क्या आपने कभी वास्तविक आजादी को समझा है?

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 यदि सही मायने में आप आज आजादी को जानेंगे तो आप अपने जीवन को कभी किसी बेबसी या बंदिश में नहीं पाएंगे। लोग आजादी का सही मतलब नहीं समझ पाते उन्हें ऐसा लगता है कि केवल किसी अनचाहे रिश्ते से छुटकारा पाना आजादी कहलाती है, उन्हें लगता है किसी भी कार्य या फैसले में किसी की दखलंदाजी का ना होना आजादी कहलाती, उन्हें लगता है अपने जीवन को अपनी मर्जी से जीना आजादी कहलाती है, किसी का रोक टोक या दवाब का ना होना आजादी कहलाती है।




क्या आपने कभी वास्तविक आजादी को समझा है ?



 मगर ये बस आपकी अपनी विचारधारा या सोच है, जिसे आप आजादी समझते हो, मगर सही मायने में आपने वास्तविक आजादी को कभी ना समझने का प्रयास किया ना ही जानने की कोशिश की।


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1. क्या है वास्तविक आजादी का मतलब ?


 वास्तविक मायने में आजादी उसे कहते है जिसका मन हर दोष से हर विकार से आजाद हो, सही मायने में आजादी उसे कहते है जो दिल और मन से आजाद हो अर्थात जो किसी लोभ और स्वार्थ को अपने दिल और मन में नहीं रखता, जो दूसरों की कामयाबी या खुशियों से कभी ईर्ष्या नहीं करता। गैर हो या कोई अपना जो सदैव उनकी मदद और उनकी नेकी की भावना अपने मन में रखता है जो किसी में भेदभाव नहीं रखता है, सही मायने में वही आजादी को अपने जीवन में महसूस करता है। क्योकि दूसरों की बातों में आ कर यदि कोई अपने फायदे के लिए किसी के साथ यदि गलत करता है तो वो इंसान कभी अपने बुरे कर्मो से आजाद नहीं हो सकता, क्योकि उसके बुरे कर्म उसकी बुरी सोच उसे एक कैदी बना देती है, जिसकी कैद से वो चाह कर भी कभी बाहर नहीं आ सकता।

 

बुरे रास्ते पर चल कर किसी निर्दोष को सता कर यदि तुम ऐसा सोचते हो कि सब तुम्हारे गुलाम है, तुमसे भयभीत हो कर सब तुम्हारी हुकूमत को कबूल कर रहे है, तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी भूल है, क्योकि तुम्हें शायद पता नहीं कि तुम खुद बुराई के गुलाम बन चुके हो, तुम खुद आजाद नहीं तो तुम क्या दूसरो की आजादी छीनोगे ?


हमारा देश ब्रिटिश की हुकूमत से तो आजाद हो गया मगर हमारे देश और दुनिया में आज भी किसी की हुकूमत राज कर रही है, जिसने मनुष्यों के मन और दिमाग को कैद कर रखा है जिससे वो खुद बाहर नहीं आना चाहते।



2. कौन सा विष आपकी जिंदगी को बर्बाद कर रहा ?


 अमृत की लालशा सबको होती है मगर विष को देख सब उससे दूर भागते है, मगर यदि आप विष को अपनी जिंदगी से दूर रखना चाहते हो, यदि आप अमृत को पाना चाहते हो तो सबसे पहले बुराई से स्वयं को आजाद करो, और अच्छाई को अपने जीवन में शामिल करो क्योकि इसे ही सही मायने में आजादी कहा जाता है, जो बुराई की बेड़ियों से तुम्हें बांधने का प्रयास नहीं करती वही तो कहलाती है आजादी।  


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  1. You are absolutely right, our real freedom is that which never lets us become slaves of wrong path or wrong habits. Very nice article. 👍

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