कभी नारियो पर अत्याचार,कभी मासूम नाबालिक बच्चियों पर अत्याचार, तो कभी जानवरो पर अत्याचार, क्या हैं ये सब ऐसा जघन पाप कोई इंसान नहीं कर सकता, हाँ मगर इंसान के रूप में कोई हैवान ही ऐसा कर सकता हैं। देश में जो निरंतर बलात्कार और हत्याएं हो रही हैं वो असहनीय और बेहद दुखद हैं, जिसे सुन कर यदि तुम सब को इतनी पीड़ा हो रही तो सोचो जिसके साथ ये अन्याय हुआ हैं उनके दिल पर क्या गुजरती होगी।
हाँ मैं ये जानती हूँ कि बहुत से अपराधी अभी भी बड़े आराम से खुले आम घूम रहे हैं,उनमे से कुछ तो अभी भी नए घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं, कभी देश की सरकार और कानून ने ये जानने और समझने का प्रयास किया ? आखिर क्यों अपराधियों को इतनी हिम्मत और बल मिल रहा हैं, कि वो आए दिन बड़े कारनामो को अंजाम देने से नहीं चूकते ?
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1. कैसे मिलता है अन्याय को बढ़ावा ?
मेरी कुछ तथ्य को गंभीरता से समझने का प्रयास करे, जब कोई दुष्ट किसी मासूम के साथ दरिंदगी करता हैं तो उस पापी को जरा भी संकोच या अफसोस नहीं होता वो तो अपने कारनामे को तुरंत अंजाम दे जाता हैं, फिर मुझे ये बात आज तक समझ नहीं आई आखिर क्यों अपराधियों को सजा देने में सरकार और कानून इतना समय लेते हैं, क्या ये पीड़िता के साथ अन्याय नहीं जिसके साथ ये घटना घटी जिसने अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए खो दिया, उस मासूम से जीने और खुश रहने का हक एक पल में छीन लिया गया।
मैं पूछती हूँ क्या जुर्म हैं उन मासूम बच्चियों का ? क्या एक लड़की होना ही जुर्म हैं, उस मासूम का ? आखिर कब तक संसार में ये अधर्म, अपराध और पाप होते रहेगा ? आज जानवरो से कहीं ज्यादा यहां के इंसान खूंखार हो गए हैं, जिनके अंदर जरा भी दया और करुणा का भाव नहीं।
इंसान होकर भी जो अपनी क्रूरता का प्रदर्शन कर रहे, भुला कर अपनी इंसानियत जो आए दिन अपराध कर रहे, अरे दुष्टो ये ना भूलना,तुम प्रकृति के कोप का शिकार बन रहे।
अपनी जिंदगी किसको अजीज नहीं ? सबको अपनी जिंदगी प्यारी हैं। मगर एक समय पर जब उम्र पूरी हो जाती हैं तब यदि किसी की मृत्यु यदि होती हैं, जो ईश्वर के द्वारा निर्धारित हैं तो उसे कोई रोक नहीं सकता क्योकि ये तो नियति हैं जो आया हैं, वो अपनी आयु पूरी करने के बाद अपने इस मनुष्य काया को छोड़ कर एक ना एक दिन अवश्य जाएगा, मगर यदि किसी को जानबूझ कर कोई यदि मृत्यु के घाट उतार दे तो ये कहां का इंसाफ हुआ ?
जब तुम सभी मनुष्यो को थोड़ी भी चोट आती हैं, तो उस दर्द को तुम सहन नहीं कर पाते तो सोचो कितनी बेरहमी और क्रूरता से आज इस दुनिया में मासूम बच्चियों की हत्याएं हो रही हैं, फिर भी उन्हें न्याय समय से नहीं मिल रहा, ये भी एक अन्याय हैं,एक पाप हैं।यही मुख्य कारण हैं जो उन अपराधियों को एक सह मिल रही हैं,जिससे वो अपराध और जुर्म करने से जरा भी नहीं झिझकते।
2. क्यों बढ़ रहा देश में अपराध ?
एक बात बताओ यदि एक बच्चा शुरुआत में कोई बुरी आदत सीखता हैं या अपनाता हैं तो उसे यदि उसी वक्त नहीं रोका गया तो वो अनेको गलत आदतों को अपनाना शुरू कर देता हैं, क्योकि उसे किसी बात या किसी अंजाम का भय नहीं होता, क्योकि उसे पता होता हैं कि घरवाले उसकी हरकतों को देख कर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं, तभी उसके अंदर का खौफ खत्म होने लगता हैं और वो छोटे अपराध को एक दिन एक बड़े अपराध में बदलना शुरू कर देता हैं।
यही आज हमारे देश में इस दुनिया में हो रहा हैं, मगर जिसकी जिंदगी गई उसकी पीड़ा का अनुमान किसी अन्य को कैसे होगा ? क्योकि यहां तो बस सब यही विचारधारा रखते हैं हम सुरक्षित हैं ना, जिसकी जिंदगी गई जाने दो,हमे उससे क्या लेना देना ? मगर सबको अपनी बेटियां प्यारी होती हैं,इसलिए किसी को भी ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए,ये मानवता की पहचान नहीं। इसलिए जाग उठो अभी भी कुछ समय शेष हैं, वरना जब प्रकृति या ईश्वर का हस्तछेप होगा तब वो भी गुनहगार होंगे जिन्होंने जुर्म होते देखा मगर किसी ने पहल नहीं की उसे रोकने की।
देश की बेटियों और बहुओ को मैं आज यही कहना चाहूंगी खुद को इतना शसक्त बनाओ की तुम्हे छूना तो दूर कोई तुम्हारी तरफ आँख उठा कर भी ना देखे, शिक्षा तो तुमने ग्रहण कर लिया,बड़ी डिग्रियां भी हासिल कर ली, मगर एक शिक्षा और एक ज्ञान तुम्हारा अब भी अधूरा रह गया, स्वयं को कभी असहाय या निर्बल ना समझो एक प्रतिज्ञा लो अपने अंदर की शक्ति को जगाओ अपनी रक्षा के लिए किसी अन्य से गुहार मत लगाओ।
मिटा दो उन पापियों को जो तुम्हे मिटाने का प्रयास करे उठा लो अपने हाथो में हथयार जब कोई दुष्ट पापी अपने गंदे हाथो से तुम्हे छूने का प्रयास करे, क्योकि तुम सभी कन्याएं उस दिव्य महाशक्ति का ही अंश हो, जिस महाशक्ति से ये समस्त संसार टिका हैं।