दुनिया की वो रहस्यमयी महाशक्ति कौन है ?

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 मैं आज यदि आप सबसे एक सवाल करूं कि संसार की सबसे बड़ी रहस्यमयी दौलत क्या हैं ? तो आप सबका जवाब क्या होगा ? यकीनन कुछ कली ग्रासित लोग पैसे,हीरे ,जवाहारात को ही सब कुछ मानते होंगे तो उन्हें इस रहस्यमयी महाशक्ति का आभास कैसे हो सकता हैं भला ? तो आइए आज मैं आपको इस रहस्यमयी अद्भुत महाशक्ति से वाकिफ कराती हूँ जो कोई और नहीं आपके ही माता-पिता हैं। दुनिया की सारी दौलत भी इनके समक्ष कुछ भी मायने नहीं रखता क्योकि ये वो दौलत हैं जो कभी ना ही कम हो सकता हैं और ना ही इसे आपसे कोई चोरी कर सकता हैं। मगर संसार में आज कल माता-पिता की जो दुर्दशा होती जा रही हैं वो एक गंभीर चिंता का विषय हैं।  





दुःख में भी जो आपका साथ नहीं छोड़ते बचपन से युवा होने तक जो आपके मंगलकामना की दुआ करते स्वयं भूखे सो कर जो आपको अपने हिस्से का भी निवाला खिलाते आज कल की संतान ऐसे माता-पिता के उपकारों को इतनी आसानी से कैसे भुला बैठते ?


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1. ऐसे संकेत जो ये बताते है कि ईश्वर आपसे प्रसन्न नहीं। 


भले ही माता-पिता आपसे अपने दुःख को जाहिर ना करें मगर यदि आपके माता-पिता आपके व्यवहार से प्रसन्न नहीं तो ये मान लेना की तुम्हारे ऊपर ईश्वर का हाथ नहीं अर्थात तुम उस महाशक्ति के आशीष से वंचित हो चुके हो जिसके आशीर्वाद के बिना तुम्हारी कामयाबी संभव हो ही नहीं सकती। क्योकि तुम्हारी कामयाबी का रास्ता तुम्हारे माता-पिता के चरणों से हो कर ही जाता हैं और जो संतान अपने माता-पिता के दिल को दुखाती हैं उन्हें पीड़ा पहुंचाने का प्रयास करती हैं ऐसी संतान अपने जीवन को स्वयं के बुरे कर्मो से ही अंधकार में डालने का प्रयास करती हैं। 


2. भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहलाए ?


ये जो आज कल इस कलयुग में घटित हो रहा हैं यकीनन एक भयंकर अंत की ओर इशारा कर रहा हैं। एक वो दौर था जब एक ईश्वर अवतार  मनुष्य बन कर जन्म लेना पड़ा मगर  अवतार में उन्होंने सिर्फ एक बार पिता  के कहने पर अपने राजमहल को त्याग दिया और वन में रहने को खुशी-खुशी तैयार हो गए यूँही नहीं प्रभु श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम राम कहलाए। 


मर्यादा पुरषोत्तम अर्थात जो अपनी मर्यादा को कभी ना भूले ना ही उसे तोड़ने का प्रयास करे,पुरषोत्तम सभी पुरषो में उत्तम ऐसे थे मर्यादा पुरषोत्तम राम जिनके नाम से ही बिगड़े काम बन जाते हैं मनुष्य रूप में आ कर भी जो अपनी मर्यादा से तीनो लोको में पूजे जाते हैं। काश कुछ सीखा होता आप मनुष्यों ने प्रभु राम से,श्रवण कुमार से,कोई भी यूँही महान कहलाने का दर्जा नहीं पाता ईश्वर हो या मनुष्य सब अपने अच्छे आचरण और अच्छे कर्मो के पालन से ही महानतम कहलाते हैं। 


मेरी एक बात हमेशा याद रखना ये विधि का विधान हैं जिसने भी अपने माता-पिता का दिल दुखाया हैं वो अपने कर्मो की सजा अवश्य पाया हैं। 


3. ऐसी दुआ जो आपकी नाकामी को कामयाबी में बदल दे। 


ये जो आज कल के युवा अपने माता-पिता को घर से बेघर कर रहे हैं उनपे हाथ उठा रहे हैं उन्हें सता रहे हैं,ये ना भूलना की तुमने स्वयं ही अपनी किस्मत को मिट्टी में मिलाने का प्रयास किया हैं, क्योकि माता-पिता की दुआओं में इतनी शक्ति हैं की वो तुम्हारी नाकामी को भी कामयाबी में बदल देती हैं, मगर यदि तुमने अपने माता-पिता को सताया हैं उन्हें कष्ट दिया हैं तो उनके आँखों से निकले हर आशु तुम्हारे लिए बद्दुआ ही मांगते होंगे जो कभी तुम्हे जीवन में बेहतर परिणाम नहीं दे सकता। 


4. कौन है वो महाशक्ति जिसकी छत्रछाया में आप समस्त संकटों से दूर रहते है ?


ईश्वर की पूजा अर्चना करने से तुम्हारे पाप धूल नहीं जाएंगे मगर यदि माता-पिता की सेवा करोगे उनका सदा सम्मान करोगे फिर तुम्हे ईश्वर अपने समीप ही नजर आएंगे वो इसलिए क्योकि बस युग बदला हैं समय बदला हैं मनुष्य बदला हैं यदि कुछ नहीं बदला तो वो हैं ईश्वर का कानून जो ईश्वर के कानून को तोड़ता हैं वो कभी ईश्वर के कृपा का पात्र नहीं बन सकता। माता-पिता ही तुम्हारे प्रथम गुरु हैं और माता-पिता ही तुम्हारे ईश्वर हैं ये वो महाशक्ति हैं जो तुम्हे सदैव हर संकटो से बचाए रखती हैं मगर जब संतान ही इस महाशक्ति का तिरस्कार करती हैं तो ऐसी संतान को भला कैसे कोई सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती हैं ?




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