न्याय प्रिय व्यक्ति का परिचय। (Introduction to a Justice-loving Person.)

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एक न्याय प्रिय व्यक्ति कभी अपने न्याय के साथ समझौता नहीं करता। उस व्यक्ति के अंदर कभी अहम भाव और लोभ जैसे विकार उत्पन्न नहीं होते। बिल्कुल निर्मल ह्रदय और खुले विचारो से सुसज्जित होता हैं एक न्याय प्रिय व्यक्ति। सबके प्रति सम्मान की भावना बुजुर्गो के प्रति दयालु गरीब हो या अमीर सबको एक समान देखना कभी किसी का तिरस्कार ना करना ये सभी गुण एक न्याय प्रिय व्यक्ति के ही अंदर मौजूद होते हैं। 


एक न्याय प्रिय व्यक्ति के जीवन का परिचय -


सदैव न्याय का पालन करना और सदैव अन्याय से दूर रहना ये सबके बस की बात नहीं।  व्यक्ति की सोच ही उसे बेहतर दिशा की ओर ले जाने का कार्य करती हैं। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी सोच सदैव निर्मल और सकारात्मक ही रखना चाहिए। एक न्याय प्रिय व्यक्ति सदैव अपनी सोच निर्मल रखता हैं, नकारात्मक विचारो से सदैव वो स्वयं को दूर रखता हैं। एक न्याय प्रिय व्यक्ति कभी ईश्वर के न्याय पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाता।क्योकि उसे ये बेहतर तरीके से पता होता हैं की ईश्वर सदैव न्याय के लिए ही जाने और पूजे जाते हैं और ईश्वर पर प्रश्न उठाने का मतलब हैं की आप न्याय पर प्रश्न उठा रहे हैं। 


तो आप स्वयं विचार करे जब एक साधारण मनुष्य न्याय को अपना कर सदैव न्याय के मार्ग का अनुशरण करता हैं तो यक़ीनन वो व्यक्ति ईश्वर के लिए भी खास हो जाता हैं। चाहे सुख हो या दुःख जीवन की मझधार में भी वो सुकून का किनारा ढूंढ़ लेता हैं। चाहे कोई गरीब हो या अमीर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता एक न्याय प्रिय व्यक्ति की नजरो में दोनों एक समान होते हैं। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो मगर अपने उसूलों के साथ कभी समझौता ना करना एक न्याय प्रिय व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान होती हैं। 


एक न्याय प्रिय व्यक्ति की खासियत -


एक न्याय प्रिय व्यक्ति की सबसे बड़ी खासियत होती है उसकी दृढ़ता उसका संकल्प जो एक बार अपना निर्णय ले ले फिर वो उस निर्णय पर पर्वत की तरह अडिग रहता हैं जहां पर बात न्याय की आती हैं तो उसका निर्णय सदैव न्याय के ही हित में होता हैं। एक न्याय प्रिय व्यक्ति का न्याय कभी किसी के लिए नहीं बदलता चाहे बात परिवार की हो या समाज की उसके लिए सभी एक बराबर होते हैं। हीरे की परख एक जौहरी ही कर सकता हैं ठीक वैसे सत्य और असत्य की परख एकमात्र न्याय प्रिय व्यक्ति ही कर सकता हैं। अपने जिम्मेदारियों को वफ़ादारी से निभाना सदैव सत्य और धर्म का साथ देना कभी असत्य ना कहना ये खासियत ही एक न्याय प्रिय व्यक्ति की पहचान का प्रमाण होता हैं।


 स्वार्थ को अपने जीवन से दूर रखना जनहित कल्याण की भावना को अपने जीवन का लक्ष्य मान कर आजीवन धर्म और न्याय का पालन करना ही न्याय प्रिय व्यक्ति को न्याय की मूर्ति होने का दर्जा दिलाता हैं। सदैव खुद से पहले दुसरो के लिए सोचना,ऐसी भावना रख पाना हर किसी के बस की बात नहीं।न्याय ही जीना और अन्याय के लिए आवाज उठाना ही एक न्याय प्रिय व्यक्ति के जीवन का उदेश्य होता हैं। अपने आदर्श और गुणों को अपनाकर सदैव जो न्याय के रास्ते पर चलता हैं वो व्यक्ति अपने जीवन में कभी किसी के समक्ष शर्मिंदा नहीं होता हैं क्योकि न्याय प्रिय व्यक्ति कभी झूठ का साथ नहीं देता और ना ही स्वयं झूठ का सहारा लेता हैं इसलिए ही न्याय प्रिय व्यक्ति का जीवन दुःख,कलेश और सारी बाधाओं से दूर रहता हैं। एक न्याय प्रिय व्यक्ति सदैव शीश उठा कर जीता हैं उसका शीश कभी किसी के समक्ष नहीं झुक सकता क्योकि शीश उसी का झुकता हैं जो सदैव अधर्म और अन्याय का पालन करता हैं। 


एक निर्भय व्यक्ति वही कहलाता हैं जो सदैव सत्य के राह पर चलता हैं जो सदैव न्याय का पालन करता हैं ऐसे व्यक्ति को आजीवन कभी कोई भय नहीं सताता।मगर जो झूठ का सहारा लेते हैं दुसरो पर अन्याय करते हैं उन्हें ये भय अवश्य होता हैं की कहीं उनका झूठ पकड़ा ना जाए कहीं वो सबके समक्ष शर्मिंदा ना हो जाए इसलिए अपने कर्मो को सुधारे अन्याय का विरोध करे और सदैव न्याय के मार्ग का अनुशरण करे फिर देखे आपके जीवन में कितने सकारात्मक बदलाव आते हैं। क्योकि न्याय प्रिय व्यक्ति के आदर्श और संस्कारो से प्रसन्न हो ईश्वर स्वयं ही उसकी ओर खींचे चले आते हैं। 


चाहे बदल जाए कितने भी युग या बदल जाए ये मनुष्य मगर जो नहीं बदलता वो हैं ईश्वर का न्याय। 


* थाम लिया जिसने न्याय का दामन, करता सदैव जो न्याय का पालन,जीवन के असल मायने क्या होते हैं ये बतलाता हैं एक न्याय प्रिय व्यक्ति का जीवन ।

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  1. आपने बहुत अच्छा संदेश दिया है कि न्याय प्रिय व्यक्ति बनने के लिए, एक व्यक्ति का आचरण कितना महान होना चाहिए।

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