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आत्महत्या जैसा जघन अपराध करने वाले लोग ना सिर्फ ईश्वर के गुनहगार होते है बल्कि अपने कुटुंब के भी गुनहगार होते है जिस कारण मरने के बाद भी उनकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती। जानना चाहते है क्यों नहीं मिलती आत्महत्या करने वालों की आत्मा को मुक्ति ? आज मैं अपने इस लेख में इसी की चर्चा करूंगी।
1. क्यों नहीं मिलती आत्महत्या करने वालों की आत्मा को मुक्ति ?
आत्महत्या का अर्थ कभी समझने का प्रयत्न किया है, आत्मा की हत्या करना जो आत्मा आपके शरीर को धारण करती है जिससे आपकी जिंदगी जुड़ी है आप उसी जिंदगी को अपने हाथो से खत्म करने का पाप करते हो,ये जिंदगी आपसे पूछ कर भगवान ने आपको नहीं दिया बल्कि ये जिंदगी भेट और उपहार स्वरूप आपको ईश्वर के द्वारा मिली है मगर दुर्भाग्यवश आपने उस उपहार का अपमान किया ईश्वर के नियमों को तोड़ने का प्रयास किया जिस कारण आप ना सिर्फ ईश्वर के दोषी है बल्कि आप अपने कुटुंब के भी दोषी है जिनसे आपका वजूद है जिनसे आपकी पहचान है।
आत्महत्या का विचार जिनके दिल में आता है उन्हें ये नहीं पता कि उनकी इस कायरता और भूल का कितना घातक परिणाम हो सकता है जो ना सिर्फ उन्हें अपने किए अपराध पर ग्लानि का भाव उत्पन्न करता है बल्कि मरने के बाद भी उन्हें तील- तील मारता है क्योकि जीवन बस एक बार मिलता है और मृत्यु भी एक बार ही मिलती है वो भी ईश्वर की इच्छानुसार ना की आपकी इच्छानुसार यदि आप जानबूझ कर अपने कीमती जीवन को समाप्त करने की भूल करते है तो आपका जीवन भले ही समाप्त हो जाए मगर आपका अपराध समाप्त नहीं होता वो तो मर कर भी आपके साथ जाता है।
मान लो आपने कोई सामान खरीदा और उस सामान को आपने अपने हाथों से जला दिया तो क्या पुनः वो सामान आपको वैसे ही मिल सकता है जैसा आपने पहले खरीदा था ? नहीं मिल सकता क्योकि जो जल गया वो कैसे वापस आ सकता है जलने के बाद तो केवल एक राख बच जाती है जो किसी काम की नहीं। आपका जीवन अनमोल है जिसकी आप कद्र अभी नहीं समझ पा रहे है मरने के बाद उन लोगों को पता चलता है जो अपनी जिंदगी खो देते है।
2. जो आत्महत्या का ख्याल दिल में लाते है वो यहां अवश्य दे यकीनन आप आत्महत्या का नाम अपने जहन में कभी नहीं लाएंगे।
आप किसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास करते है आप इस बात को एक बार भी अपनी जहन में नहीं लाते कि यदि आप जीवित रहे तो यकीनन आप उस समस्या का समाधान कर पाएंगे मगर यदि आपने आवेश में आ कर अपना जीवन समाप्त कर लिया तो मरने के बाद जब आपको पता चलेगा कि आपकी समस्या और बढ़ गई है तो चाह कर भी आप कुछ नहीं कर पाएंगे क्योकि जो शरीर आपको ईश्वर द्वारा प्राप्त हुआ उसका निरादर कर आपने अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया अब ना आपका शरीर रहा ना आपकी आत्मा क्योकि वो शरीर तो मृत्यु के बाद जल कर भस्म हो गया और आपकी आत्मा जो शरीर से बाहर है वो मुक्ति ना पाने के कारण विलाप कर रही और मुक्ति पाने के लिए इधर-उधर भटक रही है ऐसे में सिवाय पछतावे के कुछ भी हासिल नहीं होता।
3. आत्महत्या को कैसे रोका जाए ?
जो लोग आत्महत्या का विचार लाते है उन्हें एक अच्छे वातावरण और माहौल की आवश्यकता होती है और उनके कुटुंब को सदैव इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि उनके परिवार के किसी सदस्य को किसी बात की चिंता या तनाव है तो उनकी समस्या में उनका साथ निभाए। ऐसे लोगों को अच्छी बातें, अच्छे धार्मिक ग्रन्थ गीता आदि इन सबका पाठ अवश्य करना चाहिए ताकि उनका ध्यान गलत राह से हट कर सही राह पर आ सके।
गूगल पर जो लोग आत्महत्या करने की जानकारी हासिल करने का प्रयास करते है कि आत्महत्या कैसे किया जाए ? इन सभी टॉपिक को गूगल से हमेशा के लिए हटा देना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह की भूल ना कर सके। आत्महत्या को तभी रोका जा सकता है जब उस चिंताग्रस्त व्यक्ति को एक अच्छा माहौल और साथ मिल पाता है क्योकि आत्महत्या वही करता है जो खुद को अपनों के रहते भी अकेला महसूस करता है।
इसलिए हमारे देश में सभी को एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि तनाव, चिंता, लड़ाई-झगड़े केवल उन्हें दुख और दर्द दे सकते है कोई हल नहीं, समय एक समान नहीं रहता, ना परिस्थितियां एक समान रहती है इसलिए अपने बुद्धि और विवेक को जागृत करने का प्रयास करें इससे पहले आप किसी अपने को खो दे उससे पहले अपने क्रोध और अहंकार से बाहर आ कर अपनों को प्यार और सम्मान देना सीखे।
कितने ऐसे असहाय लोग है जिनके पास अच्छा घर नहीं, जिनके पास दो वक्त की रोटी भी नहीं, जो पैसे के अभाव में कभी भूखे पेट ही सो जाते है फिर भी वो अपनी जिंदगी से बेहद प्यार करते है और कभी अपनी जिंदगी को खत्म करने की कोशिश नहीं करते फिर आप यदि सब कुछ होते हुए भी कुछ समस्याओं से परेशान हो कर यदि आत्महत्या जैसे गलत विचार अपने मन में लाते हो तो आपसे ज्यादा बदनसीब कोई और नहीं हो सकता जिसे अपने जीवन की कीमत का पता नहीं, जिसे अपने कुटुंब से प्यार नहीं, जिसे अपनी जिंदगी से प्यार नहीं।
माता पिता और आपके प्रियजन आपसे बेहद प्यार करते है आप तो एक बार मरोगे मगर वो आपको खो कर पल-पल मरेंगे खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे समाज में लोग तरह-तरह की बातें कहेगे आपके कुटुंब की और आपकी निंदा करेंगे क्या ये सब देख कर आपको दुःख नहीं होगा ?
यदि आज मेरे द्वारा कही गई बातें आपके दिल को छू कर गई है यदि मेरे द्वारा दिए गए उपदेशो ने आपके अंदर उम्मीद की एक नई किरण को जगाने का प्रयास किया है तो आप आज से खुद को एक वचन दो कि चाहे कितनी भी परेशानियां आ जाए आप कभी हार नहीं मानोगे आप डट कर उनका सामना करोगे यकीन मानो आप एक दिन खुद को बहुत भाग्यशाली समझोगे जब आपकी जिंदगी बदल जाएगी और आप हर समस्याओं से बाहर आ जाओगे और आपके पास वो सब कुछ होगा जिसकी आपने कल्पना की थी।
ReplyDeleteThis is a very big problem of the whole country and the world, by making it aware of which you have given a new direction to all the youth of the country. Your article will give a better and new direction to the youth of our country.Well done. 👍
Thank you
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