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यदि आप अपनी इच्छाओं को पूरी करना चाहते है तो आपको एक बात का सदैव स्मरण रखना होगा कि ईच्छा तभी पूरी होती है जब हमें खुद पर और ईश्वर पर अटूट विश्वास होता है। जरा भी विश्वास में कमी आती है तो इंसान सब कुछ पा कर भी उसे खो देता है।
** हम जैसा सोचते है वैसा क्यों नहीं होता ?
कुछ लोगो के मन में ये प्रश्न नित्य आते रहते है और वो यही सोच कर तमाम उम्र गवा देते है।आपका समय और आपका हालात कभी एक जैसा नहीं रहता, यहां तक इंसान की सोच, उसकी आदते, भी समय और हालात के साथ बदल जाती है। इंसान यदि कुछ चाहता या कुछ कहता और वो सच हो जाता तो वो इंसान क्यों कहलाता ? वो तो भगवान बन जाता। आप इंसान हो आपकी कुछ सीमाएं है आपकी एक मर्यादा है, आप उसका उलंघन नहीं कर सकते।
** ईश्वर कुछ इच्छाओं को पूर्ण क्यों नहीं करते ?
भगवान सबको एक समान मानते है चाहे कोई फकीर हो या राजा, भगवान की नजरों में कोई छोटा, बड़ा, ऊँच, निच नहीं होता और ना कभी हो सकता है यूँही नहीं वो भगवान कहलाते है। जो ईच्छा आगे चल कर आपके दुःख और पीड़ा की वजह बने अच्छा यही होगा वो ईच्छा पूर्ण ना हो, इसी कारण कभी-कभी भगवान आपके द्वारा की गई फ़रियाद को ठुकरा देते है, क्योकि कोई भी माता पिता अपनी संतान का बुरा नहीं चाहते अपनी संतान की भलाई के लिए ही कभी-कभी माता पिता को कठोर बनना पड़ता है। आपकी विवशता केवल आप समझ सकते हो कोई और नहीं ठीक वैसे भगवान की भी कोई ना कोई विवशता अवश्य होती है वरना कौन माता पिता अपनी संतान की ईच्छा को पूरी नहीं करना चाहेगा ?कुछ लोग काफी तनाव में आ जाते है और वो अपनी जिंदगी से शिकायत करने लगते है उन्हें लगता है कि उनकी किस्मत खराब है मगर ऐसा नहीं, इसलिए खुद को और अपनी किस्मत को कोसना बंद करो।
** आपके विश्वास की शक्ति कैसे असंभव को संभव करती है ?
आज मैंने अपने ब्लॉग में इस लेख को इसलिए लिखा है ताकि आप में से कुछ लोग जो ऐसा सोचते है और कोई गलत फैसले ले कर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेते है वो ऐसा ना करें।ऐसा नहीं कि इंसान की हर ईच्छा को ईश्वर ठुकरा देते है, कुछ इच्छाएं समयानुसार पूर्ण होती है, ये भी जरूरी नहीं कि आप जो चाहते हो ठीक वैसा नहीं होता ? कुछ लोगों के साथ तो ऐसा होता है कि जो वो सोचते है वो सच हो जाता है इसके पीछे भी एक मुख्य कारण होता है, या तो उनकी सोच नेक है, या तो उनका इरादा किसी को नुकसान पहुँचाना नहीं बल्कि सबके हित में है।जो इंसान अपने विश्वास को मजबूत रखता है, जो इंसान सबकी कद्र और अहमियत को समझता है उसके साथ कभी गलत नहीं हो सकता मगर जो दूसरे को दुःख या दर्द देने का प्रयास करता है और ईश्वर के सामने जा कर कोई फ़रियाद करता है तो ऐसे इंसान की कोई फ़रियाद ईश्वर ना तो सुनना चाहते है और ना ही उसे पूर्ण करना चाहते है।
आप खुद में एक बदलाव ला कर तो देखो, आप यकीन करें जिस दिन आपकी सोच बदल जाएगी, जिस दिन आप जिंदगी जीने के सही मायने को समझ जाओगे उस दिन से आपकी जिंदगी बेहतर बन जाएगी, आप बेहतर बन जाओगे।
ReplyDeleteVery good inspiring article, you cleared all our doubts through this article today.. 👍
Thank you
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