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इंसान कितनी भी कोशिश कर ले मगर कभी ना कभी वो नकारत्मक सोच के घेरे में आ ही जाता है जिस कारण उसके जीवन में तनाव तथा उसके आपसी रिश्ते में मनमुटाव आ जाता है। जब इंसान नकारात्मक सोच को खुद पर हावी करने लगता है तब उसकी मनोस्थिति बदलने लगती है वो छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ने लगता है जिस कारण उसे अकेले रहना पसंद आने लगता है।
याद रहे कि अकेलापन सबके लिए बेहतर साबित नहीं होता, अकेलापन उनके लिए ही फायदेमंद साबित होता है जिनकी सोच सकारात्मक होती है, जो अकेलेपन का चुनाव खुद को नुकसान या पीड़ा पहुंचाने के लिए नहीं करते बल्कि अपने जीवन को बेहतर दिशा में ले जाने के लिए अकेलेपन का चुनाव करते है।
1. इंसान की सोच कब नकारात्मक दिशा की ओर जाती है ?
जब उसका विश्वास खुद पर से उठ जाता है, जब उसे कुछ खोने का भय रहता है, या जब उसे एक बार किसी अपने से धोखा मिलता है।
2. जो जिंदगी से जल्दी हार मान लेते है वो अवश्य ध्यान दे।
ये जिंदगी है इसे समझना इतना सरल नहीं यदि आप जिंदगी से हार मान लेंगे तो जिंदगी आपके लिए और कठिनाइयों को उतपन्न करेगी यदि जिंदगी से जीतना है तो आपको जिंदगी के हर कदम पर धैर्य और साहस बना कर आगे बढ़ना होगा अर्थात आपको निडर बनना होगा क्योकि भय से जितना भयभीत होंगे भय तुम्हें उतना ही भयभीत करेगा यदि भय को हराना है तो उसकी आँखों से आँखे मिलाना सीखो निःसंदेह तुम्हें कोई भयभीत करने का साहस नहीं जुटा पाएगा।
आज हम आप सबको यही समझाने का प्रयास कर रहे है कि गलत रास्ते, गलत दवाइयां, गलत भोजन, गलत इंसान और गलत सोच, कभी आपके लिए कल्याणकारक साबित नहीं हो सकते ये बेहद हानिकारक साबित होते है इसलिए हमेशा याद रखे जो इंसान अपनी सोच को सकारात्मक रखता है वो अपनी हर मुश्किलों का हल ढूंढ़ लेता है, मगर जो इंसान अपनी सोच को सदैव नकारात्मक रखता है वो अपनी मुश्किलों को और बढ़ा लेता है।
3. नकारात्मक सोच से होने वाले दुष्प्रभाव -
* नकारात्मक सोच मनुष्य की चेतना को अशांत और दुर्बल बनाने का कार्य करती है, जिससे मनुष्य कोई भी सही निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है वो कोई भी उचित कदम नहीं उठा पाता बल्कि अक्सर गलत कदम उठाने की भूल कर बैठता है।
* नकारात्मक सोच इंसान के दिमाग को बहुत क्षति पहुंचाती है, आपको एहसास नहीं जैसे किसी स्थान पर यदि मीठा देख एक चींटी से अनेकों चीटियां उस स्थान पर अपना घेरा बना लेती है ठीक वैसे आपकी एक नकारात्मक सोच अनेको दुविधाओं में आपको और आपके दिमाग को उलझा देती है। जिससे आप उचित अनुचित क्या है उसका निर्णय नहीं कर पाते।अक्सर आप गलत फैसले कर बैठते है और गलत लोगो को सही और सही लोगो को गलत मानने की भूल कर बैठते है।
* नकारात्मक सोच का असर मनुष्य के स्वास्थ और उसके जीवन पर भी पड़ता है, जैसे पूरे दिन गहन विचार में डूबे रहना, अविश्वास को बढ़ावा देना, खुद के महत्व को भुला देना, खुद की परवाह ना करना, क्रोध को हावी करना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन ये सब मनुष्य को अंदर से बेहद कमजोर कर देता है और उसे बीमार बना देता है।
* नकारात्मक सोच का असर आपके करीबी रिश्ते पर भी पड़ता है, क्योकि जब कोई इंसान सही हो नेक हो मगर फिर भी अपनी अज्ञानता और भूलवश यदि आप उसे भी गलत समझने लगते हो तो आपके इस भूल के कारण आप अपने सबसे करीबी अपने को खो देते हो, जिस कारण ज्यादातर लोग लड़ाई झगड़े, विवाद,तनाव और चिंताग्रस्त जीवन जीने पर मजबूर हो जाते है।
चाहे आपका करियर हो या आपके रिश्ते वो तभी बेहतर दिशा प्राप्त कर सकते है जब आपकी सोच बेहतर दिशा में होती है जब आप बेहतर बनते है इसलिए आज से अपनी नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाए और अपनी जिंदगी को सुंदर और खुशहाल बनाए।
ReplyDeleteVery inspiring and motivational article by you. ❤👍
Thank you
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