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** क्या है महाकुंभ शाही स्नान का रहस्य ?
'शाही स्नान' की परंपरा को अत्यधिक पवित्र और आध्यात्मिक माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इससे आत्मा की शुद्धि होती है और पापों का प्रायश्चित होता है। महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 मकर संक्रांति के साथ हुआ था। इस पवित्र दिन पर नागा साधु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं, उसके बाद आम जनता स्नान करती है।
महाकुंभ शाही स्नान का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन संगम में डुबकी लगाने से कई तरह के पुण्य मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह पवित्र स्नान न केवल वर्तमान जीवन के पापों का प्रायश्चित करता है, बल्कि पिछले जन्मों के पापों को भी मिटा देता है। इसके अलावा, ये शाही स्नान आपके पूर्वजों की आत्मा को भी शांति प्रदान करता है। शाही स्नान को अमृत स्नान भी कहा जाता है शाही स्नान करने से मृत्यु के बाद आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है, बार-बार जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।
** शाही स्नान महाकुंभ 2025 तिथियाँ-
महाकुंभ मेला 2025 13th जनवरी से 26th फरवरी तक चलेगा, जो त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान की परंपराओं की श्रृंखला में पूर्ण होगा। ये शाही स्नान उत्सव की अलौकिक विशेषताएँ हैं, जिन्हें आत्मा को शुद्ध करने और पापों को क्षमा करने के लिए माना जाता है। स्नान की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
13 जनवरी, 2025: पौष पूर्णिमा
14 जनवरी, 2025: मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
29 जनवरी, 2025: मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान)
3 फरवरी, 2025: बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान)
12 फरवरी, 2025: माघी पूर्णिमा
26 फरवरी, 2025: महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)
** महाकुंभ 2025 शाही स्नान का समय-
पवित्र स्नान 13 अखाड़ों (तपस्वी आदेशों) के लिए सावधानीपूर्वक समन्वित किया जाता है, जिसमें निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार स्नान किया जाता है:
महानिर्वाणी सुबह 5:15 से 7:55 के बीच आयोजित किया जाता है।
निरंजनी सुबह 6:05 से 8:45 के बीच आयोजित किया जाता है।
** शाही स्नान का इतना खास महत्व क्यों माना गया है ?
ऐसा माना जाता है इस पवित्र शाही स्नान से मनुष्य का शरीर सभी रोग,शोक और भय से मुक्त हो जाता है उसके शरीर में एक दिव्य ऊर्जा का अनुभव होने लगता है सभी बुरी नकारात्मक शक्तियां इस पवित्र अमृत स्नान से नष्ट हो जाती है, मनुष्य का दिमाग स्थिर हो जाता है और जो अध्यात्म जगत से ताल्लुक रखते है उनके लिए ये एक सुनहरा अवसर होता है जब उनके अध्यात्म का विकास होता है।
आप खुद विचार करें जब एक साधारण जल भी आपके इतने काम आता है वो ना केवल आपकी प्यास को बुझाता है बल्कि एक धधकती अग्नि को भी शांत और शीतल कर देता है इसलिए जल को जीवनदायिनी भी कहा जाता है, फिर इस महाकुंभ शाही स्नान की बात ही क्या है ये सर्वश्रेष्ठ अमृतमय जल जो सभी पापो से मुक्ति दिलाता है और मनुष्य का उद्धार करता है। आप अपने तन को साफ और पवित्र करने के लिए स्नान करते है मगर इस महाकुंभ शाही स्नान के जल के स्पर्श मात्र से आप पवित्र हो जाते है, क्योकि इस जलधारा में सभी देवताओं, महऋषियो और तपस्वियों का आशीष सम्मिलित है जो आपके जीवन को एक नई दिव्य ऊर्जाओं से भर देता है।
ReplyDeleteYou have described the Maha Kumbh Shahi Snan very beautifully. I really liked the information given by you.👍
Thank you
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