(toc) #title=(Table Of Content)
1. अत्यधिक चिंता आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालती है ?
अत्यधिक चिंता करना किसी बात को ले कर हर वक्त चिंता में डूबे रहना किसी के लिए भी अच्छा साबित नहीं होता क्योकि चिंता ना सिर्फ आपके दिमाग के साथ खेलती है बल्कि चिंता आपके स्वास्थ को भी हानि पहुंचाने का प्रयास करती है। मगर कुछ लोग इस बात को समझते ही नहीं छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान हो जाते है उन्हें ऐसा लगता है कि शायद उनके अधिक सोचने से उनकी चिंता कम हो जायेगी। मगर ऐसा नहीं है अधिक सोचने से चिंता कम होने के बजाय और बढ़ने लगती है जो आपके दिल और दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकती है।
2. चिंतामुक्त कैसे रहे ?
इसका एक ही समाधान है कि यदि आपकी समस्या आपको परेशान कर रही है तो आपको चिंता करने के स्थान पर उस समस्या का समाधान ढूँढना चाहिए जो आपके चिंता का कारण बना है यदि आप समाधान निकाल पाने में सफल हो गए तो आपकी चिंता स्वतः ही खत्म हो जाएगी।हमेशा याद रखे तनाव और चिंता कोई समस्या का हल नहीं होती बल्कि समस्या को बढ़ाने का कार्य करती है। इस दुनिया में कुछ लोग दिल से ज्यादा सोचते है इसलिए जब कुछ गलत होता है तो वो बहुत भावुक और उत्तेजित होने लगते है।
कुछ लोगों की एक बहुत बुरी आदत होती है छोटी-छोटी बातों को दिल पर लगा लेना, हर वक्त सोचते रहना, जानना चाहते है ऐसे लोगों की सबसे बड़ी समस्या क्या है ?
उनकी सबसे बड़ी समस्या है उनका दिल जो हर वक्त छोटी-छोटी बातों से दुखी हो जाता है जिससे वो दिन रात सोचने में बर्बाद कर देते है इससे सिवाय दुःख के उन्हें कुछ हासिल नहीं होता फिर भी वो अपनी नासमझी नहीं छोड़ते है। आप चिंतामुक्त तभी रह सकते है जब आपका दिमाग शांत रहेगा यदि दिन रात आपके दिमाग में कोई ना कोई बात आ कर आपको परेशान करने का प्रयास करेगी तो ऐसे में आप ना कभी कोई सही फैसला कर पाएंगे और ना ही चिंतामुक्त हो पाएंगे।
अब एक बात बताओ मान लो किसी पात्र में आपने साफ जल रखा और आप उसी पात्र में कोई अशुद्ध दूषित जल डाल दे तो क्या उसमे से आप साफ जल अलग कर पाओगे ? नहीं कर पाओगे ये संभव नहीं फिर आपको भगवान ने एक ही दिमाग दिया है यदि उस दिमाग में आप फालतू और फिजूल की बातें और चिंताओं को जन्म दोगे फिर कैसे आपका दिमाग आपको सुकून और शांति दे सकता है ? कैसे आपकी चिंताओं का समाधान निकल सकता है ?
3. क्यों आप सबकी बातों को दिल पर लेते हो ?
यदि चिंतामुक्त होना चाहते हो यदि आप सुखी जीवन जीना चाहते हो तो कुछ फैसले दिल से ना ले कर दिमाग से लेना सीख लो क्योकि हर फैसले दिल से नहीं लिए जाते और हर कोई दिल में जगह नहीं पा सकता फिर क्यों आप सबकी बातों को दिल पर लेते हो ? यदि कोई आपको नहीं समझता, यदि कोई आपके प्यार की कद्र नहीं करता तो इसमें गलती उसकी है आपकी नहीं फिर आपको चिंता या तनाव में नहीं रहना चाहिए।
4. एक बात और जब आप खुद स्वस्थ नहीं रहेंगे तो आप किसी दूसरे की मदद कैसे कर पाएंगे ?
आप किसी का ख्याल कैसे रख पाएंगे ? क्योकि किसी के उदास चेहरे पर मुस्कान वही ला सकता है जिसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है, जो छोटी बड़ी समस्याओं से विचलित नहीं होता, चिंतामुक्त रहने के लिए स्वयं को तनाव और चिंता से मुक्त करना होगा और वो केवल आप कर सकते हो यदि आपको खुद से प्यार है यदि आपको अपनी जिंदगी से प्यार है तो कोई भी चिंता आपकी बड़ी समस्या नहीं बन सकती।
ReplyDeleteWorry is not a solution to the problem, rather excessive worry can prove harmful for our health, heart and mind. Excellent article. 👍
Thank you
Delete