क्या है वास्तविक सुंदरता ?

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इंसान अक्सर कोई ना कोई भूल अवश्य करता है क्योकि इंसान यदि भूल ना करे तो वो इंसान नहीं कहलाता बल्कि वो भगवान बन जाता। भूल तो हर किसी से हो जाती है, मगर यदि कोई बार-बार एक ही भूल को दोहराएं तो वो भूल नहीं कहलाती बल्कि गुनाह कहलाता है। 


आज तक आप सब ने वही देखा वही सुना और वही समझा जो आपको उचित लगा मगर आज मैं आप सबसे एक प्रश्न करना चाहूंगी कि क्या जो हमारी आँखे देखती है, जो हमे नजर आता है वो हकीकत में सच्चाई है या कोई छलावा है जिसे हम समझ नहीं पाते।

 

1. किसी की सुंदरता पर आकर्षित होने से पूर्व कुछ खास बातों का ध्यान अवश्य रखे। 


ऊपर से सुंदर दिखने वाला अक्सर आपकी नजरों को गलत साबित कर जाता है फिर चाहे वो कोई वस्तु हो या इंसान। मगर इंसान भी क्या करे वो ना चाह कर भी वही कर जाता है जो उसे समयानुसार उचित लगता है। कुछ लोग किसी की सुंदरता को देख आकर्षित हो जाते है चाहे कोई पुरुष हो या स्त्री यदि दोनों में से कोई भी रूप या शक्ल से सुंदर दीखते है तो कुछ लोग उन्हें देख आकर्षण भाव में आ जाते है उनकी सुंदरता के कायल हो जाते है उनके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाते है यहां तक उन्हें पाने के जूनून में अक्सर कोई ना कोई गलत कदम उठाने की गुस्ताखी कर जाते है।


 मगर जब उनका सामना सच से कराया जाता है,  जब उन्हें पता चलता है कि जिसकी सुंदरता को देख वो सही और गलत, उचित अनुचित को अनदेखा कर गए वही इंसान उनके लिए एक ऐसा सबक बन गया जिसे वो पूरी जिंदगी चाह कर भी नहीं भुला पाएंगे। क्योकि अक्सर हमारी नजरे हमे धोखा दे जाती है, हमारे सामने रह कर ही कोई हमे छल जाता है और हम उसकी सुंदरता में इतने खोए रहते है कि हमें उस शख्स की वास्तविक सच्चाई नजर नहीं आती।किसी की सुंदरता पर आकर्षित और मोहित  होने से पूर्व ये जानने का प्रयास करे कि उसका दिल और मन उसकी तरह सुंदर है भी या नहीं। 


आप बाजार कुछ खरीदारी करने जा रहे है जरुरी नहीं जो सामान आपको अच्छा दिख रहा वो हकीकत में अच्छा होगा उदाहरणस्वरूप मान लो आपने फल या सब्जी खरीदा जो आपको ताजा और सुंदर दिख रहे मगर जब आप घर आ कर उनका उपयोग किया तो वो फल अंदर से बेकार निकले।


2. क्या है वास्तविक सुंदरता ?


 यही समझाने का प्रयास कर रही हूँ मैं हर चमकती चीज सोना नहीं होता, जो बाहर से सुंदर दृश्यमान हो रहा जरुरी नहीं उसका दिल और उसका मन अंदर से सुंदर और साफ हो, जरुरी नहीं सुंदरता के साथ-साथ हर कोई छल और कपट से दूर हो। मैं ये भी नहीं कहती कि हर इंसान गलत है मैं बस आपको यही कहना चाहती हूँ कि यदि आप किसी की कद्र करना चाहते है तो उसकी अच्छाई की, उसके दिल की कद्र करे ना की केवल सुंदरता की। क्योकि वास्तविक सुंदरता इंसान के अंतर्मन से हो कर शुरू होती है जिसका मन और दिल सुंदर है वही वास्तविक सुंदरता का मिशाल है। 


हमें तो एक जानवर के साथ भी गलत बर्ताव नहीं करना चाहिए फिर इंसान की बात ही क्या है, हमारे मन और दिल में सदैव सबकी भलाई की भावना रहनी चाहिए चाहे वो इंसान हो या कोई जानवर।

 

कुछ लोग ऐसे भी होते है जो बाहर से भी सुंदर होते है और उनका अंतर्मन भी सुंदर होता है जो कभी किसी का गलत नहीं सोचते ना किसी के साथ गलत बर्ताव करते है। आज मैंने आपको बस वास्तविक सुंदरता से रूबरू कराने का प्रयास किया है, ताकि आप किसी वहम या धोखे में ना रहे।


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  1. You have given a very reasonable explanation of real beauty which is absolutely true I appreciate your thoughts and ideas👍

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