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क्या अच्छा है और क्या बुरा इंसान बखूबी जानता है मगर इंसान जानबूझ कर सत्य को स्वीकारना नहीं चाहता। कभी-कभी आप अपनों की खुशियों के लिए उनके गलत फैसले में भी हाँ कह देते है ताकि उनको दुःख ना हो मगर आप शायद भूल रहे है कि कल यदि कुछ बुरा हुआ तो समाज में लोग आपको भी इसका दोषी समझेंगे इसलिए बेहतर होगा जो बोलना है आप निःसंकोच बोलने की आदत डाल ले ताकि आप किसी उलझन में ना फसे।
** ये पाँच आदतें आपके जीवन को बर्बाद कर सकती है।
1. ना कहने में संकोच करना (Hesitating to say no)-
चाहे कोई आपका अपना हो या बेगाना जहां पर जो बात सही नहीं उसके लिए आपको हमेशा ना कहने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योकि यदि आप ना कहने में संकोच करेंगे तो कल को ये आपके लिए एक बड़ी समस्या उतपन्न कर सकता है जिससे ना सिर्फ आपके जीवन पर असर पड़ेगा बल्कि आपके पूरे परिवार के जीवन पर असर पड़ सकता है। आप यही सोच रहे है ना कहने से सामने वाले व्यक्ति को बुरा लगेगा वो आपके बारे में क्या सोचेगा ? क्या हुआ अगर आपने ना कह दिया हर वक़्त अपने दिमाग पर बोझ रखने से सोचने से बेहतर होगा एक बार आपने ना कह दिया कल को वही इंसान आपके जज़्बात को समझेगा और आपके सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योकि आपने सही फैसले के लिए बेहतरी के लिए ना कहा है।
2. अपने राज को किसी के भी समक्ष उजागर कर देना (Revealing your secret to anyone)-
कुछ लोग इतने मासूम और भोले होते है कि सबको अपना मान लेते है और अपने दिल की हर बात सबसे जाहिर कर देते है, उन्हें जरा भी एहसास नहीं कि कल को वो इंसान उनके इस भोलेपन का गलत फायदा भी उठा सकता है जिससे उनकी खुशियाँ और उनकी जिंदगी दोनों दांव पर लग सकती है।इसलिए बेहतर यही होगा चाहे कोई आपका कितना भी अच्छा मित्र हो अपने हर राज को भूल कर भी किसी से भी जाहिर करने की भूल ना करें अन्यथा तमाम उम्र आपको पछताना पड़ सकता है।
3. अपनी कमजोरियों से लोगों को परिचित कराना (Let people know your weaknesses)-
ये सतयुग नहीं कलयुग है यहां अपने भी फायदे के लिए रिश्ता जोड़ते है फिर गैरों से क्या उम्मीद की जा सकती है यही सच्चाई है इस बदलते युग की। उम्मीद करती हूँ आप सब मेरे इस तथ्य से पूर्णतः सहमत होंगे।इसलिए अपनी कमजोरियों को खुद तक ही सीमित रखे औरों को इसका आभास भी ना होने दे अन्यथा लोग आपकी कमजोरियों का फायदा उठाना शुरू कर देंगे।इस दुनिया में हर किसी की कोई ना कोई कमजोरियाँ अवश्य होती है कुछ लोग अपनी कमजोरी खुद तक ही सिमित रखते है किसी को इसका पता भी नहीं चलने देते मगर कुछ लोग नादानी में भूल कर बैठते है और बाद में तमाम जिंदगी दुखी रहते है और अफसोस जताते है यदि वो अपनी कमजोरियों को दूसरों से जाहिर ना करते तो आज कोई भी उनकी कमजोरी का गलत फायदा नहीं उठाता।
4. दूसरों के कही सुनाई बातों को सच मान लेना (Believing what others say to be true)-
कुछ लोग दूसरों की बातों को सच मान लेते है उनकी यही आदत उनके लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाती है जिसका असर उनके जीवन और रिश्ते दोनों पर पड़ता है। जो ज्ञानी और सुलझे इंसान होते है वो जब तक खुद की आँखों से नहीं देख लेते, अपने कानों से नहीं सुन लेते तब तक वो किसी की बात पर यकीन करने की भूल नहीं करते। क्योकि इंसान के भी कई रूप होते है, हर इंसान सही नहीं होता और हर इंसान गलत नहीं होता, मगर कुछ लोग ईर्ष्या वश अच्छे लोगों को किसी की नजरों में गिराने के लिए झूठ का चयन करते है झूठी गलत बातें बना कर किसी को बदनाम करते है। यदि आपको जीवन में सदैव सर उठा कर फक्र और सम्मान के साथ जीना है तो कभी किसी दूसरे के द्वारा कही सुनाई बातों पर यकीन करने से पहले खुद सच्चाई का पता करें फिर किसी फैसले या निष्कर्ष पर उतरे।
5. अपनी तुलना दूसरों से करना (Comparing yourself to others)-
आप में और बाकी लोगों में फर्क है सबकी किस्मत एक सी नहीं होती है। फिर आप अपनी तुलना औरों से क्यों करते है ? सबको सब कुछ नहीं मिलता, किसी के पास बेशुमार धन दौलत है मगर सच्चा प्यार नहीं, तो किसी के पास धन दौलत ना होते हुए भी किसी का सच्चा प्यार और साथ है जो किसी धन दौलत का मोहताज नहीं। भगवान सबको सब कुछ एक साथ नहीं देते। मनुष्य अपनी सोच, अपनी आदत और अपने कर्मो द्वारा कुछ भी प्राप्त करता है। इसलिए खुद को कभी कम आंकने की भूल ना करें अपने कर्मो में सुधार लाए अच्छी आदतों को अपनाएं। यदि आप अपनी तुलना दूसरे से करेंगे तो आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे। हमें अपने मन में यही विचार रखना चाहिए कि हमें औरों से बेहतर बनना है कुछ बेहतर करना है जिससे हम किसी जरूरतमंद की मदद कर सके अपने जीवन को सफल बना सके।
ReplyDeleteYou have presented a very lovely article, through this article of yours many people will get a good lesson and inspiration.👍
Thank you
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