आज मैं अपने लेख में एक विशेष मुद्दे पर चर्चा करुँगी जिसे जान कर आप में से कुछ लोगों की आँखों पर से बंधी पट्टी खुल जाएगी और आप वास्तविक सत्य से परिचित हो जाएंगे।
आज कल इस कलयुग में ज्यादातर लोग किसी गुरु या साधु के पास जा कर ऐसे सवाल और उपाय पूछते है जिसका उत्तर उन्हें उचित प्रकार से प्राप्त नहीं होता क्योकि आज कल बहुत कम ऐसे साधु महात्मा होंगे जो सत्य से आपको अवगत कराएंगे क्योकि यदि वो आपको सत्य से अवगत कराए तो उनका धंधा बंद हो जाएगा। क्षमा चाहती हूँ उनसे जिन्हे मेरी बात बुरी लग रही है मगर यही हकीकत है जो आज इस संसार में हो रहा है।आज कल यूट्यूब पर भी कितने बाबा लाइव आ रहे है, कोई कहता है चाहे कितने भी बड़े से बड़े पाप हो यदि ये उपाय कर लो तो तुम्हारे हर जन्म के पाप धुल जाएंगे। तो कुछ लोग उनकी बातों से प्रभावित हो जाते है और ये विचार करने लगते है कि '' चाहे हम कितने भी बुरे कर्म करें '' यदि इस उपाय और मंत्र का प्रयोग करेंगे तो हमारे सारे पाप मिट जाएंगे।कुछ भ्रमित और मार्ग भ्रष्ट लोग सबसे पहले ऐसे बाबा और गुरु के चैनल को सब्सक्राइब करते है और प्रतिदिन उनके बताएं उपाय करने में लग जाते है।
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* क्या ईश्वर से जुड़ने पर बुरे कर्म मिट जाते है ?
अब जो मैं बताने जा रही हूँ उस पर ध्यान दे '' अयोध्या के राजा दशरथ भगवान राम के पिता थे उन्होंने भूलवश श्रवण कुमार पर अपने बाण चलाए जिससे श्रवण कुमार की तत्क्षण ही मृत्यु हो गयी उसके पश्चात श्रवण कुमार के माता पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने राजा दशरथ को श्राप दे दिया जिसे राम भी रोक ना सके क्योकि यही कर्म का सिद्धांत है चाहे आप भगवान हो या इंसान आप अपने कर्मो से मुख नहीं मोड़ सकते।
एकमात्र पूजा पाठ अनुष्ठान ईश्वर से जुड़ना नहीं कहलाता वास्तविकता में आपके अच्छे विचार और अच्छे कर्म ही आपको ईश्वर से जोड़ता है, चाहे आप कितने भी जन्म ले लो आपका ये जुड़ाव प्रत्येक जन्म तक आपको ईश्वर के निकट रखता है यही सत्य है सनातन है और इसे आपको स्वीकार करना ही होगा।
* क्या पूजा-पाठ, मंत्र और उपायों से पाप धुल जाते हैं ?
जहां तक मंत्र और उपाय की बात है तो एक बात आप जान ले रावण से बड़ा ज्ञानी कोई नहीं हुआ जिसने महादेव की सच्ची भक्ति की अनेकों मंत्र पूजन अनुष्ठान जप तप का पालन किया मगर एक पाप उससे हो गया उसने देवी सीता पर कुदृष्टि डाली और देवी सीता का हरण कर लिया जिस कारण महादेव भी रावण को बचा ना सके क्योकि भगवान उसे ही क्षमा करते है जो किसी का अहित नहीं करता जानबूझ कर किसी के साथ बुरा करना उसके पश्चात भगवान की स्तुति पूजा पाठ करना ये सब आपके पाप को कभी मिटा नहीं सकता हाँ मगर आपकी थोड़ी सजा कम हो सकती है वो भी तब जब आप दिल से अपनी भूल पर शर्मिंदा हो तब।
* निष्कर्ष -
आपके कर्म से आपको कभी मुक्ति नहीं मिल सकती, क्योकि यही नियति है यही दस्तूर है प्रकृति द्वारा निर्धारित एक अटल सत्य है। आप जैसा कर्म करेंगे नियति आपके साथ वैसा ही इंसाफ करेगी। जब कर्म से कोई देवी देवता, ऋषि नहीं बच सके तो फिर आप और मैं कैसे बच सकते है ? कोई पूजा पाठ अनुष्ठान, मंत्र या उपाय आपके पाप को मिटा नहीं सकते ना ही किसी तीर्थ धाम या गंगा स्नान से आपके पाप धुल सकते है। इसलिए जाग जाए किसी उपाय की तलाश ना करें यदि आप कुछ करना चाहते है तो सर्वप्रथम अपने कर्मो में सुधार करें। आपके लिए एकमात्र यही उपाय है जो आपको सही राह दिखाएगा।
ReplyDeleteIn this article, you have cleared the confusion of so many people. Very nice article by you.👍
Thank you so much
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