जब-जब अधर्म में वृद्धि होती है, जब-जब बेकसूर और मासूमों पर अत्याचार होता है, तब-तब धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए और दुराचारियों का संघार करने के लिए कोई ना कोई धर्मयोद्धा अवश्य प्रकट होता है। जो कहते है कि भगवान कुछ नहीं करते, जो कहते है कि भगवान बस तमाशा देखते है आज उनकी एक गलतफहमी दूर हो जाएगी।
(toc) #title=(Table Of Content)
अधर्म की शक्ति धर्म की शक्ति से कभी जीत नहीं सकती क्योकि अधर्म का कोई वजूद नहीं होता कुछ समय के लिए अधर्म अपना शीश अवश्य उठाता है मगर सही समय आने पर अधर्म का शीश धर्म योद्धा के द्वारा काट दिया जाता है।
यस्य ज्योतिः अन्धकारेऽपि न क्षीयते, यतः धर्मज्वाला न निर्वाप्यते।
अर्थात, अंधकार में भी जिसकी रोशनी फीकी नहीं पड़ती, क्योंकि धर्म की ज्योत मिटाए नहीं मिटती।
1. भारत और पकिस्तान का युद्ध क्यों है अनिवार्य ?
जो कहते है युद्ध से किसी का भला नहीं होता आज मैं उनसे भी यही कहना चाहूंगी यकीनन आप सही कहते हो मगर जब पाप और अधर्म अपनी सारी सीमाएं लांघ जाए तो स्वयं ईश्वर उसके अंत के लिए प्रकट हो जाते है क्योकि बहुत समझाने के बावजूद भी रामायण में रावण ने हनुमान जी की बात नहीं मानी, श्री राम ने उसे आखरी अवसर दिया फिर भी उसने उनका निरादर किया तब ना चाह कर भी भगवान को युद्ध क्षेत्र में उतरना पड़ा और रावण का नाश करना पड़ा ताकि धर्म की पुनः स्थापना हो सके।
महाभारत क्यों हुआ ? क्या वजह थी जो स्वयं श्री कृष्ण को अर्जुन को उसके ही सगे संबंधियों के साथ युद्ध करने के लिए विवश करना पड़ा इसका भी कारण था पाप, अत्याचार,अधर्म जिसने कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध का संखनाद करवाया। सबसे अहम बात ये थी इस महाभारत में स्वयं भगवान कृष्ण ने अर्जुन का साथ दिया और पुनः धर्म की जीत हुई और अधर्म का विनाश।
2. क्या भारत और पाकिस्तान का युद्ध एक धर्म युद्ध है?
हमेशा याद रखे यदि समय रहते किसी अधर्मी किसी दुराचारी को ना रोका गया तो वो सम्पूर्ण विश्व को अपने पाप और अधर्म के अंधकार में तब्दील कर देगा जहां से निकलना आसान नहीं होगा क्योकि ये उस अधर्मी की बनायी गई दुनिया होगी जब तक वो नहीं चाहेगा किसी को अपनी इच्छानुसार बेखौफ जीने का अवसर प्राप्त नहीं होगा।
मैं पूछती हूँ कब तक आप डर-डर कर जिओगे ? कब तक आप अपने प्रिय जनों के बिछोह के दर्द को सहोगे ? दुनिया की कोई भी दौलत आपके बिछड़े प्रिय जन को पुनः नहीं ला सकती, ये अधिकार किसी को नहीं कि कोई भी बेवजह आपसे आपके प्रिय जनों को दूर कर दे, ये अधिकार किसी को नहीं कि कोई भी आ कर किसी मासूम बेगुनाह की जान ले ले।
3. क्या भारत और पाकिस्तान के युद्ध में स्वयं ईश्वर सम्मिलित है ?
जो भी पहलगाम में हुआ वो असहनीय है जहां धर्म पूछ कर बेगुनाहो को मारा गया। क्या कसूर था उनका सिर्फ हिन्दू होना ? जब तुमने धर्म की बात की है जब तुमने किसी की बेवजह निर्मम हत्या की है तो आज ये भी सुन लो तुमने अपने विनाश का स्वयं ही आवाहन किया है अब तुम्हारा काल तुम्हारे समीप खड़ा है, क्योकि ये केवल भारत पकिस्तान का युद्ध नहीं बल्कि ये धर्म और अधर्म का युद्ध है जिसमे धर्म की ही जीत होगी क्योकि इस धर्मयुद्ध में स्वयं ईश्वर भी सम्मिलित है।
याद रखना तुमने केवल भारत माता की संतानों का खून नहीं बहाया बल्कि भारत माता का रक्त बहाया है एक माँ कभी अपनी संतान का बलिदान बेकार नहीं जाने देती वो अपना बदला लेने अवश्य आती है।
भारत माता ये प्रकृति कभी अपनी संतानो के बलिदान को खाली ना जाने देगी, पवित्रता और दिव्यता की मूर्ति है ये भारत भूमि जहां अनेकों शुर वीर योद्धाओं ने जन्म लिया, जहां ईश्वर ने भी अनेकों अवतार लिया और आज भी इसी भारत की भूमि पर ईश्वर अपने होने का परिचय दे जाएंगे अब हर अधर्मी और दुराचारियों का नामो निशान मिटा जाएंगे।
** जिस पवित्र सिन्दूर को तुमने मिटाया, उस सिन्दूर की ताकत देख लो, नारियों के सुहाग को मिटाने वाले, अब तुम अपनी मौत के कफन की तैयारी कर लो।
जय हिन्द जय भारत। 🙏
''स्नेहाजीत अमरोही ''
ReplyDeleteThis is a holy war and we will be victorious in this war. Very wonderful article.👍
Thank you
Delete