाम समझेंगे और तुम्हारी आलोचना करेंगे। 


3. हम सही तो सब सही इस कथन से आप क्या समझते है ?


यदि हम सही तो सब सही इस कथन को अपने जीवन में जरूर अपनाना मेरे इस कथन का अर्थ यही है कि यदि हम सही है,यदि हमारी सोच,हमारे कर्म सही है, तो हमे दूसरो से क्या लेना देना ? तुम पूरी दुनिया को बदलने नहीं आए हो, क्योकि ये तुम्हारे बस की बात नहीं है। तुम स्वयं को बदलने का प्रयास करो,अपनी सोच को बदलने का प्रयास करो फिर देखो तुम्हे खुद सब कुछ बदलता नजर आएगा। 


यदि तुम स्वयं में इतने बदलाव ले आए तो एक दिन ये दुनिया तुम्हे खूबसूरत नजर आने लगेगी,ना ही तुम्हे किसी से शिकायत होगी ना किसी को तुमसे शिकायत होगी। तुम्हारा चंचल मन भी शांत हो जाएगा, जो दुख और चिंता तुम्हे परेशान करने का प्रयास कर रही है वो स्वतः ही तुम्हारा पीछा छोड़ देगी। 


जब हम अपनी सोच को बेहतर बनाना शुरू कर देते है, तो हमारी सोच हमारे जीवन को बेहतर बनाना शुरू कर देती है, जिससे हमे एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होने लगता है। 



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