बड़े बुजुर्गो के आशीर्वाद की ताकत।

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 जब कोई भी दुआ काम नहीं आती, जब कोई भी सुझाव काम नहीं आता, जब कोई भी रास्ता दिखाई नहीं देता तब बस उनका आशीर्वाद काम आता है जिनसे हमारा नाम जुड़ा होता है वो है हमारे माता पिता हमारे बड़े बुजुर्ग जिसके कदमो तले सारा तीर्थ धाम नजर आता है। हमारे माता पिता, हमारे घर के बड़े बुजुर्ग दादा दादी हमारे लिए बहुत अनमोल और खास होते है, जिनके सामने कोई भी दौलत मायने नहीं रखती, क्योकि दौलतमंद वो कहलाते है जिनके घर में बड़े बुजुर्गो के साए पाए जाते है।



बड़े बुजुर्गो के आशीर्वाद की ताकत। 

 

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1. क्या पैसा आपकी हर जरूरतों को पूरा कर सकता है ?


पैसा आपके जरूरतों को पूरा  कर देता है मगर पैसा आपको वो प्यार, अपनापन, और सुकून नहीं दे सकता जो आपको आपके परिवार से प्राप्त होता है। चाहे आप कितनी बड़ी जीत या कामयाबी हासिल कर ले यदि आप अपने बड़े बुजुर्गो की अहमियत को नहीं समझते तो आपकी कामयाबी और आपकी जीत किसी काम की नहीं मानी जाती। कभी-कभी दवाएं अपना असर नहीं दिखा पाती, कभी-कभी आपकी दुआएं भी आपके काम नहीं आती, मगर यदि आपने जीवन में कभी अपने माता पिता बड़े बुजुर्गो का अपमान नहीं किया तो उनका आशीर्वाद अवश्य आपके काम आता है जो हर मुसीबत से आपकी रक्षा करता है। यदि दिल में अपने माता पिता बड़े बुजुर्गो के लिए प्यार और सम्मान की भावना हो, यदि उनकी सेवा करने से आपके दिल को सुकून मिलता हो तो मान लेना कहीं ना कहीं ईश्वर की बहुत बड़ी रहमत आपके ऊपर बरस रही है जो आपको कभी अकेला महसूस नहीं होने देगी। 


अच्छे और बुरे दिन तो जीवन में आते जाते रहते है मगर जिनके विचार और कर्म अच्छे होते है उनका कोई भी कभी बुरा या अहित नहीं कर सकता। शायद आपको एहसास नहीं शायद आपको पता नहीं मगर जीवन में एक ना एक दिन आपको ये महसूस अवश्य होगा कि माता पिता और बड़े बुजुर्गो के बिना हमारा अस्तित्व किसी काम का नहीं क्योकि आज यदि हम किसी काबिल बन पाए है तो ये उनकी मेहरबानियों का ही फल है वरना इस दुनिया में हमे कौन जानता ? 


2. ईश्वर से भी बड़ा श्रेय और स्थान किसका होता है ?


ईश्वर ने तो आपको इस दुनिया में भेजा है मगर सबसे बड़ा श्रेय तो हमारे माता पिता का है जिन्होंने हमे पाला पोषा है। चाहे आप कितने भी बड़े आदमी बन जाओ मगर माता पिता के एहसान उनकी ममता का कीमत आप नहीं लगा सकते। जैसे कोई सुनहरा मौका यदि आप अपनी भूलवश गवा देते है तो बाद में आपको अपनी भूल पर पछतावा होता है क्योकि वो कीमती पल वो सुनहरा मौका आपको दोबारा नहीं मिल सकता ठीक वैसे यदि आप समय रहते अपने बड़े बुजुर्ग अपने माता पिता की अहमियत को नहीं समझेंगे तो बाद में आपको अपनी नादानी और अपनी भूल पर अफसोस होगा और आप यही सोचेंगे कि काश समय रहते मैं अपने माता पिता की अहमियत को समझ पाता, यदि उनकी सेवा का एक अवसर भी मैं नहीं गवाता तो आज मैं जिंदगी के दोराहे पर खुद को ना पाता। 

हमेशा याद रखे आज माता पिता और बड़े बुजुर्गो की  सलाह या उपदेश आपको अच्छे नहीं लग रहे बाद में उनके दिए सलाह और उपदेश ही आपके काम आएंगे जब वो आपके साथ नहीं होंगे तब आपको उनके दिए सलाह अवश्य याद आएगी क्योकि आपसे कहीं ज्यादा तजुर्बा,हुनर और ज्ञान आपके माता पिता के पास मौजूद है। चाहे आप कितनी भी बड़ी डिग्री हासिल कर ले मगर आप माता पिता से अधिक ज्ञानी नहीं हो सकते। 



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2Comments


  1. Parents are like God, we must serve our parents only then our life is considered successful. Very lovely article by you. 👍

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